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बीपीएससी प्रश्न पत्र लीक कांड मामले में विपक्षी पार्टियों का हमला तेज़

8 मई को आयोजित बिहार लोक सेवा आयोग के 67वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के बाद परीक्षा रद्द कर दी गई है। इसको लेकर विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है।
BPSC

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के सिविल सर्विस की परीक्षा हमेशा कुछ न कुछ कारणों से चर्चा में रही है। कभी कई-कई वर्षों पर परीक्षा होने का मामला हो या कभी परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों की गलती का मामला हो लेकिन इस बार इन सब से अलग ही मामला सामने आया है। बीपीएससी के अब तक के इतिहास में पहली बार 8 मई रविवार को हुए 67वीं संयुक्त परीक्षा के पीटी का प्रश्नपत्र वायरल हुआ जिसके बाद इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया। ऐसे में परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की मेहनत पर पानी फिर गई। वहीं परीक्षा रद्द होने से आयोग को करोड़ों रूपये का नुकसान हुआ है जबकि इसी परीक्षा को फिर दोबारा आयोजित कराने में आयोग को करोड़ो रुपये खर्च करने पड़ेंगे। वही प्रश्न पत्र लीक होने के बाद परीक्षा रद्द होने को लेकर विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर हमला शुरू कर दिया है।

परीक्षा शुरू होने से पहले प्रश्न पत्र हुआ लीक और वायरल

आयोग ने परीक्षा को सुरक्षित तरीके से कराने के लिए हर प्रकार की व्यवस्था की थी। हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक परीक्षा से एक दिन पहले आयोग के अध्यक्ष आरके महाजन ने सभी जिलों के डीएम से बात की थी। परीक्षा को लेकर सख्त निर्देश दिए गए थे।

रिपोर्ट के अनुसार बीपीएससी 67वीं परीक्षा का प्रश्नपत्र सुबह 11 बजे ही काफी तेजी से टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर वायरल होना शुरू हो गया था। उसके बाद धीरे-धीरे यह मामला यूट्यूब पर पहुंच गया। 11:30 बजे के बाद अधिकारी हरकत में आए और जांच के आदेश दिए गए। इसके 3 घंटे बाद ही परीक्षा को रद्द कर दिया गया। परीक्षा दोपहर 12 बजे से शुरू होकर दोपहर 2 बजे समाप्त हुई थी।

दूरदराज से परीक्षा देने गए छात्रों को कई तरह की परेशानियों के साथ साथ आर्थिक तौर पर भी नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा परेशानी दूसरे राज्यों से परीक्षा देने गए छात्रों को हुआ है। दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में छात्र परीक्षा देने गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक राज्यभर के 38 जिलों में 1083 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। 67 वीं बीपीएससी परीक्षा द्वारा विभिन्न 802 पदों को भरा जाएगा।

तीन घंटे की जांच के बाद परीक्षा रद्द

परीक्षा समाप्त होने के तुरंत बाद प्रश्न पत्र लीक होने की खबर जैसे ही फैली अभ्यर्थी परेशान हो गए। रिपोर्ट के मुताबिक शाम साढ़े सात बजे बीपीएससी ने परीक्षा को रद्द करने का आदेश जारी कर दिया। तीन घंटे की जांच में ही प्रश्नपत्र वायरल को सही पाया गया। इधर, प्रश्नपत्र वायरल होने की सूचना के बाद परीक्षा रद्द होने की आशंका के बीच घर लौटते समय छात्र रास्ते में परीक्षा से संबंधित पल-पल की जानकारी लेते रहे। परीक्षा रद्द किए जाने की सूचना मिलते ही वे परेशान हो गए।

आयोग को करोड़ों का नुकसान

परीक्षा रद्द होने से बिहार लोक सेवा आयोग को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र, ओएमआर शीट आदि छपवाने में काफी खर्च होता है। सभी परीक्षा केंद्रों को व्यवस्था के लिए भारी मात्रा में पैसे खर्च करने पड़ते हैं। साथ ही परीक्षा ड्यूटी में लगाए गए तमाम अधिकारियों से लेकर कर्मियों को परीक्षा ड्यूटी के लिए राशि दी जाती है। एक अनुमान के मुताबिक आयोग को करीब 10 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।

अभ्यर्थियों को करना होगा लंबा इंतज़ार

चार बार हुई तारीखों की घोषणा के बाद 8 मई को कराए गए परीक्षा के रद्द किए जाने के बाद अभ्यर्थियों को एक बार फिर नई तारीख के ऐलान का इंतजार करना होगा। परीक्षा में कम से कम तीन माह का समय लगेगा। अभी पूरी प्रक्रिया की जांच होगी। जांच के बाद ही आयोग आगे की परीक्षा के लिए तिथि जारी करेगा। जब तक जांच नहीं होगी परीक्षा भी संभव नहीं है।

परीक्षा की तारीख़ चार बार रद्द कर आगे बढ़ाई गई

बिहार लोक सेवा आयोग ने 67वीं प्रारंभिक परीक्षा की तिथि में पूर्व में चार बार बदलाव किया था। यह परीक्षा पहले 26 दिसंबर 2021 होनी थी। इसे टाल कर 23 जनवरी 2022 किया गया था। परीक्षा केंद्र मिलने में दिक्कत के कारण एक बार फिर इसकी तारीख में बदलाव करते हुए 30 अप्रैल की गई थी। इस दिन जवाहर नवोदय विद्यालय की परीक्षा होनी थी, इसलिए इस परीक्षा की तारीख फिर बढ़ा दी गई और इसे 7 मई कर दिया गया। इस दिन कोई बड़ी परीक्षा होने की वजह से फिर इसकी तारीख को बढ़ाकर 8 मई किया गया था लेकिन इस बार भी अभ्यर्थियों को निराशा हाथ लगी और परीक्षा में शामिल होने के बाद इस रद्द कर दिया गया।

छह लाख अभ्यर्थियों ने किया था आवेदन

67वीं बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के लिए 6 लाख दो हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इसमें शामिल होने के लिए पांच लाख 18 हजार अभ्यर्थियों ने एडमिड कार्ड डाउनलोड किया था लेकिन सबसे अधिक अभ्यर्थियों वाली इस परीक्षा को प्रश्नपत्र वायरल होने के कारण रद्द करना पड़ा।

विपक्षी पार्टियों का सरकार पर हमला

प्रश्न पत्र लीक होने के बाद विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है। इसको लेकर ट्वीट करते हुए विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने लिखा, "जब #BPSC जैसे संस्थान का पेपर लीक हो रहा है तो फिर बाकी का क्या होगा? पेपर लीक को लेकर सदन में आवाज उठाई,लेकिन सरकार ने नहीं सुना। जिन छात्रों ने बड़ी मेहनत से दूर से आकर परीक्षा दी, लेकिन परीक्षा रद्द हो गया।अब सरकार हर छात्र को 5 हज़ार मुआवजा दे। साथ ही दोषियों की गिरफ्तारी हो।" उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "कल्पना कर सकते हैं कि बीपीएससी जैसे संस्थानों का पेपर लीक हो रहा है तो और बाकी संस्थानों का क्या होगा। जितनी परीक्षाएं होती है उसका पेपर लीक होता है। पेपर लीक होने के लेकर कई बार हमलोगों ने सदन में आवाज भी उठाई है। सरकार को जानकारी भी दी है। लेकिन फिर भी सरकार में बैठे लोग उस पर ध्यान नहीं देते हैं। साफ तौर पर प्रदेश के नौजवान छात्र के भविष्य के साथ खिलावाड़ किया जा रहा है। टीम गठित कर उस पर कार्रवाई करनी चाहिए और जो भी दोषी है उसे सजा देनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी गलती न हो।"

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