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अडानी समूह के मुद्दे पर विपक्ष का संसद में हंगामा, कार्यवाही स्थगित

अडानी समूह से जुड़े मुद्दे पर संसद में चर्चा कराने और संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को लोकसभा में लगातार तीसरे दिन कामकाज नहीं हो सका
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फ़ोटो साभार: PTI

अडानी समूह से जुड़े मुद्दे पर संसद में चर्चा कराने और संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को लोकसभा में लगातार तीसरे दिन कामकाज नहीं हो सका और एक बार के स्थगन के बाद कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी।

सदन में आज भी कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने अडानी समूह पर ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट और शेयर बाजार में उससे जुड़े घटनाक्रम के मुद्दे पर जांच के लिए जेपीसी गठित करने तथा इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराए जाने की मांग को लेकर हंगामा किया और सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे सदन की बैठक शुरू हुई तो पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने आवश्यक कागजात प्रस्तुत कराए। इसी दौरान कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गये।

सभापति ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और कार्यवाही चलने देने की अपील की।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी विपक्षी सदस्यों से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होने देने की अपील करते हुए कहा कि सदस्य (अडाणी मुद्दे पर) जो बोलना चाहें, धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में बोल सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘संसद की परंपरा है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद सबसे पहले धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होती है। सदस्य चर्चा के दौरान अपनी बात रख सकते हैं। इस विषय पर वित्त मंत्री को जो कहना था, सार्वजनिक रूप से कह चुकी हैं।’’

जोशी ने कहा कि संसद का समय बहुमूल्य है, इसलिए सदस्यों को अपने स्थान पर जाकर चर्चा शुरू करानी चाहिए और सरकार उत्तर देने को तैयार है।

हालांकि हंगामा नहीं थमने पर पीठासीन सभापति सोलंकी ने कुछ ही मिनट बाद कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले आज सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर भी विपक्षी सदस्यों ने शोर-शराबा किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से नारेबाजी बंद करने और सदन चलने देने की अपील की।

उन्होंने श्रम मंत्रालय से संबंधित पूरक प्रश्न के लिए कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर का नाम पुकारा, हालांकि विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रही।

बिरला ने कहा, ‘‘आज मजदूरों से जुड़ा प्रश्न है...यह सदन की दिशा तय करता है। आपको किसी विषय पर चर्चा करनी है तो बातचीत करें। आप बिना बातचीत के, केवल नियोजित तरीके से सदन को स्थगित कराएं, यह उचित नहीं है। आप मेरे कक्ष में आएं, बातचीत करें, किसी भी विषय पर चर्चा के लिए पर्याप्त समय दूंगा।’’

बिरला ने कहा, ‘‘नारेबाजी करना जनता के हित में नहीं है। जनता ने आपको चुनकर भेजा है। मजदूरों से जुड़ा सवाल उठाने दीजिए। आपने (कांग्रेस) लंबे समय तक राज किया है। आप इतनी पुरानी पार्टी हैं, यह व्यवहार उचित नहीं है।’’

हंगामा नहीं थमने पर लोकसभा अध्यक्ष ने करीब 11 बजकर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

इसी विषय पर गत सप्ताह भी विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई थी।

अडानी मुद्दे पर गतिरोध कायम, पूरे दिन बाधित रही राज्यसभा

उधर राज्यसभा में अडानी मामले सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के कारण सोमवार को बैठक बाधित रही और सदन की कार्यवाही को एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।

विपक्ष के सदस्य विभिन्न मुद्दों पर कार्य स्थगन के प्रस्ताव वाले नियम 267 के तहत चर्चा कराने के लिए अड़े हुए थे। सदन में आज भी शून्यकाल एवं प्रश्न काल हंगामें की भेंट चढ़ गया।

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे बैठक फिर शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मेरे पास इस संदेश को पहुंचाने का कोई अन्य तरीका, विकल्प या प्रतिभा नहीं है। ’’

उन्होंने कहा कि सदस्य इस बात से अच्छी तरह से परिचित हैं कि सूचित कामकाज उन्हें अपनी बात को अभिव्यक्त करने के हर तरह के अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि यह इस बात के तार्किंक कारणों का उल्लंघन करता है कि सदस्य इसका लाभ क्यों नहीं उठा रहे हैं।

सभापति अपनी बात पूरी कर पाते, इसी बीच विपक्षी सदस्यों ने इस बात की मांग करना शुरू कर दिया कि नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को उनकी बात रखने का अवसर दिया जाए।

इसके बाद सभापति ने सदन की बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।

इससे पहले, पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरु होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने पूर्व सदस्य अब्दुल समद सिद्दिकी के निधन का जिक्र किया और उन्हें पूरे सदन की ओर से श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।

सभापति ने दस्तावेज पटल पर रखवाने के बाद बताया कि उन्हें विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, द्रविड मुनेत्र कषगम के तिरुचि शिवा सहित दस सदस्यों की ओर से, नियम 267 के तहत नियत कामकाज निलंबित करने और उनके मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस मिले हैं।

धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस सदस्य के सी वेणुगोपाल सहित दो सदस्यों के नोटिस विलंब से मिले हैं। उन्होंने कहा कि आसन द्वारा दी गई व्यवस्था के अनुरूप नहीं होने की वजह से ये नोटिस स्वीकार नहीं किए गए। इस पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।

सभापति ने कहा कि शून्यकाल के लिए सदस्यों द्वारा दिए गए नोटिस स्वीकार किए गए हैं और सदस्य अपने अपने मुद्दे इसके तहत उठाएं। उन्होंने वाईएसआर सदस्य वी विजय साई रेड्डी को शून्यकाल के तहत अपना मुद्दा उठाने के लिए कहा।

हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से सभापति ने कहा ‘‘यह उच्च सदन है। मैंने पहले भी बार-बार कहा है और एक बार फिर कह रहा हूं कि सदन में जनहित के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। पूरे देश की निगाहें हम पर हैं। स्थापित परंपरा और दिशानिर्देशों में स्पष्ट कहा गया है कि सदन में व्यवस्था होनी चाहिए। हम जनता की आकांक्षाओं का सम्मान नहीं कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा ‘‘मैं लोकतंत्र और संविधान के नाम पर सदस्यों से अपील करता हूं कि सदन की कार्यवाही चलने दें। हर दिन आपको मुद्दे उठाने का मौका दिया जाता है। आप नियमों को तोड़ने की कोशिश न करें। हर दिन का उपयोग जनहित से जुड़े मुद्दे उठाने में किया जा सकता है।’’

हंगामा कर रहे सदस्यों से कार्यवाही चलने देने की अपील करते हुए धनखड़ ने कहा ‘‘आप नियत कामकाज होने दें। यह समय हमारे लिए आम आदमी से जुड़े मुद्दे उठाने का है, वह उठाने दें।’’

सदन में व्यवस्था बनते न देख सभापति ने 11 बज कर करीब 12 मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह बृहस्पतिवार और शुक्रवार को भी अडानी मामले पर विपक्ष के हंगामे के कारण उच्च सदन की बैठक में गतिरोध बना रहा था।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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