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उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के बाद हिंसा का तांडव, ज़िम्मेदार कौन?

कांग्रेस नेता ने कहा कि लोकतंत्र का गला घोंटने व जनादेश को अपमानित करने के लिये भाजपा षड्यंत्र रचकर अपनी विजय का झूठा दावा कर रही है। उन्होंने कहा कि सत्ता के बल पर भाजपा द्वारा की गई धांधली का खेल पकड़ में आ गया है।
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के बाद हिंसा का तांडव, ज़िम्मेदार कौन?
Image courtesy : Hindustan

उत्तर प्रदेश में हाल ही में संपन्न हुये पंचायत चुनाव के बाद गोरखपुर सहित कई जिलों से हिंसा, झड़प और आगजनी की खबरें आ रही हैं। इस चुनावी हिंसा में कई लोग अपनी जान गँवा चुके हैं। लेकिन प्रशासन और योगी शासन इसे भी अपनी क़ामयाबी बताने में लगा है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक़ राज्य में इस बार पंचायत चुनावो में पहले की तुलना में 62 % कम हिंसा हुई है। उत्तर प्रदेश के पुलिस के आकड़ों को ही माने तो भी उत्तर प्रदेश में हाल में सम्पन्न हुए पंचायत चुनाव में आपराध के मामलों में हत्या के 10 मामले, हत्या के प्रयास के 64 मामले, बलवा के 71 मामले, बूथ कैप्चरिंग के 3 मामले, मत पेटी लूटने के 13 मामले सहित कुल 301 आपराधिक मामले दर्ज किये गए हैं। वास्तव में आपराधिक घटनाएं सरकारी आंकड़े इससे कई अधिक हो सकते हैं।

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में कथित चुनावी रंजिश के चलते क्षेत्र पंचायत की नवनिर्वाचित सदस्य (बीडीसी मेंबर) की भाभी की पीट पीटकर हत्या कर दी गई। इस घटना में दो पक्षों में जमकर लाठी, डंडे, फरसे चले,खूनी संघर्ष हुआ जिससे करीब 10 अन्य लोग घायल भी हुए हैं।

मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों के छह लोगों को हिरासत में लिया है, गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस बल को तैनात किया गया है।

पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राजकुमार अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को बताया कि बुधवार की रात जिले के थाना भुता के भंडरिया गांव में कथित रूप से पंचायत चुनाव को लेकर उत्पन्न रंजिश में दो पक्षों में लड़ाई हुई है जिसमे एक महिला की मौत हो गई।

नवनिर्वाचित पंचायत सदस्य मीना देवी के पति छतरपाल ने पुलिस को बताया सदस्य उनकी पत्नी की भाभी गीता (40) को गांव के ही प्रधान प्रत्याशी मुनीश गंगवार और सदस्य क्षेत्र पंचायत प्रत्याशी योगेंद्र व अन्य लोगो ने घर मे घुसकर लाठी डंडों से पीट पीट कर हत्या कर दी।

छतरपाल ने बताया कि पंचायत चुनाब में भंडरिया भगनापुर से उनकी पत्नी मीना देवी सदस्य क्षेत्र पंचायत के पद के लिये गांव के ही मुनीश के खिलाफ खड़ी हुई थीं और चुनाव जीत गयी।

उन्होंने बताया कि इसी बात से नाराज मुनीश व अन्य लोग बुधवार की रात उनके घर घुस आये और लाठी डंडों से उनके परिवार के सदस्यों को पीटने लगे।


छतरपाल ने बताया कि इस हमले में गीता घायल हो गईं और उनकी अस्पताल ले जाते हुए मौत हो गयी । छतरपाल ने बताया कि इस घटना में उनकी पत्नी व सदस्य क्षेत्र पंचायत मीना को भी चोटें आई है।

यह कोई अकेली घटना नहीं बल्कि पुरे प्रदेश में चुनाव में और उसके बाद लूटपाट और हिंसा की खबरे आ रही है। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर भी हिंसा का केंद्र बनकर उभरा है। वहां चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया।

पंचायत चुनाव में धोखाधड़ी करने के आरोप में अतिरिक्त निर्वाचन अधिकारी (एआरओ) के रूप में तैनात सरकारी इंजीनियर के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। इंजीनियर पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर हारे हुए उम्मीदवार को विजयी होने का प्रमाण पत्र दे दिया था।

उल्लेखनीय है कि गोरखपुर जिले में जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में पराजित घोषित किए गए दो उम्मीदवारों के समर्थकों ने बुधवार रात को प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए नई बाजार पुलिस चौकी में आग लगा दी थी। इन उम्मीदवारों का आरोप था कि अधिकारी ने धोखाधड़ी करके उन्हें विजयी घोषित नहीं किया।

इससे नाराज़ उग्र भीड़ ने पुलिस चौकी पर पथराव किया और उसमें आग लगा दी थी। इस दौरान चौकी परिसर में मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह अपनी जान बचाई थी।

इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी विजयेंद्र पांडियन ने बृहस्पतिवार को प्रत्येक बूथ के वोटो की गिनती कराई और रवि और कोई को विजयी घोषित किया।

जिलाधिकारी ने बताया कि अतिरिक्त निर्वाचन अधिकारी वीरेंद्र कुमार के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। कुमार सिंचाई विभाग में इंजीनियर के पद पर तैनात है, राज्य निर्वाचन आयोग को उनके खिलाफ कार्यवाही करने के लिये पत्र भी लिखा गया है।

इस बीच पुलिस चौकी को आग लगाने तथा पथराव करने के मामले में चार अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कर 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

विपक्ष ने इस चुनावी हिंसा के लिए बीजेपी को ज़िम्मेदार बताया

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के बाद जगह-जगह हो हिंसा और झड़प की घटनाओं पर चिंता जताते हुये सरकार से आवश्यक कदम उठाने की मांग की है।

दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी सरकार पर पंचायत चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि पंचायत चुनाव में उसने (भाजपा) जिस तरह से धांधली की है वैसा कभी नहीं हुआ।

बसपा नेता ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के बाद जिस प्रकार से राजनीतिक हिंसा, झड़प, आगजनी व अन्य आपराधिक घटनाएं लगातार घटित हो रही हैं, यह अति-दुःखद व अतिचिंताजनक है। राज्य सरकार को इस मामले में गंभीर होकर तत्काल आवश्यक कदम उठाने की सख्त जरूरत है। बसपा की यह मांग ‘उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनाव के बाद गोरखपुर सहित कई जिलों से हिंसा, झड़प और आगजनी की खबरें आ रही हैं।

कांग्रेस की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में प्रदेश अध्‍यक्ष अजय कुमार लल्‍लू ने कहा, 'यह ऐतिहासिक सच है कि सत्तारूढ़ भाजपा धांधली के बाद भी अपने निर्लज्ज दावे पर खड़ी होने का दिखावा कर रही है।'

उन्‍होंने आरोप लगाया, 'अपना जमीनी आधार खो चुकी भाजपा ने सत्ता के बल पर पंचायत चुनाव में लगभग सभी जिलों में धांधली कर अपने समर्थित उम्मीदवारों को अनेक सीटों पर जिला पंचायत सदस्य का विजय का प्रमाणपत्र दिलवा दिया, जिसके बाद धांधली की पोल खुलने पर जनआक्रोश का भी जगह जगह भाजपा को सामना करना पड़ा।'

उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री के गृह जिले गोरखपुर में पहले जबरन भाजपा समर्थित उम्मीदवार के पक्ष में परिणाम घोषित कराया गया और जब उसकी प्रतिक्रिया में जनता ने अपना आक्रोश व्यक्त किया तो जनदबाव में परिणाम बदलने के लिये मजबूर होना पड़ा।

गोरखपुर जिले में पंचायत चुनाव में धोखाधड़ी करने के आरोप में अतिरिक्त निर्वाचन अधिकारी (एआरओ) के रूप में तैनात सरकारी इंजीनियर के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। इंजीनियर पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर हारे हुये उम्मीदवार को विजयी होने का प्रमाण पत्र दे दिया था।

लल्‍लू ने यह भी दावा किया, 'जनदबाव में अनेक स्थानों पर भाजपा को अपनी धांधली पर पर्दा डालने के लिये परिणाम को अधिकारियों के माध्यम से बदलने को मजबूर होना पड़ा।'

कांग्रेस नेता ने कहा कि लोकतंत्र का गला घोंटने व जनादेश को अपमानित करने के लिये भाजपा षड्यंत्र रचकर अपनी विजय का झूठा दावा कर रही है। उन्होंने कहा कि सत्ता के बल पर भाजपा द्वारा किया गया धांधली का खेल पकड़ में आ गया है और किसानों के साथ दुर्व्यवहार, नौजवानों व बेरोजगारों के साथ उसके अन्याय ने उसको भारी पराजय के लिये विवश किया है लेकिन भाजपा पूरी निर्लज्जता के साथ अपनी जीत के जितने दावे कर रही है वह सब जमीन की सच्चाई से बहुत दूर है।

एक सवाल जो हर कोई पूछ रहा है कि राष्ट्रीय मीडिया में बंगला चुनाव के बाद की हिंसा तो खूब हेडलाइन बनी रही है, लेकिन उत्तर प्रदेश की हिंसा को पूरी तरह नज़रअंदाज़ क्यों किया जा रहा है? जबकि एक बात पूर्णत स्पष्ट होनी चाहिए कि जैसे बंगाल हिंसा के लिए ममता और तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है वैसे ही उत्तर प्रदेश की हिंसा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा ज़िम्मेदार है।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )

 

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