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पटना: हिमांशु-रूपेश-अविनाश दास के समर्थन में नारे, अभिव्यक्ति की आज़ादी दबाने के ख़िलाफ़ प्रदर्शन

हिमांशु कुमार पर लगाए गए 5 लाख के जुर्माने, रूपेश कुमार सिंह और अविनाश दास की अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी के खिलाफ सिटीजंस फोरम, पटना ने किया प्रतिवाद मार्च का आयोजन
Rupesh Kumar Singh

नागरिक सरोकारों व जनतांत्रिक अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध सिटीजंस फोरम', पटना द्वारा छत्तीसगढ़ के गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पांच लाख का जुर्माना लादे जाने, और झारखंड के पत्रकार रूपेश कुमार सिंह तथा फिल्मकार अविनाश दास की अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी के ख़िलाफ़ प्रतिवाद मार्च निकाला गया। यह प्रतिवाद मार्च जेपीओ गोलंबर से निकलकर बुद्धा स्मृति पार्क तक आया। बुद्धा स्मृति पार्क पहुंचकर यह प्रतिवाद मार्च सभा में तब्दील हो गया। विपरीत मौसम और बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में पटना के नागरिक सम्मिलित हुए।

इस प्रतिवाद मार्च के दौरान लोगों के द्वारा “लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला करना बंद करो, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बंद करो, एक-एक कर सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी क्यों, जवाब दो, 'फासीवाद का एक जवाब, इंकलाब जिंदाबाद' सामाजिक कार्यकर्ताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी क्यों जवाब दो?” के नारे लगाए गए।

सभा को संबोधित करते हुए सिटीजंस फोरम' के संयोजक अनीश अंकुर ने कहा "पिछले आठ सालों से जबसे केंद्र में भाजपा सरकार सत्तासीन हुई है, सत्ता से असहमति रखने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों, साहित्यकारों, कलाकरों की आवाजों को कुचला जा रहा है। बोलने की आज़ादी पर जिस ढंग से पाबंदी भाजपा सरकार द्वारा लगाए जा रही है, उसका विरोध करना हर भारतवासी का कर्तव्य है। यह फासिस्ट प्रवृत्ति आज देश के लोकतंत्र के लिए खतरा बन चुकी है।" 

वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता नन्दकिशोर सिंह ने प्रतिवाद सभा को संबोधित करते हुए कहा कि "आज हम एक कठिन दौर से गुजर रहे हैं। जिस ढंग से केंद्र सरकार और राज्य की मशीनरी ने जनतंत्र और जनतांत्रिक अधिकारों पर हमला करना शुरू किया है, वह अभूतपूर्व है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक के इशारों पर चलने वाली केन्द्र सरकार ने मजदूरों, किसानों, दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों एवं समाज के प्रगतिशील बुद्धिजीवियों पर हमला बोल रखा है। आज की तारीख में जनतांत्रिक अधिकारों, नागरिक स्वतंत्रताओं की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरने की जरूरत है ताकि फासिस्ट मनोमिजाज वाली भाजपा सरकार की मुखालफत की जा सके।" 

संजय श्याम ने अपने संबोधन में कहा "हिमांशु कुमार बस्तर के इलाके में जल-जमीन-जंगल के सवालों को कॉरपोरेट द्वारा हथियाये जाने का विरोध करते हैं। इसी कारण पूँजीपतियों को बचाने के लिए हिमांशु कुमार पर पांच लाख का जुर्माना लगाया गया। हिमांशु कुमार ने बिल्कुल सही कहा है कि वे जुर्माना नहीं देंगे। झारखंड के रूपेश कुमार सिंह हमेशा से आदिवासियों पर पुलिस जुल्म के खुलाफ़ विरोध करते रहे हैं। इस कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया।"

माकपा के नेता अरुण मिश्रा ने प्रतिवाद मार्च को संबोधित करते हुए कहा "पूरा भारत सर्विलांस स्टेट में तब्दील हो चुका है। कौन कहां गिरफ्तार हो जाएगा इसका कोई ठिकाना नहीं है। जहां हिंसा की कोई बात ही नहीं है वहां भी हमारी सरकार व कोर्ट भयभीत हो जाती है। हमारे बीच के साथी अविनाश दास को गिरफ्तार कर लिया गया। ये पहली सरकार है जिसने सभी आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स लगा दिया है। लोगों के गुस्से को सड़क पर उतारना होगा इसके लिए काम करना होगा।"

सामाजिक कार्यकर्ता प्रीति सिंह ने कहा  "सब कुछ निजीकरण होता जा रहा है, बेरोजगारी की समस्या बढ़ती जा रही है ऐसी स्थिति में हमलोगों को एकजुट होना होगा।" 

सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र कुमार ने कहा "पूंजीवादी लोकतंत्र की नियति ही फासीवाद है जो कभी भी लोकतांत्रिक अधिकारों को दबा कर ही आगे बढ़ सकती है। हम सशक्त प्रतिरोध तभी खड़ा कर सकते हैं जब मज़दूरों-किसानों  को संगठित करें।" 

बिगुल मज़दूर दस्ता की वारुणी पूर्वा ने कहा "आज मोदी भक्ति को देश भक्ति साबित किया जा रहा है। जनवादी लेखकों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। आमलोग जब तक नहीं उतरेंगे तब तक सरकार दमनात्मक कार्रवाई करती रहेगी।"

मंटू कुमार ने कहा "कुछ सालों के अंदर चौबीस हजार लोगों पर UAPA लाद दिया गया।"

भाकपा के पटना जिला सचिव ने रामलला सिंह ने कहा " इस सरकार को घमंड है कि जो लोग अपने जीवन को न्योछावर कर सरकार के विभागों की गड़बड़ी को उजागर करते हैं उनके साथ क्रूरता पूर्वक व्यवहार कर रही है। बैंक, बीमा सहित सरकारी क्षेत्रों को बेच रही है उसका विरोध करने वालों के साथ षड्यंत्र कर रही है।"

सभा को राजाराम सिंह, नूर हसन, विनोद रंजन, मंगल पासवान, गौतम गुलाल, कौशलेंद्र वर्मा आदि ने भी संबोधित किया। सभा का संचालन AISF के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव विश्वजीत कुमार ने किया।

प्रतिवाद सभा में मौजूद लोगों में प्रमुख थे- चक्रवर्ती अशोक प्रियदर्शी, मज़दूर पत्रिका के सतीश कुमार, श्रम मुक्ति संगठन के जयप्रकाश ललन, पार्थ सरकार, राधेश्याम, अरवल भाकपा के सचिव अरुण पासवान, चिकित्सक नूर हसन, उमा कुमार, मधु मृणालिनी, गालिब खान, हरदेव ठाकुर, जीतेन्द्र कुमार, सुनील सिंह, जयप्रकाश, विनोद रंजन, एटक के राज्य अध्यक्ष अजय कुमार भाकपा के पटना जिला सचिव रामलला सिंह, गोपाल शर्मा, तारकेश्वर ओझा, इंद्रजीत कुमार, अशोक चन्द्रवँशी, मणिलाल, महेश रजक, घनश्याम, जौहर, मनोज झा, रामलखन, राजेन्द्र कुमार आदि। अंत में नारा लगाकर सभा की समाप्ति की गई।

ये भी देखें: कौन हैं जेल में बंद पत्रकार रूपेश कुमार सिंह

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