NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
भारत की तरह पौलेंड में भी पेगासस पर मचा हंगामा, विपक्षी नेताओं के फोन हैक करने का आरोप
पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर विपक्षी सांसदों और एक फेडरल प्रासीक्यूटर के फोन हैक किए गए हैं। हालाँकि, पोलैंड की सरकार अपराधियों को खोजने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है।
जाकेक लेपियर्ज़
08 Jan 2022
Translated by महेश कुमार
Pegasus
कंप्यूटर विशेषज्ञों का कहना है कि पेगासस जैसे स्पाइवेयर के सामने कोई सुरक्षा काम नहीं करती है।

जुलाई 2021 में, पत्रकारों के एक अंतरराष्ट्रीय कॉन्सॉर्टियम ने एक गहन जांच कर खुलासा किया था कि कैसे अज़रबैजान, सऊदी अरब, रवांडा और मोरक्को जैसे निरंकुश हुकूमत अपने देश के राजनेताओं, संवाददाताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी करने के लिए इजरायली पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर रहे थे। यूरोपीय यूनियन के देशों में इस सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करने वाला एकमात्र देश हंगरी था।

अब, करीब आधे साल बाद, इसके विवरण सामने आ रहे हैं जो इशारा करते हैं कि पोलैंड की मौजूदा सरकार, राष्ट्रीय-रूढ़िवादी कानून और न्याय (पीआईएस) पार्टी के नेतृत्व में, खुद के तैयार किए पेगासस घोटाले में फंस सकती है। विपक्षी सिविक प्लेटफॉर्म (पीओ) के एक प्रमुख सांसद क्रिज़्सटॉफ़ ब्रेज़ा ने दिसंबर 2021 के अंत में कहा था कि अप्रैल और अक्टूबर 2019 के बीच उनके स्मार्टफोन को 33 बार हैक किया गया था।

इस ही समय के दौरान, ब्रेज़ा ने 13 अक्टूबर, 2019 को हुए संसदीय चुनावों से पहले अपनी पार्टी की चुनावी टीम का नेतृत्व किया था। इस अवधि के दौरान, पोलिश सार्वजनिक प्रसारक टीवीपी ने ब्रेज़ा पर आरोप लगाया था और एक नकली ईमेल का हवाला देते हुए कहा था उन्होने राजनीतिक दुश्मनों के खिलाफ एक अपमानजनक अभियान चलाने की कोशिश की थी। ब्रेजा ने कहा कि उन्हें लगता है कि उन पर आरोप लगाने का समय "कोई संयोग नहीं था।" 38 वर्षीय ब्रेजा ने कहा कि इस दौरान उनके फोन से ईमेल डाउनलोड किए गए और बाद में उन्हें षडयंत्रकारी बनाने के लिए उनमें हेरफेर किया गया था।

ब्रेजा का कहना है कि उनका फोन कई बार हैक किया गया था। 


ब्रेजा एकमात्र पोलिश राजनेता नहीं थे जिनके ऊपर निगरानी की जा रही थी। किसी समय गृह मंत्री के रूप में काम कर चुकी एक प्रमुख विपक्षी वकील रोमन गीर्टिक का कहना है कि उनका फोन 18 बार हैक किया गया था। जून और अगस्त 2021 के बीच छह बार हैक के निशान पोलिश प्रासीक्यूटर इवा व्रज़ोसेक के फोन पर भी पाए गए हैं, जिन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डाक मतदान शुरू करने की पोलिश सरकार की 

विवादास्पद योजनाओं की आलोचना की थी, और वे विपक्षी एसोसिएशन,पोलिश स्वतंत्र प्रासीक्यूटर, "लेक्स सुपर ओम्निया” के लिए भी काम करते हैं।

पेगासस क्या है?

पेगासस स्पाइवेयर को इजरायली प्रौद्योगिकी फर्म एनएसओ द्वारा विकसित किया गया था। इसे दुनिया भर के देशों को आतंकवाद और संगठित अपराध के खिलाफ लड़ाई में मदद करने के लिए बेचा जाता है। पेगासस वास्तविक समय में आईफोन (iPhones) और एंडरोइड-आधारित स्मार्टफ़ोन की जासूसी करने में काफी सक्षम है। यह बातचीत रिकॉर्ड कर सकता है, स्थान, डेटा को दर्ज़ कर सकता है और गुप्त रूप से सक्रिय कैमरों की निगरानी भी कर सकता है।

(एन.एस.ओ. इज़राइल के हर्ज़लिया में स्थित है)

एसोसिएटेड प्रेस की एक समाचार रिपोर्ट से ब्रेजा को पता चला कि उन्हें हैक कर लिया गया है। व्रज़ोसेक को पता चला कि उनके डिवाइस को स्मार्टफोन निर्माता एप्पल ने खतरे में डाला था। टोरंटो विश्वविद्यालय में स्थित एक सिटिज़न लैब ने हैक की पुष्टि की है। पोलिश विपक्षी नेता इसे "पोलिश वाटरगेट" घोटाले का पल बता रहे हैं और एक विशेष संसदीय जांच की मांग कर रहे हैं, क्योंकि उन्हे इस बात का भी अंदेशा है कि पिछले चुनावों में नेताओं और अन्य प्रमुख  सार्वजनिक हस्तियों पर निगरानी की गई हो सकती है।

सरकार किसी भी ऐसी जानकारी से कर रही है इनकार 

इस बीच, सरकार ने कहा है कि उसे इस किस्म के गलत काम की जानकारी नहीं है। 2021 के अंत में पत्रकारों से बात करते हुए उप न्याय मंत्री माइकल वोस ने कहा, "मुझे नहीं पता कि आप किस प्रणाली के बारे में पूछ रहे हैं, मुझे नहीं पता कि यह कौन सी प्रणाली है।" वोस ने कहा कि न्याय मंत्री और पब्लिक प्रोसिक्युटर जनरल ज़बिग्न्यू ज़िओब्रो को भी इस तरह की किसी भी अवैध निगरानी की जानकारी नहीं थी।

पब्लिक प्रोसिक्युटर के कार्यालय ने मामले में बहुत कम दिलचस्पी दिखाई है। विपक्षी सांसद ब्रेजाज़ के वकील ने आरोप दायर किए हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही शुरू नहीं की गई है। व्रज़ोसेक, जिसने कानूनी कार्रवाई की भी मांग की है, उनका केस खारिज हो गया था, क्योंकि उस केस में अधिकारियों ने सबूतों की कमी का हवाला दिया था।

जनवरी की शुरुआत में, वोस ने ट्विटर के ज़रिए मामले पर प्रकाश डाला, जिस ट्वीट में एक प्लेस्टेशन गेमिंग कंसोल की एक तस्वीर को कैप्शन के साथ पोस्ट किया: "यह पेगासस है जिसे मैंने 90 के दशक में खरीदा था।" इस बीच, पोलिश प्रधानमंत्री माटुस्ज़ मोराविकी ने संकेत दिया है कि फोन-हैकिंग कांड विदेशी खुफिया एजेंसियों का काम हो सकता है, क्योंकि "दुनिया भर में ऐसी कई एजेंसियां पहले से ही मौजूद हैं।"

शीर्ष स्तर का सौदा

हाल ही में, हालांकि, स्पाइवेयर मामले पर और अधिक प्रकाश डालने वाले दस्तावेजों का एक बड़ा पुलिंदा सामने आया है। 3 दिसंबर को, पोलिश वामपंथी-उदारवादी दैनिक अख़बार गजेटा व्यबोर्क्ज़ा ने खुलासा किया कि कैसे जुलाई 2017 में, हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने पोलैंड के तत्कालीन प्रधानमंत्री बीटा स्ज़ीडलो और पूर्व इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मुलाकात की थी। अखबार ने बताया कि उसी बैठक के बाद पेगासस स्पाइवेयर खरीदने का फैसला लिया गया था।

(हंगरी एकमात्र यूरोपीयन यूनियन का देश है जो जासूसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने का दोषी पाया गया है)

गजेटा व्यबोर्क्ज़ा की रिपोर्ट बताती है कि पोलिश सरकार ने अपराध पीड़ितों के लिए बने एक फंड से 25 मिलियन ज़्लॉटी (जोकि करीब 6 मिलियनडॉलर या 5.5 मिलियन यूरो बैठता है) पैसा निकालकर खरीद को छुपाने की कोशिश की थी, जिसे न्याय मंत्रालय नज़रअंदाज़ किया और जिसका खर्च केंद्रीय भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Central Anti-Corruption Bureau) को उठाना चाहिए था। इसे संभव बनाने के लिए, पोलिश संसद को फंड की स्थिति को बदलना पड़ा। अख़बार कहता है कि वोस ने वित्त समिति के सामने अनुरोध प्रस्तुत किया है। गजेटा व्यबोर्क्ज़ा के अनुसार, सांसदों को या संसद को कभी भी इस बात की सूचना नहीं दी गई थी कि स्पाइवेयर खरीदने के लिए धन का आवंटन किया गया था।

इज़राइल ने कथित तौर पर पेगासस का इस्तेमाल करने के लिए लाइसेंस धारी देशों की संख्या को 100 से घटाकर 37 कर दिया है। हंगरी और पोलैंड उन देशों में से हैं, जिनका लाइसेंस रद्द कर दिया गया था। हालाँकि, पोलैंड के विपक्ष के सदस्यों को संदेह है कि इससे निगरानी कार्यक्रम समाप्त हो जाएगा। "आने वाले दिनों में, हमें निगरानी से पीड़ितों के नाम और फोन नंबर की और अधिक जानकारी मिलेगी," पीओ के संस्थापक सदस्य ग्रेज़गोर्ज़ शेटीना, जो कभी गृह और विदेश मंत्री के रूप में काम कर चुकी हैं ने उक्त बात कही।

इस बीच, सुरक्षा विशेषज्ञ पियोट्र निमेज़िक ने बताया कि अन्य स्पाइवेयर विकल्प पहले से ही बाज़ार में मौजूद हैं: उत्तर मैसेडोनिया स्थित इजरायली साइबर सुरक्षा कंपनी साइट्रोक्स ने पेगासस के लिए एक पेंडेंट, प्रीडेटर विकसित किया है। 27 दिसंबर को, पीआईएस नेता और उप-प्रधान मंत्री जारोसलाव काक्ज़िंस्की ने पोलिश जनता को यह कहकर आश्वस्त किया कि, "मैं उस वक़्त केवल आधा-मजाक कर रहा होता हूं जब मैं आपको कहता हूं कि आप मेरे जैसे फोन का इस्तेमाल करें, एक पुराना, इस्तेमाल किया हुआ उपकरण, जो वीडियो रिकॉर्ड करता है, अगर आप जानते हैं कि रिकॉर्डिंग के लिए किस बटन का इस्तेमाल करना है।" यह सर्वविदित है कि काक्ज़िंस्की आधुनिक तकनीक पर गहरा संदेह व्यक्त कर रहे थे।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित इस मूल आलेख को पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें: Who Hacked Poland's Opposition?
 

Pegasus
Spyware Pegasus
Pegasus spyware
Pegasus hacking
NSO pegasus spyware
Poland
pegasus spyware case

Related Stories

यूक्रेन: यूरोप द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाना इसलिए आसान नहीं है! 

पेगासस मामला : न्यायालय ने जांच रिपोर्ट सौंपने की समय-सीमा बढ़ाई

ख़बरों के आगे पीछे: बुद्धदेब बाबू को पद्मभूषण क्यों? पेगासस पर फंस गई सरकार और अन्य

पेगासस मामले में नया खुलासा, सीधे प्रधानमंत्री कठघरे में, कांग्रेस हुई हमलावर

यमन में युद्ध अपराध की जांच कर रहे यूएन इंवेस्टिगेटर की जासूसी के लिए सऊदी ने किया पेगासस का इस्तेमाल

Apple और पेगासस आमने सामने! क्या जागेगी मोदी सरकार ?

पेगासस पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला गांधी, राम मोहन राय के नज़रिये की अभिव्यक्ति है

पेगासस जासूसी कांड पर सुप्रीम कोर्ट की खरी-खरी: 46 पन्नों के आदेश का निचोड़

पेगासस मामले में कोर्ट के आदेश से विपक्ष के रुख़ पर मोहर, संसद में होनी चाहिए चर्चा : राहुल

पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बनाई समिति, कहा निजता के उल्लंघन से सुरक्षा प्रदान करना जरूरी


बाकी खबरें

  • बिहार में अग्निपथ योजना का विरोध तेज़, छात्र संगठनों ने किया विधानसभा घेराव का ऐलान
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार में अग्निपथ योजना का विरोध तेज़, छात्र संगठनों ने किया विधानसभा घेराव का ऐलान
    25 Jun 2022
    अग्निपथ योजना को लेकर चल रहा विरोध बिहार में अभी थमा नहीं है। राज्य के छात्र व युवा संगठनों ने 29 जून को बिहार विधानसभा का घेराव करने का ऐलान किया है।
  • सत्यम् तिवारी
    सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सेतलवाड़ गुजरात एटीएस की हिरासत में
    25 Jun 2022
    गुजरात दंगों में मारे गए एहसान जाफ़री की पत्नी ज़ाकिया जाफ़री के साथ याचिका दायर करने वाली पत्रकार-सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सेतलवाड़ को गुजरात एटीएस ने आज 25 जून को हिरासत में ले लिया है। उनके ख़िलाफ़…
  • Saare Sukhan Humare
    न्यूज़क्लिक टीम
    सारे सुख़न हमारे : बच्चों और बचपन की शायरी
    25 Jun 2022
    "मेरे दिल के किसी कोने में इक मासूम सा बच्चा, बड़ों की देख कर दुनिया बड़ा होने से डरता है"
  • एपी
    नॉर्वे में गोलीबारी में दो लोगों की मौत, 10 घायल : आतंकवादी हमले की आशंका
    25 Jun 2022
    पुलिस अधिकारियों ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गोलीबारी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया 42 वर्षीय संदिग्ध व्यक्ति ईरानी मूल का नॉर्वे का नागरिक है, जिसकी आपराधिक पृष्ठभूमि रही है। पुलिस ने हमलावर…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    अग्निपथ योजना के विरोध में युवाओं के साथ में किसानों और मज़दूर भी सड़कों पर उतरे
    25 Jun 2022
    कई किसान संगठनों, दस केंद्रीय मज़दूर संघों और छात्रों ने शुक्रवार को ‘अग्निपथ’ योजना के ख़िलाफ़ देशभर में शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन किए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें