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पुदुचेरी चुनाव: भाजपा पर मतदाताओं को रिश्वत देने और लंबे-चौड़े वादे करने का आरोप

केंद्र शासित प्रदेश पुड्डूचेरी में जहां कुल 81.55% मतदान हुआ है, वहां कांग्रेस ने सारी उम्मीदें अपने पारंपरिक मतदाता-आधार पर लगा रखी हैं। 
पुदुचेरी चुनाव: भाजपा पर मतदाताओं को रिश्वत देने और लंबे-चौड़े वादे करने का आरोप

6 अप्रैल को केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी में विधानसभा की 30 सीटों के लिए हुए एकल चरण के मतदान के लिए मतदाता भारी दादाद में निकलकर आए। अंतिम मतदान की सूची यहाँ पर 81.55% रही है। स्थानीय कांग्रेस सरकार को अपदस्थ करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस केंद्र शासित प्रदेश में अपनी घुसपैठ बनाने के लिए बेचैन है।

पार्टी की चुनावी रणनीति मुख्यतया प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा इस क्षेत्र के विकास को लेकर केंद्र से भरपूर सहयोग के वादों पर आधारित थी।

कांग्रेस के नेतृत्व वाले द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) एवं विदुथलाई चिरुथैगल कच्ची (वीसीके) गठबंधन को उम्मीद है कि वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को सत्ता से दूर रख पाने में सफल रहेगा। हालाँकि, चुनाव-पूर्व सर्वेक्षणों में एनडीए के लिए बेहतर स्थिति में रहने का पूर्वानुमान लगाया गया है, जिसमें भाजपा के साथ आल इंडिया एनआर कांग्रेस (एआईएनआरसी) और आल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) सहयोगी दल शामिल हैं।

विकास को लेकर एनडीए के वायदे 

हमेशा की तरह यहाँ पर भी भाजपा ने इस बात पर जोर दिया है कि यदि वे सत्ता में आते हैं तो इस केंद्र शासित प्रदेश में विकास और रोजगार के अवसर पैदा करेंगे। पीएम और गृह मंत्री ने अपने दौरों के दौरान वादों की झड़ी लगा दी थी। 30 मार्च को अपने संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि एनडीए पुड्डुचेरी को ‘बेस्ट’’-“व्यवसाय, शिक्षा, अध्यात्म एवं पर्यटन” बनाने के लिए काम करेगा।

फ्रंटलाइन पत्रिका के सह-संपादक आर.के. राधाकृष्णन ने न्यूज़क्लिक को बताया: “ऐसा कोई भी प्रमाण समूचे देश भर में नहीं मिलता, जहाँ पर भाजपा सत्ता में आई हो या लंबे समय से शासन में रही हो और वहां के लोगों की जीवन में कोई बेहतरी देखने को मिली हो। पार्टी द्वारा इस केंद्र शासित क्षेत्र में एकल अंक वाले लाटरी टिकट बेचने वालों से लेकर शराब उद्योग से जुड़े लोगों तक को टिकट बांटा गया है। इन वादों के पूरा होने की कोई संभावना नजर नहीं आती, क्योंकि ये लोग तो सिर्फ अपने धंधों को बचाने की फ़िराक में हैं।”

राधाकृष्णन आगे कहते हैं “इस क्षेत्र की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को देखते हुए, पुड्डुचेरी को पर्यटन केंद्र से आध्यात्मिक शहर में तब्दील करने के आरएसएस के एजेंडा के ही साकार होने की संभावना नजर आ रही है।”

चुनाव अभियान के दौरान अपने भाषण में गृहमंत्री अमित शाह ने भी वादा किया था कि ‘पुड्डुचेरी को भारत का रत्न’ बनायेंगे। भाजपा नेताओं ने बेरोजगारी की दर को 40% से कम करने का वादा भी किया है, जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा जारी इनके चुनावी घोषणापत्र में शामिल किया गया था। कोरोनावायरस महामारी के दौरान अप्रैल 2020 में, पुड्डुचेरी में बेरोजगारी की दर असामान्य रूप से 75.8% के स्तर तक बढ़ गई थी।

डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (डीवाईएफआई) की पुड्डुचेरी ईकाई के अध्यक्ष ए. आनंद के अनुसार “भाजपा बड़े-बड़े और झूठे वादे करने के लिए मशहूर है। पुड्डुचेरी में दो लाख नौजवान रोजगार के लिए पंजीकृत हैं। केंद्र में आसीन भाजपा सरकार ने पिछले पांच वर्षों से नियुक्तियों पर रोक लगा रखी है। उनके ये वादे सिर्फ चुनावी जुमले हैं, और इसके सिवाय कुछ नहीं है।”

 ‘28 निर्वाचन क्षेत्रों में वोट के बदले में कैश की शिकायतें’

गठबंधन के भीतर भाजपा अपना दबाव बनाती जा रही है, और एआईएनआरसी को एनडीए में शामिल होने के मजबूर कर रही है, जबकि एआईएडीएमके के पास गठबंधन में शामिल होने के अलावा कोई चारा नहीं था। यहाँ पर एआईएडीएमके एक जूनियर पार्टनर की हैसियत तक सिमट कर रह गई है, जिसे मात्र पांच सीटें आवंटित की गई थीं। वहीं भाजपा ने नौ निर्वाचन क्षेत्रों से अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, जबकि 2016 के चुनावी मुकाबले में इसकी 30 निर्वाचन क्षेत्रों में से 29 में जमानत जब्त हो गई थी।

भाजपा हमेशा से यह आरोप लगाती आई है कि द्रविड़ पार्टियाँ मतदाताओं को रिझाने के लिए रिश्वत देते रहे हैं, और अपने चुनावी घोषणापत्रों में मुफ्त में चीजें बाँटने की घोषणायें करते आये हैं। हालाँकि, इस बार यह खुद गलती करते पकड़ा गया, जब इसके थिरुनलार निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार राजशेखरन पर महिलाओं को सोने के सिक्के और पुरुष मतदाताओं को 2,000 रूपये नकद बांटने का आरोप लगाया गया था। चुनाव आयोग ने कथित तौर पर इस उम्मीदवार के सहयोगियों के पास से इस प्रकार के 149 सोने के सिक्के और 96,000 रूपये नकद जब्त किये थे।

राधाकृष्णन आरोप लगाते हुए कहते हैं “खबर है कि 30 निर्वाचन क्षेत्रों में से 28 में पैसे बंटवाये गए थे। मतदान से पहले 2,000 रूपये का भुगतान किया गया था, और 2 मई को चुनाव परिणाम के बाद एक फिर से 1,000 रूपये दिए जाने का वादा किया गया था। नरेंद्र मोदी की तस्वीरों वाले सोने के सिक्के जब्त किये गए थे, लेकिन ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग, तमिलनाडु में इस पर भारी हंगामा और चिल्ल-पों मचाने के बाद पुड्डुचेरी में पूरी तरह से खामोश हो गया है।”

‘चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों को जबरन थोपा जा रहा है?’

अधिकांश चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में एनडीए की जीत की भविष्यवाणी की गई है, लेकिन राधाकृष्णन को लगता है कि “चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों के जरिये भाजपा के पक्ष में जमीन तैयार की गई है।”

इस बारे में राधाकृष्णन का कहना है “चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में भारी जीत का पूर्वानुमान लगाना पूरी तरह से अकल्पनीय है। लोगों की मानसिक संरचना में 180 डिग्री तक का बदलाव लाने के लिए भाजपा ने जमीन पर ऐसा कुछ भी नहीं किया है।”

भाजपा ने बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया अभियान जारी किया था, जिसपर मद्रास हाई कोर्ट ने भारत के चुनाव आयोग को नागरिकों की गोपनीयता भंग करने के मामले में जांच का आदेश दिया है। 

आनंद ने बताया “डीवाईएफआई की तरफ से हमने भाजपा द्वारा डेटा चोरी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अदालत ने चुनाव को स्थगित करने से इंकार कर दिया, लेकिन संबंधित अधिकारियों को इस मामले की विस्तृत जांच करने के बाद वापस रिपोर्ट करने के आदेश दिए हैं।”

पिछले विधानसभा में भाजपा के तीन मनोनीत सदस्य थे, जबकि डीएमके और कांग्रेस ने इस केंद्र शासित प्रदेश में लगभग 58 वर्षों तक शासन किया है। वहीं एआईएडीएमके 1.5 वर्षों तक सत्ता पर काबिज रही। एआईएनआरसी ने भी पांच साल तक सत्ता संभाली है। सत्ता में अपनी वापसी के लिए कांग्रेस अपने परंपरागत मतदाताओं के भरोसे है। हालाँकि, पूर्व मुख्यमंत्री वी. नारायणस्वामी इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, जिसके चलते कांग्रेसी खेमे के भीतर माहौल फीका है।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Puducherry Elections: Desperate BJP Allegedly Bribes Voters, Makes Huge Promises

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