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राहुल की संसद सदस्यता रद्द, कांग्रेस ने कहा- काला दिन, भाजपा ने कहा-किए की सज़ा मिली

राहुल की सदस्यता रद्द होने के बाद अब कांग्रेस सर जोड़कर बैठी है कि आगे के लिए क्या रणनीति अपनाई जाए।
Rahul
फ़ोटो साभार: PTI

जैसा कि अंदेशा था राहुल गांधी की संसद सदस्यता ख़त्म कर दी गई है। अगर उन्हें ऊपरी अदालत से कोई राहत नहीं मिलती तो वे अगले 6 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। अब कांग्रेस सर जोड़कर बैठी है कि आगे के लिए क्या रणनीति अपनाई जाए। साथ ही विपक्ष भी सकते में है और विभिन्न दलों ने अपना कड़ा प्रतिरोध दर्ज कराया है। अब आने वाले समय में साफ़ होगा कि कांग्रेस समेत इन दलों की 2024 के लिए क्या रणनीति होगी। फिलहाल यह कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है और अगर देर-सबेर राहुल जेल जाते हैं तो कांग्रेस की राह आसान नहीं होगी।

केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया गया। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा।

अधिसूचना में कहा गया है कि उन्हें (राहुल गांधी) संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है।

इसमें कहा गया है कि ‘‘सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को 23 मार्च 2023 से अयोग्य ठहराया जाता है।’’

उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दो साल कारावास की सजा सुनाई।

अदालत ने, हालांकि गांधी को जमानत दे दी तथा उनकी सजा के अमल पर 30 दिनों तक के लिए रोक लगा दी, ताकि कांग्रेस नेता फैसले को चुनौती दे सकें।

विभिन्न प्रतिक्रियाएं

राहुल को अयोग्य ठहराना लोकतंत्र के लिए ‘काला दिन’, कानूनी और राजनीतिक लड़ाई लड़ेगे: कांग्रेस

कांग्रेस ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद शुक्रवार को कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र के लिए ‘काला दिन’ है और वह मोदी सरकार के इस ‘सुनियोजित कदम’ के खिलाफ कानूनी और राजनीतिक लड़ाई लड़ेगी।

पार्टी ने यह भी कहा ‘‘भारतीय लोकतंत्र ओम शांति।’’

कांग्रेस ने इस घटनाक्रम पर आगे की रणनीति तय करने के लिए आज शाम पांच बजे पार्टी मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘कांग्रेस मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई गई है जिसमें इस लड़ाई को आगे ले जाने की रणनीति तय की जाएगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार को सबसे ज़्यादा डर राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से लगता है। लोकतंत्र की हत्या करने लिए उन्होंने गांधी की संसद सदस्यता रद्द की है। वे सच बोलने वालों का मुंह बंद करना चाहते हैं।’’

खरगे ने कहा, ‘‘देशवासी यह तानाशाही नहीं सहेंगे। लोकतंत्र की हिफ़ाज़त के लिए हम जेल तक जाएंगे। हम जेपीसी की मांग करते रहेंगे।’’

कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘राहुल गांधी को अयोग्य ठहराया जाना ताबूत में आखिरी कील है। यह लोकतंत्र के लिए काला दिन है। यह मोदी सरकार का सुनियोजित कदम है ताकि संसद में राहुल गांधी की आवाज को बंद कर दिया जाए। हम इससे कानूनी और राजनीतिक रूप से निपटेंगे। सच की जीत होगी।’’

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘हम इस लड़ाई को कानूनी और राजनीतिक रूप से लड़ेंगे। हम धमकी के आगे नहीं झुकेंगे और खामोश नहीं होंगे। प्रधानमंत्री से जुड़े अडानी महाघोटाले में जेपीसी बनाने के बजाय राहुल गांधी को अयोग्य ठहरा दिया गया। भारतीय लोकतंत्र ओम शांति।’’

कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, ‘‘राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता ख़त्म कर दी गई। वह आपके और इस देश के लिए लगातार सड़क से संसद तक लड़ रहे हैं, लोकतंत्र को बचाने की हर सम्भव कोशिश कर रहे हैं। हर षड्यंत्र के बावजूद वह यह लड़ाई हर क़ीमत पर जारी रखेंगे और इस मामले में न्यायसंगत कार्यवाही करेंगे। लड़ाई जारी है।’’

पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘जैसी भाजपा, संघ, नरेन्द्र मोदी जी से उम्मीद थी कि मोदी अडानी संबंधों पर वे राहुल गांधी को संसद में बोलने नहीं देंगे, वही हुआ। राहुल गांधी के चार साल पुराने बयान पर उनकी संसद की सदस्यता समाप्त कर दी गई। लोकतंत्र के मंदिर में नहीं बोलने दोगे तो जनता की अदालत में जाएंगे।’’

केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा।

गांधी परिवार कभी नहीं झुका, कभी नहीं झुकेगा: प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद शुक्रवार को कहा कि गांधी परिवार के रगों में जो खून दौड़ता है, उसकी एक ख़ासियत है कि यह परिवार कभी नहीं झुका और कभी नहीं झुकेगा।

प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘नरेन्द्र मोदी जी आपके चमचों ने एक शहीद प्रधानमंत्री के बेटे को देशद्रोही, मीर जाफ़र कहा। आपके एक मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि राहुल गांधी का पिता कौन है? कश्मीरी पंडितों के रिवाज निभाते हुए एक बेटा पिता की मृत्यु के बाद पगड़ी पहनता है, अपने परिवार की परंपरा क़ायम रखता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भरी संसद में आपने पूरे परिवार और कश्मीरी पंडित समाज का अपमान करते हुए पूछा कि वह नेहरू नाम क्यों नहीं रखते…. लेकिन आपको किसी न्यायाधीश ने दो साल की सज़ा नहीं दी। आपको संसद से अयोग्य नहीं ठहराया।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘राहुल जी ने एक सच्चे देशभक्त की तरह अडानी की लूट पर सवाल उठाया, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पे सवाल उठाया। क्या आपका मित्र गौतम अडानी देश की संसद और भारत की महान जनता से बड़ा हो गया है कि उसकी लूट पर सवाल उठा, तो आप बौखला गए?’’

प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘आप मेरे परिवार को परिवारवादी कहते हैं, जान लीजिए, इस परिवार ने भारत के लोकतंत्र को अपने खून से सींचा, जिसे आप ख़त्म करने में लगे हैं। इस परिवार ने भारत की जनता की आवाज़ बुलंद की और पुश्तों से सच्चाई की लड़ाई लड़ी। हमारी रगों में जो खून दौड़ता है, उसकी एक ख़ासियत है… आप जैसे कायर, सत्तालोभी तानाशाह के सामने कभी नहीं झुका और कभी नहीं झुकेगा। आप कुछ भी कर लीजिए।’’

राहुल गांधी को उनके कृत्य की सज़ा मिली है: भाजपा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता समाप्त किए जाने के फैसले को उचित ठहराते हुए शुक्रवार को कहा कि उन्हें उनके ‘‘कृत्य’’ की सजा मिली है।

गांधी की सदस्यता समाप्त होने संबंधी अधिसूचना के सार्वजनिक होने के कुछ देर बाद ही संसद भवन परिसर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, ‘‘गाली देने में और आलोचना करने में अंतर होता है। राहुल गांधी गाली दे रहे थे। वह कोई लोकतांत्रिक बहस नहीं कर रहे थे। ओबीसी समाज को गाली देने का काम कर रहे थे... उन्हें इस कृत्य की सजा मिली है।’’

संवाददाता सम्मेलन के दौरान यादव के साथ केंद्रीय कानून व विधि राज्य मंत्री एस पी सिंह बघेल और भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रवक्ता व राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी भी मौजूद थे।

यादव ने कहा कि राहुल गांधी के मामले में पूरी प्रक्रियाओं का पालन किया गया और उन्हें अवसर भी दिया गया, ताकि वह अपना पक्ष रख सकें।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब निर्णय आया तो कांग्रेस के नेता न्यायपालिका पर सवाल उठा रहे हैं...अपशब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस देश में न्यायिक प्रक्रिया के अनुसार शासन चलता है।’’

केंद्रीय मंत्री यादव ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने सदस्यों को अयोग्य ठहराए जाने के संदर्भ में जो निर्णय दिया है, उसके अनुसार कार्रवाई हुई है।

उन्होंने ठीक उसी तरह जिस प्रकार अन्य जनप्रतिनिधियों के मामले में कार्रवाई हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा अब भी मानना है कि ओबीसी समाज के अपमान पर... अपशब्द कहने पर, कांग्रेस को भी राहुल गांधी के साथ माफी मांगनी चाहिए।’’

राहुल गांधी देश की आवाज हैं जो इस ‘तानाशाही’ के खिलाफ अब और मजबूत होगी : गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा सदस्य के लिए अयोग्य ठहराए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा कि गांधी देश की आवाज हैं जो इस ‘तानाशाही’ के खिलाफ अब और मजबूत होगी।

गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘ राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म करना तानाशाही का एक और उदाहरण है। भाजपा ये ना भूले कि यही तरीका उन्होंने श्रीमती इन्दिरा गांधी के खिलाफ भी अपनाया था और मुंह की खानी पड़ी। राहुल गांधी देश की आवाज हैं जो इस तानाशाही के खिलाफ अब और मजबूत होगी।’’

उन्होंने कहा कि ‘‘भारत जोड़ो यात्रा में राहुल जी ने महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और हिंसा का मुद्दा उठाया। इन पर ध्यान देने की जगह भाजपा सरकार राहुल जी के खिलाफ दमनकारी कदम उठा रही है।’’

इससे पहले टोंक के वनस्थली विद्यापीठ में पत्रकारों से बातचीत में गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी को लेकर आया फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि न्यायपालिका का सम्मान करना सभी का कर्तव्य है लेकिन जिस मामले को भाजपा के लोग प्रचारित कर रहे हैं वह दुर्भाग्यपूर्ण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि‘‘ हम न्यायपालिका का सम्मान करते हैं और न्यायपालिका का सम्मान करना हर नागरिक का कर्तव्य है.. संविधान बचाने का भी हम सभी का कर्तव्य बनता है, परन्तु जिस रूप में फैसला आया है और जिसका भाजपा वाले प्रचार कर रहे हैं वह दुर्भाग्यपूर्ण है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरा खेल जानबूझकर खेला जा रहा है,जो लोकतंत्र के लिए खतरा है।’’ गहलोत ने कहा कि ‘‘संविधान की रक्षा करने का समय आ गया है।’’

गहलोत ने राज्य में नवसृजित जिलों के विरोध पर कहा कि नए जिले बनाने का निर्णय एक अच्छा निर्णय है जो सरकार को सुशासन सुनिश्चित करने में मदद करेगा।

भूपेश बघेल ने कहा- कुछ लोगों ने इंदिरा जी के साथ भी यही भूल की थी

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराए जाने के बाद कहा है कि कुछ लोगों ने इंदिरा गांधी के साथ भी यही भूल की थी।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराए जाने के कुछ देर बाद बघेल ने ट्वीट किया, ''तानाशाह का सबसे बड़ा डर होता है कि उससे लोग डरना बंद न कर दें। आप उसे डराना चाहते हैं जो पूरे देश को कह रहा है ‘डरो मत’।’’

बघेल ने कहा है, ''इंदिरा जी (पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी) के साथ भी यही भूल की थी कुछ लोगों ने, बाकि फिर इतिहास है। यहीं मिलेंगे जनता की अदालत में। जनता होगी, जननेता होगा..नहीं होगा तो सिर्फ़ डर और तानाशाह।''

सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया गया। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा।

उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दो साल कारावास की सजा सुनाई थी।

अदालत ने, हालांकि गांधी को जमानत भी दे दी तथा उनकी सजा के अमल पर 30 दिनों तक के लिए रोक लगा दी, ताकि कांग्रेस नेता फैसले को चुनौती दे सकें।

महाराष्ट्र विधानसभा : राहुल को अयोग्य ठहराए जाने के विरोध में विपक्षी दलों का बहिर्गमन

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य ठहराए जाने के विरोध में महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्षी दलों ने शुक्रवार को बहिर्गमन किया।

विधानसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नाना पटोले ने कहा, ‘‘हम लोकसभा के सदस्य के रूप में राहुल गांधी को अयोग्य ठहराने के फैसले की निंदा करते हैं। हमने विरोध में सदन से बहिर्गमन करने का फैसला किया है।’’

इसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधायकों सहित विपक्षी सदस्यों ने विधान भवन की सीढ़ियों पर विरोध प्रदर्शन किया।

भारतीय जनता पार्टी के विधायक (भाजपा) अतुल भातखलकर ने कहा कि जिस कानून के तहत किसी सदस्य को दोषसिद्धि के बाद अयोग्य ठहराया जाता है, वह कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार द्वारा लागू किया गया था और केंद्र ने इसे लागू किया है। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस विधायकों का बहिर्गमन करना हास्यास्पद है।’’

भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी की शिकायत पर सूरत की एक अदालत ने मानहानि के एक मामले में बृहस्पतिवार को गांधी को दोषी ठहराया तथा दो साल की जेल की सजा सुनाई। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राहुल गांधी की अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा।

राहुल को अयोग्य ठहराया जाना लोकतंत्र की हत्या,‘तानाशाही’ के अंत की शुरुआत: उद्धव ठाकरे

शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद की सदस्यता समाप्त किए जाने को लोकतंत्र की ‘‘हत्या’’ करार दिया और कहा कि यह ‘‘तानाशाही’’ के अंत की शुरुआत है।

ठाकरे ने एक बयान में कहा कि चोर को चोर कहना अपराध बन गया है, जबकि देश को ‘‘लूटने वाले’’ बाहर हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह लोकतंत्र की हत्या है। सभी एजेंसियां दबाव में हैं। यह तानाशाही के अंत की शुरुआत है... लड़ाई को अब केवल दिशा दिये जाने की जरूरत है।’’

केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया।

लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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