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यूक्रेन युद्ध में हक़ीक़त का पल

ज़ेलेंस्की को चिंता होगी कि अब उन्हें अमेरिका को यह समझाने की जरूरत है कि क्या कीव अरबों डॉलर की सैन्य सहायता के लायक था।
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Image courtesy : The New York Times

युद्ध का कोहरा दक्षिणी खेरसान क्षेत्र में यूक्रेनी "जवाबी कार्रवाई" को ढँक रहा है, जहाँ कीव खोए हुए क्षेत्रों को फिर से हासिल करने की उम्मीद कर रहा था। लेकिन ऑपरेशन के छठे दिन तक पश्चिम का इको चेंबर बिना किसे उम्मीद के पाले खामोश हो गया था। अब कोई लंबा दावा नहीं किया जा रहा है।

यूके के रक्षा मंत्रालय के रविवार के अपडेट में रूसी सेना में बढ़ते "मनोबल और अनुशासन" के मुद्दों पर ध्यान दिया गया, जो अपडेट खेरसान पर जवाबी हमले पर कुछ बोलने के बजाय सामान्य तौर पर उनके मामूली वेतन-पैकेट और "उपयुक्त वर्दी", हथियार और राशन जैसी बुनियादी सुविधाओं पर बखान करता है।

यूक्रेन में मीडिया पूरी तरह से ब्लैकआउट की स्थिति में है। हम सभी जानते हैं कि ओडेसा शहर की सड़कों, ओडेसा और निकोलाई क्षेत्रों के अस्पतालों में घायल सैनिकों के बड़ी संख्या आने से अस्पतालों में रक्तदान करने के बड़े सार्वजनिक आहवान किए जा रहे हैं, और सायरन के साथ घूमते एम्बुलेंस के सैन्य काफिले के बारे में भी हम जानते हैं। पश्चिमी यूक्रेन में ट्रांसकैपथिया क्षेत्र, जहां 128 वीं पर्वतीय हमला ब्रिगेड की स्थानीय रूप से भर्ती की गई थी, को खेरसॉन मोर्चे पर फिर से तैनात किया गया था, उसने हमले में मारे गए अपने बहादुर बेटों की याद में एक दिन का शोक घोषित किया है, जिन्होंने इसमें जान गंवाई है।

इस बीच, कीव अब कह रहा है कि इसका जवाबी हमला क्षेत्रीय लाभ कमाने के बजाय दक्षिण में रूसी सेना को नीचा दिखाने का एक "विधिवत ऑपरेशन" है। राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कुछ जलन के साथ कहा: "मैं अभी कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता हूं कि यह कब (रूसी सेना का रोलबैक) होगा। मेरे पास सटीक तारीख नहीं हैं, लेकिन मुझे इसकी सटीक समझ है कि हम इसे कैसे इसे करेंगे।”

गुरुवार को (जवाबी कार्रवाई का पांचवां दिन था), ज़ेलेंस्की ने सुप्रीम कमांडर-इन-चीफ के मुख्यालय में एक सप्ताह के भीतर दूसरी बैठक की, लेकिन यह एक गुप्त बैठक थी, "कुछ निर्णय भी किए गए हैं। मुझे लगता है कि हर किसी को इसका परिणाम देखने को मिलेगा।"

अमेरिकी मीडिया अस्पष्ट रूप से दावा कर रहा है कि यूक्रेनी सेनाएं "सामरिक लाभ" कमा रही हैं और "सर्दियों के आने से पहले एक लंबी और कठिन लड़ाई की तैयारी कर रही हैं... पश्चिमी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जवाबी कार्रवाई यूक्रेन से रूसी सेना को जल्द बाहर नहीं कर पाएगी। हालांकि, खेरसॉन के क्षेत्र को फिर से हासिल करने और नदी के पश्चिमी हिस्से पर नियंत्रण हासिल करने में सफलता "वास्तव में महत्वपूर्ण" होगी। (पोलिटिको के अनुसार)
दैनिक अखबार ने नोट किया कि, "इस तरह की जीत यूक्रेन के पश्चिमी सहयोगियों को दिखाएगी कि वे रूस का मुकाबला करने में मदद के लिए दिए गए अरबों डॉलर के हथियार और आपूर्ति जारी रखने के मामले में सही हैं।"

यह आखिरी कोशिश मामले की जड़ है। यूरोपीय देशों से यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति लगभग सूख गई है और इसी तरह की प्रवृत्ति अमेरिकी आपूर्ति के साथ भी देखी जा सकती है। बाइडेन प्रशासन ने कांग्रेस से यूक्रेन के लिए 11.7 बिलियन डॉलर की सहायता को मंजूरी देने को कहा है, लेकिन इस संभावना को ध्यान में रखकर कहा गया है कि 2023 का बजट 1 अक्टूबर की समय सीमा तक पारित नहीं हो सकता है। व्हाइट हाउस प्रबंधन और बजट कार्यालय (OMB) ने, 2 सितंबर की उस घोषणा को स्वीकार किया करती है कि "संघीय सरकार के काम को जारी रखने में अल्पकालिक निरंतर संकल्प है।"

ओएमबी के बयान में कहा गया है कि व्हाइट हाउस इस विसंगति को चाहता है क्योंकि यूक्रेनी सेना को बढ़ावा देने के लिए पिछले पैकेजों से धन इस बार कम है, तीन-चौथाई वितरित या प्रतिबद्ध है, और अगले महीने में से यह और अधिक होगा।

महत्वपूर्ण रूप से, हालांकि, व्हाइट हाउस द्वारा अनुरोध किए गए 11.7 बिलियन डॉलर में से, 4.5 बिलियन डॉलर पेंटागन के घटते भंडार को फिर से भरने में काम आएंगे, यूक्रेन की सरकार के लिए बजटीय सहायता 4.5 बिलियन डॉलर होगी, और रक्षा और खुफिया सहायता के लिए केवल 2.7 बिलियन डॉलर मिलेगा। सहायता का यह नया दौर लगता है कि दिसंबर तक चलेगा।

ज़ेलेंस्की चिंतित होंगे। क्योंकि उन्हें अमेरिका को यह समझाने की जरूरत है कि इतनी बड़ी बहु-अरब डॉलर की सैन्य सहायता के लिए कीव लायक है। उसे कम से कम दक्षिणी युद्ध के मोर्चे पर एक खूनी गतिरोध दिखाना होगा। (रूस पहले से ही डोनबास में बढ़त हासिल कर रहा है।)

ज़ेलेंस्की के आगे बढ़ने का खतरा हमेशा बना रहता है। पोलिटिको ने खुलासा किया कि: "पश्चिमी सरकारों ने जितना संभव हो उतना क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए उनकी सेना को बहुत कम फैलाने के खिलाफ कीव को चेतावनी दी है, क्योंकि यूक्रेनियन को उनके द्वारा किए गए किसी भी लाभ को हासिल करना होगा। अधिकारियों ने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि यूक्रेन अपने सैन्य लक्ष्यों का पुनर्मूल्यांकन करेगा यदि वह खेरसॉन को फिर से हासिल कर लेता है। हालांकि, मेलिटोपोल शहर, दक्षिण में भी, यूक्रेनी स्थिति से बहुत दूर है, जबकि इस आक्रामक हमले के दौरान क्रीमिया के खिलाफ जमीनी हमला संभव नहीं है।

अब, यह सब एक उत्साहित स्वर के साथ मेल खाता है लेकिन खेरसॉन मोर्चे पर आधिकारिक रूसी बयानों में साझा की गई जानकारी केवल तथ्यात्मक जानकारी है। अन्य रूसी रिपोर्टों में कहा गया है कि "जवाबी कार्रवाई" का वस्तुतः मुंह बंद कर दिया गया है और यूक्रेनी सेना ने कई हजारों लोगों को भारी नुकसान हुआ है। यह एक सर्वनाशपूर्ण परिदृश्य प्रतीत होता है, जो कि वर्णन करने के में भी बहुत दुखद है।

शनिवार की रात को जो इकलौती यूक्रेनी सफलता थी वह इंगुलेट्स नदी के पार एक पुलहेड की थी – जो तथाकथित एंड्रीव्स्की ब्रिजहेड है। ऐसी अटकलें हैं कि रूसियों ने यूक्रेनी सैनिकों को "आग के जाल" में फंसाया दिया होगा। नदी को पार करने के रास्ते काट दिए गए हैं और रूसी शायद इनगुलेट्स के पश्चिमी हिस्से में फंसे यूक्रेनी सैनिकों को घेर लिया है, जिनके पास कोई आपूर्ति या सैन्य मदद नहीं पहुँच सकती है।

जवाबी हमला अपना दबदबा खो चुका है और अब मायकोलाइव-क्रिवॉय रूग दिशा में एक या दो साइटों पर स्थितीय लड़ाई में बदल रहा है। एक रूसी पलटवार का भी उल्लेख किया गया है कि फ्रंटलाइन अब मायकोलिव क्षेत्र की "प्रशासनिक सीमा" को छू रही है (जो ओडेसा के रास्ते में एक महत्वपूर्ण शहर है।) मायकोलाइव शहर में भारी बमबारी की भी सूचना मिली है। यहाँ रूसियों ने भारी मात्रा में हथियारों को नष्ट करने का दावा किया है।

रूस के "डोमेन नियंत्रण" को परिप्रेक्ष्य में रखा जा सकता है: दुश्मन, एक तरफ, नंगे मैदान पर पकड़ा जा रहा है और जिन पर रूसी तोपखाने और विमानन की जबरदस्त श्रेष्ठता से हमला किया जा रहा है, और दूसरी तरफ, जिसे एक मजबूत हमले का सामना करना पड़ रहा है, उनके रक्षा कवच घिरे हुए हैं।

यह दर्शाता है कि, ज़ेलेंस्की हार नहीं मान सकता है, क्योंकि उसे एक सफलता की कहानी की सख्त जरूरत है। कीव अभी भी स्थिति को उलटने की उम्मीद कर रहा है, लेकिन यह कैसे होगा यह देखा जाना अभी बाकी है।इस उदास पृष्ठभूमि के चलते, अमेरिका में बाइडेन प्रशासन की नीति के बारे में अधिक से अधिक संशयपूर्ण आवाजें सुनी जा रही हैं। नवीनतम जनरल (सेवानिवृत्त) मार्क किममिट द्वारा वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपे एक लेख में, जो पूर्व में बुश प्रशासन में राजनीतिक-सैन्य मामलों के सहायक राज्य सचिव थे, भविष्यवाणी की है कि "किसी भी सफलता की कोई संभावना नहीं है" और जल्द ही, "लॉजिस्टिक्स की कमी" अमेरिकी रणनीति में बदलाव को मजबूर कर सकती है।

वे आगे कहते हैं: "नाटो को अग्रणी हथियार प्रणालियों के घटते स्टॉक से निपटना होगा। इसका मतलब यह होगा कि लंबा युद्ध चलेगा और लोग अधिक हताहत होंगे। इसका मतलब यह भी होगा कि समर्थन करने वाले देशों से अधिक दबाव पड़ेगा, बढ़ती निरंतर मुद्रास्फीति, कम ताप गैस और लोकप्रिय समर्थन गिरेगा।”

सिद्धांत रूप में, विकल्प ये हैं: i) "राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नाटो के जखीरे को रोक कर रखा जाए"; ii) रक्षा उत्पादन अधिनियम और इसके यूरोपीय समकक्षों को लागू करके "महत्वपूर्ण कमी को दूर किया जाए"; iii) क्रीमिया और रूस को ही निशाना बनाकर संघर्ष को बढ़ाया जाए; या, iv) ज़ेलेंस्की को इस गंभीर वास्तविकता का सामना करने पर मजबूर करना कि हथियारों की "घटती आपूर्ति", वास्तव में युद्ध के "बाहरी समर्थन में गिरावट का संदेश" है।

रिपब्लिकन पार्टी की तरफ झुकाव रखने वाले सेवानिवृत्त जनरल ने निष्कर्ष निकाला है कि: "राजनयिक प्रस्ताव की शुरुआत अरुचिकर होगी, और शायद इसे पराजयवादी माना जाएगा, लेकिन चूंकि मौजूदा दलदल से बाहर निकलने की बहुत कम संभावना है, इसलिए बाद वाले पर बातचीत करना बेहतर हो सकता है... लंबे समय तक चलने वाले युद्ध, घटते हाई-टेक सिस्टम और भविष्य में हताहतों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ज़ेलेंस्की और नाटो को उन निर्णयों को थोपने से पहले कठोर निर्णयों का सामना करना होगा।”

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें।

Moment of Truth in Ukraine War

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