रुड़की के भगवानपुर क्षेत्र के डाडा जलालपुर गाँव में 27 अप्रैल को होने वाली 'धर्म संसद'/महापंचायत से पहले प्रशासन ने धारा 144 लगा दी है। इसके बावजूद हिन्दुत्ववादी नेता महंत दिनेशानन्द भारती और हरिद्वार धर्म संसद के आयोजक आनंद स्वरूप ने पीछे हटने से इंकार कर दिया था। दिनेशानंद 26 अप्रैल से ही डाडा जलालपुर गाँव में मौजूद थे, जिसके बाद उत्तराखंड पुलिस ने महंत को गिरफ़्तार कर लिया।
महंत धारा 144 लगने के पहले से ही डाडा जलालपुर गाँव में मौजूद था। पुलिस ने कल होने वाली महापंचायत से पहले उन्हें गिरफ़्तार किया है।
इससे पहले महंतों ने कहा था कि हर हाल में महापंचायत की जाएगी।
इससे पहले 26 अप्रैल को आनंद स्वरूप ने एक वीडियो जारी कर प्रशासन को धमकी दी थी कि अगर प्रशासन धारा 144 लगाएगा तो बहुत खतरनाक होगा। आनंद स्वरूप ने एक बार फिर मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफरती बयान देते हुए कहा था, "इन आतंकवादियों से, रोहिंगयाओं से और इन मुसलमानों से जो हिंदुओं को ख़तरा है उससे कैसे निपटा जाए इसके लिए कल की महापंचायत में अधिकतम संख्या में आइये।"
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इसका संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड पुलिस से कहा था कि धर्म संसद में 'हेट स्पीच' न हो, इसका ध्यान रखा जाए।
प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट की बात मानते हुए धारा 144 तो लागू कर दी है, मगर महंतों ने भी प्रशासन को खुली धमकी दे दी है। आनंद स्वरूप ने कहा है, "हरिद्वार प्रशासन जितना जोर इस हिंदू पंचायत को रोकने में लगा रहा है उसका आधा भी इमाम को गिरफ़्तार करने में लगाया होता तो ये महापंचायत करने की जरूरत ना पड़ती ।प्रशासन हमें शांतिपूर्ण तरीक़े से पंचायत करने दे।"
न्यूज़क्लिक से बातचीत में कांग्रेस विधायक ममता राकेश ने बताया, "56 दारोगा नियुक्त किए गए हैं, 150 कांस्टेबल, 30 महिला कांस्टेबल, 6 कंपनी पीएसी तैनात की गई हैं इसके बाद कुछ होता है तो सीधा सीधा प्रशासन ज़िम्मेदार होगा।"
ममता राकेश ने यह भी बताया कि दिनेशानंद पर 2013 में भी एक भूमि अधिग्रहण का मामला है। ममता राकेश ने यह भी इल्ज़ाम लगाया कि महंत का मौजूदा आश्रम भी ग़ैर कानूनी ज़मीन पर बना है।
न्यूज़क्लिक ने पुलिस-प्रशासन से बात करने की कोशिश की मगर पुलिस अधिकारियों ने इस मसले पर कोई टिप्पणी देने से इनकार कर दिया।
हिन्दू पक्ष की तरफ़ से लगातार बढ़ते इल्ज़ाम
23 अप्रैल को न्यूज़क्लिक से बात करते हुए महंत दिनेशानन्द भारती ने कहा, "ऐसा सुनने में आया है कि कुछ लोगों(न्यूज़क्लिक द्वारा कथित आरोपितों के नाम गुप्त रखे गए हैं) ने दूसरे गाँव से आकर लोगों को भड़काया था। एक शख़्स और बाहर से आया था जिसका लिंक विदेश से मिलता है। हमार यही मांग है कि प्रशासन इन सब पर कार्रवाई करे, हमने प्रशासन को 26 अप्रैल तक का समय दिया है। महापंचायत तो होगी ही, प्रशासन पर निर्भर करता है कि वह 'धन्यवाद सभा' होगी या 'प्रतिकार सभा'।"
हिन्दू पक्ष ने लगातार यह इल्ज़ाम लगाया है कि मस्जिद के इमाम ने मस्जिद से ऐलान किया था कि सब हथियार लेकर मस्जिद में आ जाएँ। इसके साक्ष्य किसी पक्ष के पास नहीं हैं। न्यूज़क्लिक ने गाँव के एक मुस्लिम युवक से बात की, जिसने बताया कि 16 अप्रैल शनिवार की रात इमाम गाँव में ही नहीं थे। उन्होंने कहा, "इमाम साब जुमे की नमाज़ पढ़ा कर 3 दिन के लिए चले जाते हैं। पहले मंदिर से 3 बार ऐलान हुआ कि हेलमेट, डंडे लेकर आ जाओ। उसके बाद रात 10 बजे के आसपास मस्जिद से किसी ने ऐलान किया कि मस्जिद के पास जमा हो जाओ। जिसने मस्जिद से ऐलान किया था वह तो जेल भी गया था।"