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रोज़गार अधिकार अभियान : बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ एकजुट हुए युवा

मीटिंग में कहा गया कि उत्तर प्रदेश में ठप पड़ी चयन प्रक्रिया और 6 लाख से ज़्यादा रिक्त पड़े पदों के सवाल पर आंदोलन तेज़ होगा।
Rozgar Adhikar

राजधानी दिल्ली में बेरोज़गारी की समस्या को लेकर गांधी शांति प्रतिष्ठान, में 7 फरवरी को युवा संगठनों की एक मीटिंग आयोजित हुई। मीटिंग में कहा गया कि उत्तर प्रदेश में ठप पड़ी चयन प्रक्रिया और 6 लाख से ज़्यादा रिक्त पड़े पदों के सवाल पर आंदोलन तेज़ होगा।

मीटिंग में कहा गया कि, "उत्तर प्रदेश में बेरोज़गारी एक विकराल समस्या है लेकिन योगी सरकार इसके समाधान के लिए ठोस कदम उठाने के बजाय महज़ प्रोपेगेंडा में लगी है, इंवेस्टर्स समिट इसी तरह की प्रचार मुहिम का एक हिस्सा है। पिछले कार्यकाल में इसी तरह की इंवेस्टर्स समिट का हश्र देखा जा चुका है। इस तरह के आयोजनों से सिवाय संसाधनों की बर्बादी के और कुछ हासिल होने वाला नहीं है। जल्द ही प्रदेश में भी बेरोज़गारी के सवाल पर संघर्षरत सभी संगठनों को एकजुट किया जाएगा। इसके लिए जल्द रणनीति तैयार होगी।"



युवा संगठनों द्वारा सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि, "आज बेरोज़गारी की समस्या चिंताजनक स्तर पर है लेकिन सरकार इसके समाधान को लेकर कतई गंभीर नहीं है और विपक्षी दलों के पास भी इसके हल के लिए सुस्पष्ट विचार नहीं हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्य के नीति निर्देशक तत्व और अनुच्छेद 21 की व्याख्या में नागरिकों के गरिमापूर्ण जीवन का अधिकार सुनिश्चित करने की बात की है।

आज एक बड़ी आबादी बेरोज़गार है जो कि लोगों के अपमानजनक जीवन की मुख्य वजह बन गई है। ऐसे में राज्य का यह दायित्व है कि नागरिकों के गरिमापूर्ण जीवन के लिए आजीविका सुनिश्चित करे।"

युवा संगठनों द्वारा निम्न मांगें रखीं गईं

    • रोज़गार को मौलिक अधिकार बनाया जाए, सभी नागरिकों को गरिमापूर्ण रोज़गार की गारंटी हो।
    • जब तक रोज़गार न मिले तब तक बेरोज़गारी भत्ता (जो न्यूनतम वेतनमान से 50 फीसद से कम न हो) दिया जाए।
    • राज्यों व केंद्र में सरकारी व सार्वजनिक क्षेत्र में रिक्त पड़े तकरीबन एक करोड़ पदों को पारदर्शिता के साथ समयबद्ध भरने की घोषणा की जाए।
    • नियुक्तियों में कांट्रेक्ट सिस्टम को खत्म किया जाए और किसी भी सेक्टर में न्यूनतम वेतनमान 25 हज़ार से कम न रखा जाए।
    • रोज़गार के प्रश्न और शिक्षा के प्रश्न पर सरकार छात्रों को शांतिपूर्ण आंदोलन की इजाज़त दे और छात्रों-नौजवानों से संवाद करने, शांतिपूर्ण आंदोलन करने में वह हस्तक्षेप न करे।

राष्ट्रीय स्तर पर रोज़गार अधिकार अभियान के संचालन के लिए नौ सदस्यीय कोआर्डिनेशन कमेटी गठित की गई। इसमें युवा हल्ला बोल के अनुपम को संयोजक, युवा मंच के राजेश सचान और कर्नाटक विद्यार्थी संगठन के सरोवर को सह-संयोजक चुना गया।



युवा मंच के राजेश सचान ने बताया कि उनकी इस मुहीम में युवा हल्ला बोल, कर्नाटक विद्यार्थी संगठन, युवा मंच, एआईडीवाईओ, देश की बात, युवा भारत आदि संगठनों से जुड़े उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, बिहार, झारखंड, राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र, पं. बंगाल आदि राज्यों के युवा प्रतिनिधि शामिल हुए।

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