हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट जारी

अडानी समूह की ज्यादातर कंपनियों के शेयरों में मंगलवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट का सिलसिला जारी रहा। अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। यह रिपोर्ट आने के बाद से समूह की कंपनियों के शेयर लगातार नीचे आ रहे हैं और यह लगातार चौथा सत्र है जब इनमें गिरावट आई है।
हिंडनबर्ग की यह रिपोर्ट अडानी एंटरप्राइजेज की तरफ से 20,000 करोड़ रुपये का अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) लाने के ऐन पहले 24 जनवरी को आई थी। हालांकि, इस रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को अडानी समूह ने खारिज किया है।
बीएसई पर लगातार चौथे दिन समूह की कंपनियों के शेयर टूटे हैं। शुरुआती कारोबार में अडानी टोटल गैस का शेयर 10 प्रतिशत टूट गया। वहीं अडानी ग्रीन एनर्जी 9.60 प्रतिशत, अडानी ट्रांसमिशन 8.62 प्रतिशत, अडानी विल्मर पांच प्रतिशत, अडानी पावर 4.98 प्रतिशत, एनडीटीवी 4.98 प्रतिशत और अडानी पोर्ट्स का शेयर 1.45 फीसदी टूटा।
हालांकि, अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर 5.26 प्रतिशत चढ़ गया, अंबुजा सीमेंट्स का शेयर 5.25 प्रतिशत और एसीसी का 2.91 प्रतिशत चढ़ गया।
वहीं, एलआईसी का शेयर मंगलवार सुबह 0.82 प्रतिशत टूटा जबकि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) का 3.74 प्रतिशत चढ़ा।
अडानी समूह की ज्यादातर कंपनियों के शेयरों में सोमवार को भी गिरावट आई थी।
सीपीआई-एम ने की अडानी समूह के ख़िलाफ़ उच्चस्तरीय जांच की मांग
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-एम) ने अडानी समूह पर अमेरिका की एक निवेश शोध कंपनी द्वारा लगाए गए अनियमितताओं के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की रविवार को मांग की।
वाम दल के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि जांच की निगरानी उच्चतम न्यायालय द्वारा की जानी चाहिए।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘माकपा आज मांग करती है कि केंद्र सभी संबंधित मंत्रालयों को शामिल करते हुए एक उच्चस्तरीय जांच दल का गठन करे। जांच पूरी होने तक उच्चतम न्यायालय दिन-प्रतिदिन के आधार पर जांच की निगरानी करे। देश के हित की रक्षा करनी होगी।’’
अडानी समूह ने वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को ‘‘भारत, उसकी संस्थाओं और विकास की गाथा पर सुनियोजित हमला’’ बताते हुए रविवार को कहा कि आरोप ‘‘झूठ के सिवाय कुछ नहीं’’ हैं।
अडानी समूह ने 413 पन्नों के जवाब में कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ‘‘मिथ्या धारणा बनाने’’ की ‘‘छिपी हुई मंशा’’ से प्रेरित है, ताकि अमेरिकी फर्म को वित्तीय लाभ मिल सके।
समूह ने कहा, ‘‘यह केवल किसी विशिष्ट कंपनी पर एक अवांछित हमला नहीं है, बल्कि भारत, भारतीय संस्थाओं की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता, तथा भारत की विकास गाथा और महत्वाकांक्षाओं पर एक सुनियोजित हमला है।’’
न्यूयॉर्क की कंपनी ‘हिंडनबर्ग’ की रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अडानी की अगुवाई वाले समूह पर ‘‘‘खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’’’ में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। कंपनी के इस आरोप के बाद विविध कारोबार से जुड़े समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई जो लगातार जारी है।
अडानी समूह ने कहा कि वह अपनी प्रमुख कंपनी के शेयर बिक्री को नुकसान पहुंचाने के प्रयास के तहत ‘‘बिना सोचे-विचारे’’ काम करने को लेकर अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ ‘‘दंडात्मक कार्रवाई’’ को लेकर कानूनी विकल्पों पर गौर कर रहा है।
वहीं, अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह कायम है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह के इन आरोपों को खारिज कर दिया है कि समूह के खिलाफ उसकी रिपोर्ट भारत पर हमला थी। हिंडनबर्ग रिसर्च ने सोमवार को कहा कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र और उभरती महाशक्ति है और अडानी ग्रुप ‘व्यवस्थित लूट’ से भारत के भविष्य को रोक रहा है।
(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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