कोरोनावायरस लॉकडाउन के बावजूद कोलंबिया में सामाजिक कार्यकर्ताओं की हो रही हत्या
कोलंबिया के हुइला डिपार्टमेंट के अल्जेसिरस म्यूनिसिपलिटी के एक ग्रामीण क्षेत्र में रिवॉल्यूशनरी आर्म्ड फोर्सेस ऑफ कोलंबिया (एफएआरसी) के पूर्व लड़ाके जोसे मोंटानो के 19 वर्षीय बेटे जॉन कार्लोस मोंटानो की हत्या कर दी गई। एक अज्ञात व्यक्ति ने युवा जॉन पर दो गोली चलाई और उसकी हत्या कर दी।
राजनीतिक दल कॉमन अल्टरनेटिव रिवोल्यूशनरी फोर्स (एफएआरसी) ने हत्या की निंदा की और राष्ट्रीय सरकार को मौत के लिए ज़िम्मेदार ठहराया।
"इस दिन तक रिइनकॉर्पोरेशन प्रोसेस में 199 पूर्व गुरिल्ला सदस्य और 41 परिवार के सदस्य मारे गए हैं। इस संहार को रोकने के लिए कोलंबियाई सरकार द्वारा कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है। 1 जून को जारी एक बयान में एफएआरसी पार्टी ने कहा, यह कोलंबियाई सरकार, राष्ट्रीय सरकार और उसके संस्थाओं की ज़िम्मेदारी है कि इस रिइनकॉर्पोरेशन प्रोसेस में उनके परिवार के साथ साथ सभी लोगों के जीवन, सुरक्षा और व्यक्तिगत सत्यनिष्ठता की रक्षा के लिए उपायों को लागू करे।
इससे पहले पिछले हफ्ते 30 मई को एफएआरसी गुरिल्ला समूह के एक अन्य पूर्व लड़ाके हर्नी बेटनकोर्ट ओर्टिज़ को इसी डिपार्टमेंट के कैंपोलेग्रे म्यूनिसिपलिटी में हिंसक तरीक़े से मार दिया गया था।
ठीक इसी तरह 27 मई को एक पूर्व गुरिल्ला लड़ाके मैन्युएल ओलाया एरियस की खेत में काम करने के दौरान हुइला डिपार्टमेंट के एअपे म्यूनिसिपलिटी में पड़ोस के एल डियामान्टे में हत्या कर दी गई थी।
26 मई को वर्चुअल मीटिंग के दौरान एफएआरसी पार्टी ने इंटर-अमेरिकन कमिशन ऑन ह्यूमन राइट्स (आईएसीएचआर) से अनुरोध किया कि वह क्यूबा के हवाना में वर्ष 2016 में कोलंबिया के पूर्व राष्ट्रपति जुआन मैन्युएल सैन्टॉस की सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले सभी पूर्व लड़ाकों की "सुनियोजित तरीक़े से हत्या करने" को रोकने के लिए एहतियाती क़दम उठाए।
इसके अलावा 31 मई को नॉर्टे डे सैंटेंडर डिपार्टमेंट में यूनाइटेड इंडिजिनस रिजर्वेशन के पास चिटागा के ग्रामीण क्षेत्र रियो कोलोराडो गांव में स्थानीय नेता जोएल विलमिज़र की भी हत्या कर दी गई थी।
एसोसिएशन ऑफ़ यू'वा ट्रेडिशनल एंड काउंसिल अथॉरिटी ऑफ़ कोलंबिया (एएसओडब्ल्यूएएस) और नेशनल इंडिजिनस ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ कोलंबिया (ओएनआईसी) ने हत्या की निंदा की और राष्ट्रीय सरकार से जवाब मांगा है।
द इंस्टीट्यूट ऑफ स्टडीज फॉर डेवलपमेंट एंड पीस (आईएनडीईपीएजेड) ने कहा कि इस साल अब तक 22 पूर्व एफएआरसी लड़ाके और 110 स्थानीय, किसान और सामाजिक नेता मारे गए हैं।
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