Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

संविधान पर बढ़े हमलों के ख़िलाफ़ संघर्ष भी तेज़

इस साल 26 जनवरी को हम भारतीय गणराज्य की 70वीं सालगिरह मना रहे हैं लेकिन यह दिन सिर्फ एक राष्ट्रीय पर्व नहीं है। ये वह दिन है जब भारत के लोगों ने अपने आपको एक संविधान दिया था। एक ऐसा संविधान जो हम सब के आदर्शों और उदार मूल्यों का प्रतीक था। लगभग सत्तर साल बीत गए हैं। हमें यकीन था कि जैसी भी सरकार हो, कैसी भी नीति अपनाये, संविधान के दायरे में ही उसे रहना पड़ेगा। लेकिन हाल की घटनाएं यह बताती है, इसकी कोई गारंटी नहीं है। संसदीय बहुमत का इस्तेमाल करके ऐसे कानून पास किये गए हैं, जो न सिर्फ संविधान का मूल चरित्र, बल्कि राष्ट्र की कल्पना को भी चुनौती दे रहे हैं।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest