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टूलकिट मामला : अदालत ने दिया दिशा रवि की याचिका पर केंद्र व पुलिस को जवाब देने का आखिरी मौका

दिशा ने अपनी याचिका में पुलिस को मामले में दर्ज प्राथमिकी और जांच से संबंधी सामग्री मीडिया को कथित तौर पर लीक करने से रोकने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है। अदालत ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को मामले में दो सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की सूनवाई 18 मई को सूचीबद्ध कर दी।
दिशा रवि

नयी दिल्ली : 17 मार्च दिल्ली उच्च न्यायालय ने टूलकिट मामले में आरोपी दिशा रवि की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए बुधवार को केंद्र सरकार एवं पुलिस को आखिरी मौका दिया।

दिशा ने अपनी याचिका में पुलिस को मामले में दर्ज प्राथमिकी और जांच से संबंधी सामग्री मीडिया को कथित तौर पर लीक करने से रोकने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को मामले में दो सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की सूनवाई 18 मई को सूचीबद्ध कर दी।

अदालत ने कहा, ‘‘ केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को दो हफ्ते में जवाबी हलफानामा दाखिल करने का आखिरी मौका दिया जाता है और इसके बाद याचिकाकर्ता द्वारा प्रत्युत्तर दाखिल किया जाएगा।’’

केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल चेतन शर्मा और अधिक्ता अजय दिगपाल एवं दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अधिवक्ता अमित महाजन ने सुनवाई के दौरान जवाब दाखिल करने के लिए और समय देने का अनुरोध किया।

उल्लेखनीय है कि किसान के प्रदर्शन को लेकर सोशल मीडिया पर जारी टूलकिट में संलिप्तता के आरोप में 13 फरवरी को दिशा रवि को गिरफ्तार किया गया था और निचली अदालत ने 19 फरवरी को उन्हें इस मामले में जमानत दे दी थी।

दिशा रवि ने अपनी याचिका में कहा,‘‘ उनकी गिरफ्तारी और मामले में चल रही जांच को लेकर अनुचित तरीके से एवं पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर मीडिया ट्रायल किया जा रहा है और जहां पर पक्षकार संख्या एक (पुलिस) और मीडिया घरों द्वारा उनपर हमला किया जा रहा है।’’

उन्होंने दावा किया है कि 13 फरवरी को दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ द्वारा बेंगलुरु में उनकी गिरफ्तारी ‘ पूरी तरह से गैर कानूनी तरीके से और बिना किसी आधार के की गई।’’

दिशा रवि ने अपनी याचिका में यह भी कहा,‘‘ मौजूदा परिस्थितियों में यह ‘पूरी संभावना’ है कि आम जनता खबरों के आधार पर याचिकाकर्ता (दिशा रवि) के दोषी होने का निष्कर्ष निकाले।’’

उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने पहले जांच सामग्री जैसे व्हाट्सऐप चैट- लीक की जो केवल जांच एजेंसी के पास थी।

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