विपक्षी एचडीपी को रद्द करने के लिए तुर्की की सरकार ने अदालत का रुख किया
तुर्की के मुख्य अभियोजक ने प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) के साथ संबंध होने का आरोप लगाते हुए कुर्द समर्थक वामपंथी पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचडीपी) पर प्रतिबंध लगाने के लिए संवैधानिक अदालत में एक मुकदमा दायर किया। इस फैसले ने रिसेप तैयप एर्दोगन के नेतृत्व वाली दक्षिणपंथी सरकार द्वारा विपक्ष को समाप्त करने के नए आरोपों को न्योता दिया है।
कुर्द अल्पसंख्यकों में पैठ रखने वाली एचडीपी वामपंथी पार्टी है। यह सत्तारूढ़ जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी (एकेपी) और रिपब्लिकन पीपल्स पार्टी (सीएचपी) के बाद तुर्की की संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। 600 सदस्यों वाली संसद में इसकी 55 सीटें हैं।
एचडीपी को समाप्त करने और प्रतिबंधित करने का ये प्रस्ताव ठीक उसी दिन आया जब इसके एक प्रतिनिधि उमर फारुक गेरग्लियोग्लू की संसदीय सदस्यता बुधवार 17 मार्च को संसद के स्पीकर द्वारा निरस्त कर दी गई थी। सदस्यता को निरस्त करने का आधार गेरग्लियोग्लू के कथित रूप से "आतंकी प्रोपगैंडा" था।
तुर्की की एक अपीलीय अदालत ने गेरग्लियोग्लू के मामले में निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था और उन्हें दो साल और छह महीने जेल की सजा सुनाई थी। संसद में उनकी सदस्यता निरस्त होने तक उन्हें जेल नहीं हो सकती है।
गेरग्लियोग्लू संसद में कोकेली निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते है। वह प्रसिद्ध मानवाधिकार वकील भी हैं।
पार्टी पर प्रतिबंध लगाने और गेरग्लियोग्लू की सदस्यता रद्द करने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए, 17 मार्च को एचडीपी ने एक बयान जारी कर कहा कि संवैधानिक अदालत में ये मामला इंगित करता है कि "वैचारिक रूप से, राजनीतिक रूप से या बैलट बॉक्स में एचडीपी पर हावी होने में सक्षम नहीं होने पर वे [एकेपी-एमएचपी गठबंधन सरकार] अब न्यायपालिका के माध्यम से लोकतांत्रिक राजनीति से एचडीपी को खत्म करने को सोच रहे हैं। उनकी आक्रामकता उनके गहराए भय से उत्पन्न होती है।”
राजनीतिक "तख्तापलट" बताते हुए ये बयान एचडीपी को समाप्त करने के फैसले के खिलाफ प्रतिरोध को आह्वान करता है। एचडीपी के खिलाफ बुधवार का हमला तुर्की में कोई नई बात नहीं है। संसद में हक्करी और दियारबाकिर का प्रतिनिधित्व करने वाले इसके दो सांसद लेयला ग्वेन और मूसा फारिसोगुल्लारी की सदस्यता पिछले साल जून में सीएचपी के एनिस बर्बेरोग्लू के साथ छीन ली गई थी और जेल भेज दिया गया था। पीकेके की कथित सदस्यता के लिए तुर्की की अदालत ने इन्हें दोषी ठहराया था।
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