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स्कूल में दलित बच्चियों को किया निर्वस्त्र, पिता को शिकायत वापस लेने की धमकी!

उत्तर प्रदेश के हापुड़ में शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। आरोप है कि दो नाबालिग बच्चियों की स्कूल ड्रेस सिर्फ इसलिए उतरवा दी गई ताकि सामान्य वर्ग की बच्चियां उसे पहनकर फोटो खिंचवा सकें।
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कहते हैं कि बच्चे ही देश का कल हैं, लेकिन जब इन्ही देश के कल को आज जाति-धर्म जैसे कुंठित मानसिकता का शिकार होना पड़े तो अच्छे भविष्य का पैमाना कैसे तय किया जा सकता है।

पिछड़ा वर्ग की दो नाबालिग बच्चियों को भी उत्तर प्रदेश के हापुड़ ज़िले में ऐसी ही मानसिकता का शिकार होना पड़ा। आरोप है कि शिक्षकाओं ने दोनों बच्चियों की स्कूल ड्रेस सिर्फ इसलिए उतरवा दी ताकि सामान्य जाति की बच्चियां उसे पहनकर फोटो खिंचवा सकें।

हैरान करने वाली बात तो ये है कि दोनों बच्चियों को निर्वस्त्र करने के बाद धमकी दी गई कि अगर इस बारे किसी को पता चला तो तुम्हारी पिटाई की जाएगी। इसी डर से कक्षा 6 में पढ़ने वाली दोनों बच्चियां काफी देर तक बिना स्कूल ड्रेस के वहीं खड़ी रहीं।

बताया जा रहा है कि ये पूरा मामला 11 जुलाई का है जिसके कई दिनों बाद ज़िलाधिकारी मेधा रूपम ने फिलहाल एफआईआर दर्ज करने और जांच के आदेश दे दिए हैं। जिसमें कार्रवाई को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और यूपी राज्य शिक्षा विभाग लगातार नज़र बनाए हुए है।

हालांकि, मिली जानकारी के अनुसार, बेसिक शिक्षा अधिकारी अर्चना गुप्ता ने दोनों आरोपी शिक्षकों को निलंबित कर दिया है।

दहिरपुर विकास खंड, धौलाना के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाली दोनों पीड़ित नाबालिग बच्चियों की माने तो उन्होंने ड्रेस उतारवाए जाने का विरोध भी किया, जिसको लेकर दलित शोषित क्रांति दल के अध्यक्ष रविकान्त ने बताया कि बच्चियों के साथ मार-पिटाई की गई जो खेदजनक घटना है।

इस विषय पर रविकान्त द्वारा किए गए ट्वीट पर प्रतिक्रिया जताते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने हापुड़ पुलिस और यूपी पुलिस को ट्वीट कर मसले पर की गई कार्रवाई से आयोग को अवगत कराने को कहा था।

रविकांत के साथ जब न्यूज़क्लिक ने बातचीत की तब एक सप्ताह हो चुका था और कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई, लेकिन खबर है कि पुलिस हरकत में आ रही है। उन्होंने कहा कि छात्राओं के पिता ने शिकायत में मांग की है कि आरोपी शिक्षिकाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज़ की जाए और सख्त सजा दी जाए।

ताज़ा मिली जानकारी के मुताबिक स्थानीय पुलिस ने पीड़ित बच्चियों का बयान दर्ज कर लिया है। एएसपी हापुड़ ने बताया है कि दोनों शिक्षिकाओं के खिलाफ उचित आईपीसी की धारा के तहत मामला दर्ज़ किया गया है।

न्यूज़क्लिक ने जब पीड़िताओं के पिता से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी तक इस बात की खबर नहीं है कि एफआईआर दर्ज़ कर ली गई है। उन्होंने बताया कि गांव में पैठ रखने वाले लोग लगातार दबाव बना रहे हैं कि अपनी शिकायत तुरंत वापस ले लूं। वे आगे कहते हैं कि, उन्हे गांव के बाहुबलियों से जान का खतरा है और उनके साथ गांव में पहले भी मार-पिटाई की जा चुकी है जिसकी शिकायत उन्होंने दर्ज़ कराई थी।

उन्होंने बताया कि शिक्षिकाओं को निलंबित करने के बावजूद शिक्षिकाएं बाकायदा स्कूल में सात-आठ लोगों के साथ स्कूल में आ रही हैं।

बच्चियों के पिता ने बताया कि केवल आरोपी शिक्षिकाओं के खिलाफ सख़्त कार्रवाई चाहता हूं ताकि भविष्य में किसी छात्रा के साथ इस तरह का सलूक न हो। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रशासन सुनिश्चित करे कि मुझ पर किसी भी किस्म का दबाव न बनाया जाए।

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