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मैनपुरी :  योगी की रैली तो स्कूल बंद... ये कैसी राजनीति?

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मैनपुरी में भाजपा उम्मीदवार के लिए वोट मांगने पहुंचे तो कक्षा 1 से 12 तक ज़िले के सभी स्कूल बंद कर दिए गए, कहा गया कि यातायात प्रभावित होगा।
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राजनीति और राजनेताओं का दायरा शिक्षा के लिहाज़ से उतना ही बड़ा है, जितना उनके वादों का सच। यही कारण है कि ये लोग शिक्षा के नाम पर ऐसे-ऐसे तीखे जुमले छोड़ते हैं, जो इनकी राजनीतिक सभाओं के इर्द-गुर्द घूमने के बाद इन्ही की राजनीति में फंसकर ध्वस्त हो जाता है, फिर दोबारा उठ नहीं पाता। शायद इन्ही सब चीज़ों के कारण इन लोगों को शिक्षा का अर्थ, उसकी महत्ता समझ नहीं आती, और अपनी एक राजनीतिक रैली के लिए शिक्षा के केंद्रों पर ताले लगवा देते हैं।

मामला बिल्कुल ताज़ा है और मैनपुरी का है, जहां दिवंगत मुलायम सिंह यादव की विरासत को हड़पने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा आतुर बैठे हैं, और कह रहे हैं कि हमें नेताजी का आशीर्वाद प्राप्त है।

लेकिन योगी आदित्यनाथ को ये भी समझना चाहिए कि जिस मुलायम सिंह यादव के नाम पर आप वोट मांग रहे हैं, वो उसी मैनपुरी में कभी शिक्षक रहे थे, स्कूल में बच्चों को शिक्षा दिया करते थे, और आपकी रैली के लिए ज़िले के सभी स्कूल ही बंद करवा दिए गए।

ये बात तो समझ से परे है कि योगी आदित्यनाथ की सभा में ऐसी भी कौन से भीड़ थी, कि ज़िले में कक्षा 1 से 12 तक के स्कूल ही बंद करवा दिए गए।

इस मामले में डीआईओएस का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी की चुनावी जनसभा के दौरान यातायात प्रभावित हो सकता है। इसी को देखते हुए जिले के सभी 12वीं तक स्कूलों को बंद कर दिया गया है।

समझने वाली बात ये है कि योगी आदित्यनाथ ज़िले में एक वक्त पर एक ही जगह तो रैली करेंगे, फिर सभी स्कूलों को बंद करवाने की क्या ज़रूरत पड़ गई, इसके पीछे क्या मकसद हो सकता है?

इन सवालों को जवाब ढूंढने के लिए न्यूज़क्लिक ने मैनपुरी में ही मौजूद समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता प्रोफेसर धर्मेंद्र यादव से बातचीत की, उन्होंने स्कूल बंद करने के पीछा पूरा मकसद ही राजनीतिक बताया। उन्होंने कहा कि- ‘’सबसे बड़ा कारण यही है, कोई भी योगी आदित्यनाथ की सभा में नहीं जा रहा है। लोगों को बुलाने के लिए मैनेजमेंटं से बात करके बच्चों को ले आते हैं, अपनी रैलियों में भीड़ बढ़ाने के लिए बच्चों का इस्तेमाल करते हैं। स्कूलों की बसों का इस्तेमाल करते हैं। क्योंकि योगी आदित्यनाथ की सरकार और भाजपा को शिक्षा से कोई लेना-देना नहीं है। ये किसी को भी पढ़ाना-लिखाना नहीं चाहते हैं, क्योंकि इन्हें पता है पढ़ा हुआ शख्स सवाल करता है, और इसी बात से इन्हें चिढ़ है। ये पूरी तरह से तानाशाही को दर्शाता है। क्योंकि तानाशाहों को जनहित से कोई लेना-देना नहीं होता है।‘’

प्रोफेसर धर्मेंद्र ने योगी की रैली की तर्द पर ही प्रधानमंत्री की सभा का उदाहरण दिया, ‘’उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी सुल्तानपुर में रैली कर रहे थे तब, तभी रोडवेज़ बसों को लगा दिया गया था, जिसकी वजह से जनता को बहुत परेशानी हुई थी।‘’

प्रोफेसर धर्मेंद्र यादव की बात इसलिए सच लगने लगती है, क्योंकि राजनीतिक रैली का स्कूलों से कोई संबंध नज़र नहीं आता, और फिर भी अगर ऐसा हो रहा है, तो तो ये वाकई में योगी सरकार पर सवाल करता है, कि अपनी सभाओं में भीड़ बढ़ाने के लिए बच्चों का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है? उनके भविष्य के साथ क्यों खेला जा रहा है।

इसी विषय पर न्यूज़क्लिक ने समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अब्दुल हफीज़ गांधी से बातचीत की, उन्होंने बताया कि ‘’राजनीति चमकाने के लिए शिक्षा का दुरुपयोग ठीक नहीं है। शिक्षा के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ है, इसपर इलेक्शन कमीशन को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए। प्रशासन की ओर से जो लैटर जारी किया गया है उसका कोई मतलब नहीं है, क्योकि रैली एक जगह होगी, न की पूरे ज़िले में, और वैसे भी राजनीति में बच्चों को घसीटना, उनका सहारा लेना ठीक नहीं है। उन्होंने भी यही कहा कि बच्चों स्कूल बंद करने के ऑर्डर सिर्फ इसलिए दिए गए हैं, ताकि रैली में भीड़ बढ़ाई जा सके।‘’

योगी की इस रैली के लिए बच्चों का स्कूल बंद किए जाना.. एक ही मकसद को उजागर कर रहा है, सभा में भीड़ बढ़ाना।

दरअसल योगी आदित्यनाथ मैनपुरी में होने वाले उपचुनाव में अपने उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य के लिए वोट मांगने पहुंचे थे, इस दौरान उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार की योजनाओं को जोड़ने के लिए आपको योग्य सांसद चाहिए। रघुराज शाक्य यही करेंगे। मैनपुरी को समाजवाद नहीं, रामराज्य की जरूरत है।

सीएम योगी ने कहा कि इनके बहकावे में नहीं आना है। सैफई खानदान से मुक्ति हो, बहन, बेटियों के लिए सुरक्षित समाज मिले। जनता की सेवा कर सकें। इसलिए भाजपा ने रघुराज सिंह को उतारा है। मैनपुरी जनता को समाजवाद नहीं रामराज्य चाहिए। राम राज्य सबका साथ सबके विकास के लिए काम करता है।

फिलहाल आपको बता दें कि जिस रघुराज शाक्य के लिए योगी आदित्यनाथ चीख-चीख कर वोट मांग रहे हैं, वो भी कभी मुलायम सिहं यादव के शिष्य हुआ करते थे, और दूसरी बात ये कि अगर योगी को समाजवाद को खत्म करना चाहते हैं, तो मुलायम सिंह यादव के नाम पर वोट क्यों मांग रहे हैं, क्योंकि समाजवाद और समाजवादी पार्टी के वो सबसे बड़े नेता था।

फिलहाल मैनपुरी सीट के लिए उपचुनावों 5 दिसंबर को होंगे, जबकि 8 दिसंबर को नतीजे आएंगे। यहां भाजपा की ओर से रघुराज सिंह शाक्य और समाजवादी पार्टी की ओर से डिंपल यादव मैदान में है।

हालांकि इन चुनावों में जिस तरह से छात्रों, स्कूलों और स्कूल के संसाधनों का ग़ैर-ज़िम्मेदाराना इस्तेमाल किया जा रहा है, उससे बहुत हद तक शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में चुनाव आयोग को तुरंत संज्ञान लेने की ज़रूरत है।

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