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यूपी : बजट को लेकर योगी सरकार पर विपक्ष ने साधा निशाना, निराशाजनक और दिशाहीन बताया

योगी सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए गए बजट को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जहां ‘दिशाहीन और निराशाजनक’ क़रार दिया है वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने इस बजट को लोकसभा चुनाव स्वार्थ को लेकर सिर्फ़ वादों का पिटारा बताया है।
Budget

समाजवादी पार्टी (सपाअध्‍यक्ष और उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने राज्‍य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपासरकार द्वारा बुधवार को पेश किये गये बजट को ‘दिशाहीन और निराशाजनक’ करार देते हुए कहा है कि बजट को देखते हुए ऐसा नहीं लगता कि सरकार प्रदेश को 1000 अरब डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बना पायेगी।

यादव ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ''भाजपा सरकार का यह सातवां बजट हैजिस पार्टी की सरकार को छह साल काम करने का मौका मिला हो उसका यह बजट दिशाहीन नजर आता है। इसमें ना तो आज की समस्याओं का समाधान मिलता है और ना ही भविष्य की किसी भी फैसले को आगे ले जाने का कोई रास्ता दिखायी देता है।''

उन्‍होंने कहा, ''जिस प्रदेश में सबसे ज्यादा आबादी गांव में रहती हो और खेती-किसानी पर निर्भर करती हैवहां के बजट ने किसानों को निराश किया है। जहां नौजवान उम्मीद लगाकर बैठे थे कि रोजगार के कुछ रास्ते खुलेंगेबजट ने उन्‍हें निराश किया है। महिलाओं को निराश किया है।’’

सपा प्रमुख ने सवाल किया, ‘‘भाजपा प्रदेश को एक ट्रिलियन (100 अरबडॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का सपना दिखाती है। मैं आपसे कहना चाहता हूं कि मुख्‍यमंत्री (योगी आदित्‍यनाथऔर वित्त मंत्री (सुरेश कुमार खन्‍नाप्रदेश की जनता को कम से कम यह बताएं कि एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने के लिये उत्तर प्रदेश की विकास दर क्या होनी चाहिए?''

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की भाजपा सरकार ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये विधानसभा में छह लाख 90 हजार 242 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए छह लाख 15 हजार 518 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था।

पूर्व मुख्‍यमंत्री यादव ने कहा, ''प्रदेश की कृषि विकास दर ही कम है। दिल्ली की सरकार (केंद्रने भी अपने बजट में किसानों पर कोई ध्यान नहीं दिया। उसी रास्ते पर भाजपा की उत्तर प्रदेश की सरकार भी चल रही है। क्या किसानों को उनकी उपज का दाम मिल पाएगाभाजपा के लोगों ने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाएगी लेकिन क्या ऐसा हुआकिसान की जितनी भी जरूरत की चीजें हैं सब महंगी हो गई हैं।''

उन्‍होंने सरकार द्वारा आयोजित ‘इन्‍वेस्‍टर्स समिट’ पर निशाना साधते हुए कहा ''प्रदेश सरकार निवेश का सपना दिखा रही है। इस सरकार को केवल मेला लगाना आता है। मेला लगा लियालोगों को बुला लिया। बड़े उद्योगपतियों से तो मिल लियेलेकिन छोटे-छोटे व्यापारियों का क्यासरकार यह बताए कि उसने प्रदेश में निवेश लाने के लिये बजट में कौन सी राहत की घोषणा की है?’’

वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपाकी अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती ने बुधवार को राज्‍य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए पेश किये गये बजट को 'ऊंट के मुंह में जीराकरार देते हुए इसे लोकसभा चुनाव के स्वार्थ को लेकर एक बार फिर वादों का पिटारा करार दिया।

बजट पेश होने के बाद प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, “उप्र सरकार द्वारा सदन में आज पेश बजट जनहित व जनकल्याण का कम एवं लोकसभा चुनाव (2024 में होने वालेस्वार्थ को लेकर पुनः वादों का पिटारा।

उन्होंने बजट पर सवाल उठाते हुए सलाह देते हुए कहा, “क्या इस अवास्तविक बजट से यहां की जनता का हित व कल्याण तथा भारत का ‘ग्रोथ इंजन’ बनने का दावा पूरा होगाकर्ज में डूबे उत्तर प्रदेश को भ्रमकारी नहीं रोजगार-युक्त बजट चाहिए।''

मायावती ने आगे कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में फर्क है। उन्होंने कहा कि जनता महंगाईगरीबीबेरोजगारीअशिक्षापिछड़ेपन एवं अराजकता आदि से त्रस्त है। लेकिन सरकार ने बदहाली को दूर करने के लिए कुछ किया ही नहीं।

बसपा प्रमुख ने कहा, ''यूपी सरकार द्वारा लोकसभा आम चुनाव के मद्देनजर नए भ्रमकारी वादे व दावे करने से पहले पिछले बजट का ईमानदार रिपोर्ट कार्ड लोगों के सामने नहीं रखने से स्पष्ट है कि भाजपा की डबल इंजन सरकार में प्रति व्यक्ति आय व विकास की जमीनी हकीकत मिथ्या प्रचार व जुमलेबाजी है। बजट ऊंट के मुंह में जीरा है।''

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कर्ज के बढ़ते बोझ से स्पष्ट है कि सरकारदावों एवं प्रचारों के विपरीतहर मोर्चे पर विफल हो रही है।’’

न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ

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