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अपडेट: पहलवानों का संघर्ष जारी, बुधवार को किसान संगठनों की बैठक

न्यूज़क्लिक से बातचीत में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता ने कहा कि हम पहलवानों के संघर्ष में उनके साथ है। बुधवार की मीटिंग में आगे की रणनीति तय की जाएगी। इसके अलावा खाप के नेता ने भी कहा कि बृजभूषण की गिरफ़्तारी से कम कुछ मंज़ूर नहीं।
rakesh tikait
फ़ोटो : PTI

पिछले दो-तीन दिनों से ख़ासकर मीडिया के माध्यम से लागतार पहलवानों के आंदोलन को लेकर असमंजस की स्थिति बनाई हुई है। जबकि पहलवान और उनके परिवार लागतार साफ कह रहें है उनका संघर्ष न्याय मिलने तक जारी रहेगा।

आज मंगलवार सुबह कई अखबारों ने खबर प्रकाशित की किसान संगठन और खाप पंचायतें पहलवानों से नाराज़ है और अपना समर्थन वापस ले रही हैं। जबकि न्यूज़क्लिक से बातचीत में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता और अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने किसान संगठनों के आंदोलन से अलग होने की बात को सिरे से खारिज किया और कहा कि हम पहलवानों के संघर्ष में उनके साथ है।

इंद्रजीत सिंह ने कहा कि कल यानी सोमवार को भी पूरे देशभर में हजारों जगह पहलवानों को न्याय मिले और यौन शौषण के आरोपी बृजभूषण शरन सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन किए गए। ऐसे में ये कहना की किसान पहलवानों के साथ नहीं हैं पूरी तरह गलत है।

इसे पढ़ें: पहलवानों का संघर्ष :"हम आंदोलन के आगे की रणनीति तैयार कर रहे, हम पीछे नहीं हटेंगे"

आगे उन्होंने कहा कि कल बुधवार, 7 जून को दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग है। उसमें हम आंदोलन के अगले चरण की तैयारी पर बात करेंगे और पहलवानों के हक़ में जो होगा वो निर्णय लिया जाएगा ।

पहलवानों के नौकरी पर वापस जाने पर उन्होंने कहा कि खिलाड़ी कोई हड़ताल पर नही थे। वो अपनी नौकरी के साथ अपना संघर्ष जारी रखेंगे।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने 9 जून को वापस दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन को टाले जाने को लेकर मीडिया से बातचीत में कहा कि इसे इसलिए टाल रहे हैं क्योंकि सरकार और पहलवानों में वार्ता शुरू हुई है। इस वार्ता के परिणाम के आधार पर ही आगे के आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।

खाप की नाराज़गी को लेकर हमने पालम 360 के सरपंच चौधरी सुरेन्द्र सोलंकी से बात की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि खाप अपने पहलवान बच्चो के साथ चट्टान की तरह खड़ी है। हम शुरुआत से उनके साथ हैं। पहलवान बच्चे अपने आंदोलन का नेतृत्व करेंगे। उनके हर फैसले में उनके साथ हैं। हमारी केवल एक ही मांग है कि बृजभूषण की गिरफ्तारी हो। इससे कम हमें कुछ मंजूर नहीं है।

सुरेंद्र सोलंकी ने साफ किया कि सरकार के लोग आंदोलन को कमजोर करने के लिए इस तरह को अफवाह उड़ा रहे है। ये आंदोलन पहलवानों के जीत के साथ ही खत्म होगा।

आपको बता दे 28 मई की घटना के बाद से लगातार पहलवानों को लेकर मीडिया में खबरें प्लांट कराई जा रही हैं। इन सब खबरों का सोर्स अनजाना सूत्र है। पहले कई घण्टे सूत्रों के हवाले से ख़बर चलती है फिर आंदोलनकारी पहलवानों को सामने आकर खंडन करना पड़ता है। ये चक्र पिछले कुछ दिनों से लगातार जारी है।

पहले नाबालिग पीड़िता के नाबालिग होने पर प्रश्न उठाए गए। फिर लागतार उनके द्वारा बयान पलटने की खबरें चलीं। इसके बाद कई प्रतिष्ठित संस्थानों ने आंदोलन वापसी की हेडलाइन चलाई और फिर पहलवानों के नौकरी ज्वाइन करने को उनके आंदोलन खत्म करने से जोड़ दिया गया।

हालांकि ये सभी खबरें बिना आधार के चलाई गईं। कुछ ही समय में इन खबरों का खंडन पहलवानों ने किया। लेकिन पिछले कुछ दिनों से ऐसा लग रहा है की हमारा टीवी और कई प्रिंट मीडिया झूठ को पांव नही पंख लगा उड़ाने में लगा हुआ है।

पहलवान साक्षी मलिक ने ट्वीट करके साफ किया आंदोलन ख़त्म होने की ख़बरें बिल्कुल ग़लत है। उन्होंने कहा- इंसाफ़ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी ज़िम्मेदारी को साथ निभा रही हूं। इंसाफ़ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई ग़लत ख़बर ना चलाई जाए।

इसी तरह बजरंग पुनिया ने भी ऐसी ख़बरों पर स्थिति साफ करते हुए ट्वीट किया कि "आंदोलन वापस लेने की खबरें कोरी अफ़वाह हैं। ये ख़बरें हमें नुक़सान पहुंचाने के लिए फैलाई जा रही हैं। हम न पीछे हटे हैं और न ही हमने आंदोलन वापस लिया है। महिला पहलवानों की एफ़आईआर उठाने की ख़बर भी झूठी है।इंसाफ़ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी।"

नौकरी ज्वाइन करने के सवाल पर पहलवानों ने लिखा हमारे मेडलों को 15-15 रुपए के बताने वाले अब हमारी नौकरी के पीछे पड़ गये हैं। हमारी ज़िंदगी दांव पर लगी हुई है, उसके आगे नौकरी तो बहुत छोटी चीज़ है। अगर नौकरी इंसाफ़ के रास्ते में बाधा बनती दिखी तो उसको त्यागने में हम दस सेकेंड का वक्त भी नहीं लगाएंगे। नौकरी का डर मत दिखाइए।

मीडिया की इन झूठी-सच्ची ख़बरों के बीच दिल्ली पुलिस बृजभूषण के लखनऊ और गोंडा स्थित घर पहुंची और उनके घर काम करने वाले लोगों से बृज भूषण के व्यवहार के बारे में पूछताछ की है।

आपको बता दें कि विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के नेतृत्व में पहलवान कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन चला रहे हैं। पहलवान बृजभूषण शरण पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप हैं। बृजभूषण पर नाबालिग से भी यौन शोषण के आरोप हैं। इन पहलवानों ने 23 अप्रैल से 28 मई तक जंतर मंतर पर धरना दिया था। तब तक ये आंदोलन अपनी एक निरंतरता से चल रहा था लेकिन 28 मई को जंतर मंतर से नई संसद तक मार्च निकालने के दौरान पुलिस ने बलपूर्वक इस आंदोलन को कुचलने की कोशिश की और पहलवानों को हिरासत में लेकर जंतर मंतर से उनका टेंट उखाड़ दिया। इस घटना के बाद क्षुब्ध पहलवान अपने मेडल गंगा में बहाने निकल गए थे। हालांकि खाप और किसान नेताओं ने उन्हें रोका और कुछ समय मांगा कि वो उनके मुद्दे को सरकार से हल करने को कहेंगे। इसके साथ ही एक जून से आंदोलन को पूरे ज़ोर से चलाने की घोषणा हुई, जिसके बाद ही अमित शाह ने खिलाड़ियों को बातचीत के लिए बुलाया। हालंकि ये बातचीत भी बेनतीजा रही है।

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