Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

'हम गुलामी से लड़ चुके हैं फिर गुलाम नहीं होंगे'

'मैंने आज़ादी की लड़ाई में भी हिस्सा लिया है और ये लड़ाई भी हम लड़ेंगे। मैंने भगत सिंह को भी शहीद होते हुए देखा है और इस आंदोलन के लिए शहीद होने के लिए भी तैयार हूँ।'' ये शब्द हैं कड़कड़ाती ठण्ड के बीच किसान आंदोलन में पहले दिन से डटे 92 साल के जनकवि कुंवर सिंह यादव के। कुंवर सिंह यादव राजस्थान अलवर जिले के बूढ़ी बावल (budhi bawal) गाँव के रहने वाले हैं। कुंवर सिंह किसान अंदोलन में अपने गीतों से जोश भर रहे हैं। वो आज़ादी की लड़ाई के गीत और आज के किसान अंदोलन के संघर्ष के गीत गीतें हैं। न्यूज़क्लिक की टीम ने उनके कुछ गीतों को रिकॉर्ड किया और उनसे बात की।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest