यूपी विपक्ष की राजनीति का गड्ढ़ा क्यों, नए संसद के बाद राम मंदिर के उद्घाटन की बीजेपी की तैयारी
नई संसद भवन का राजसी-धार्मिक रीति से उद्घाटन कराने के बाद बीजेपी नेतृत्व की नज़र अब जनवरी में उद्घाटित किये जाने वाले अयोध्या के राम मंदिर पर है. देश के सबसे बड़े राज्य UP की 80 सीटों के लिए धार्मिकता, संकीर्णता और ध्रुवीकरण की राजनीति ही सबसे बड़ा सहारा है. गवर्नेंस पर वह कहीं भी चुनाव नहीं लड़ती. पर UP के मुख्य विपक्षी दल क्या BJP का मुक़ाबला करने को तैयार हैं? क्या उनके पास नफ़रत, विभाजन और सांप्रदायिकता की राजनीति से लड़ने की कोई वैचारिकता और ठोस एजेंडा है? SP-BSP-Congress जैसी पार्टियाँ यूपी में BJP की चुनौती का सामना करने में अक्षम नज़र आती हैं ? #AajKiBaat में वरिष्ठ पत्रकार Urmilesh का विचारोत्तेजक विश्लेषणः
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