आज़ादी की उड़ान : कारवान-ए-मुहब्बत
ब्रिटिश राज से आज़ादी के 72 साल बीतने के बाद, आज के आज़ाद भारत में रहने के मायने क्या हैं? पुरानी दिल्ली के लाल कुआं मोहल्ले के पतंग बाज़ार में माहौल जश्न का नहीं बल्कि निराशाजनक है। एक शख़्स जो भारत का सबसे बड़ा तिरंगा गर्व से बेचते हैं, उनका कहना है, "जब क़ानून आपको और मुझे बराबरी का अधिकार देगा, तब वो असली आज़ादी होगी। आज़ादी का मतलब है बग़ैर भेदभाव और बग़ैर डर के रहना।"
ब्रिटिश राज से आज़ादी के 72 साल बीतने के बाद, आज के आज़ाद भारत में रहने के मायने क्या हैं? पुरानी दिल्ली के लाल कुआं मोहल्ले के पतंग बाज़ार में माहौल जश्न का नहीं बल्कि निराशाजनक है। एक शख़्स जो भारत का सबसे बड़ा तिरंगा गर्व से बेचते हैं, उनका कहना है, "जब क़ानून आपको और मुझे बराबरी का अधिकार देगा, तब वो असली आज़ादी होगी। आज़ादी का मतलब है बग़ैर भेदभाव और बग़ैर डर के रहना।"
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