Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

‘प्रेस की आज़ादी पर हमला': एडिटर्स गिल्ड, डीयूजे ने मीडिया समूहों पर आयकर विभाग के “सर्वे” की निंदा की

गिल्ड ने न्यूज़क्लिक और न्यूज़लॉन्ड्री के दफ़्तरों में आईटी द्वारा ‘सर्वे’ की आलोचना करते हुए कहा कि आज़ाद मीडिया को परेशान करने और डराने-धमकाने की इस ख़तरनाक रवैये को रोका जाना चाहिए।
‘प्रेस की आज़ादी पर हमला': एडिटर्स गिल्ड, डीयूजे ने मीडिया घरानों पर आयकर विभाग द्वारा “सर्वे” की निंदा की

पत्रकारों के शीर्ष निकाय, एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने शनिवार को कहा कि समाचार वेबसाइटों–न्यूज़क्लिक और न्यूज़लॉन्ड्री– के दिल्ली स्थित दफ़्तरों में आयकर विभाग के “सर्वे” से वह बेहद दुखी है।

एक अलग बयान में दिल्ली यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट्स (DUJ) ने "ऑनलाइन मीडिया पोर्टल्स–न्यूज़लॉन्ड्री और न्यूज़क्लिक–को उनके परिसरों पर बार-बार छापेमारी के ज़रिये डराने और धमकाने के सिलसिले में सरकार की निर्लज्ज कोशिशों” की निंदा की।

एडिटर्स गिल्ड ने न्यूज़लॉन्ड्री के सह-संस्थापक अभिनंदन सेखरी के फ़ोन और उनके निजी लैपटॉप के साथ-साथ आईटी विभाग की तरफ़ से हैश वैल्यू मुहैया कराये बिना दफ़्तरों के कंप्युटर और दूसरे डिजिटल उपकरणों की क्लोनिंग किये जाने की भी निंदा की। न्यूज़क्लिक के दफ़्तर में भी आईटी टीम ने प्रकाशन के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ का फ़ोन ज़ब्त कर लिया और दफ़्तर के परिसर से कई ज़रूरी दस्तावेज़ भी ले गये। उन्होंने पुरकायस्थ, संपादक प्रांजल और न्यूज़क्लिक से जुड़े  विभिन्न प्रशासनिक और वित्तीय खातों के ईमेल डंप भी लिए।

गिल्ड ने अपने बयान में कहा, "यह उनके अधिकारों पर साफ़ तौर पर एक और डराने वाला और निर्लज्ज हमला था। गिल्ड ने इसे प्रेस की आज़ादी पर हमला बताया।"

आधिकारिक तौर पर आईटी अधिनियम की धारा 133 A के तहत किया गये ये "सर्वे" दोनों समाचार प्रकाशनों के दफ़तरों में 10 सितंबर को दोपहर 12 बजे से 11 सितंबर की आधी रात तक चले।

गिल्ड ने पत्रकारों और संपादकों के निजी डेटा और उपकरणों के साथ-साथ दफ़्तर के दस्तावेज़ों और मशीनों को जब्त किये जाने की आलोचना करते हुए कहा कि यह "सर्वे" के दायरे से बाहर था। “यह साफ़ तौर पर आयकर अधिनियम की धारा 133A के तहत परिभाषित सर्वे के शासनादेश से परे है, जो सिर्फ़ जांच से जुड़े डेटा की प्रतिलिपि बनाने की ही इजाज़त देता है और इसमें कोई शक नहीं कि पत्रकारों के निजी और पेशेवर डेटा की प्रतिलिपि बनाने की इजाज़त तो बिल्कुल ही नहीं देता। गिल्ड ने कहा, “यह सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 में निर्धारित प्रक्रियाओं का उल्लंघन है।”

यह याद करते हुए कि इस साल की शुरुआत में भी दो प्रकाशनों के दफ़्तरों में इस तरह के सर्वे किये गये थे, गिल्ड ने इस बात को रेखांकित किया कि दोनों प्रकाशन केंद्र सरकार की नीतियों और कामकाज के अहम आलोचक रहे हैं।

आगे अपने बयान में गिल्ड ने चिंता जताते हुए कहा कि, "पत्रकारों के उस डेटा को इस तरह से अंधाधुंध तरीक़े से ज़ब्त किया जाना–जिसमें स्रोतों के विवरण, जुटायी जा रही ख़बरें और पत्रकारिता से जुड़े अन्य डेटा जैसी संवेदनशील जानकारियां शामिल हो सकती हैं– दरअसल अभिव्यक्ति की आज़ादी और प्रेस की स्वतंत्रता का उल्लंघन है।"

गिल्ड ने कहा कि सरकारी एजेंसियों के "स्वतंत्र मीडिया को परेशान करने और डराने” के इस ख़तरनाक रवैये पर रोक लगनी चाहिए क्योंकि इस तरह की कार्रवाइयां संवैधानिक लोकतंत्र को कमज़ोर करती हैं। गिल्ड ने कुछ समय पहले सरकार के महामारी से निपटने को लेकर अख़बारों के अहम कवरेज के बाद आईटी द्वारा दैनिक भास्कर और भारत समाचार के दफ़्तरों पर की गई छापेमारी का भी ज़िक़्र किया।

इस तरह की जांच की प्रक्रिया में बहुत सावधानी और संवेदनशीलता की मांग करते हुए गिल्ड ने कहा कि पत्रकारों और मीडिया संगठनों के अधिकारों को कमज़ोर नहीं किया जाना चाहिए। इसने सरकार से इस बात को सुनिश्चित करने की भी मांग की कि तहक़ीक़ात नियमों के मुताबिक़ हो और वे "स्वतंत्र मीडिया को डराने वाले उत्पीड़न के साधनों के स्तर तक न गिरे।"

यह कहते हुए कि वे नहीं डरेंगे और सत्ता से सच बोलना जारी रखेंगे, न्यूज़क्लिक ने कहा, "विभिन्न एजेंसियों की तरफ़  से की जा रही ये जांच और ये चुनिंदा आरोप, न्यूज़क्लिक सहित मीडिया के दूसरे संगठनों की स्वतंत्र पत्रकारिता को दबाने की कोशिश है। अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत भारत का संविधान बोलने और अभिव्यक्ति की आज़ादी का अधिकार देता है, इसी अधिकार के आधार पर हम अपना काम करते हैं।”

इसी तरह की भावनाओं को व्यक्त करते हुए सेखरी ने एक बयान में कहा, "हमारे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और नियम-क़ायदे के हिसाब से ही सब कुछ किया गया है और किसी भी क़ानून का किसी भी तरह से उल्लंघन या अतिक्रमण नहीं किया गया है।"

इस साल की शुरुआत में न्यूज़लॉन्ड्री के दफ़्तर का आईटी विभाग ने “सर्वे” किया था, जबकि न्यूज़क्लिक के कार्यालय पर प्रवर्तन निदेशालय ने छापा मारा था। इस बार की ही तरह उस बार भी दोनों प्रकाशनों ने अधिकारियों के साथ सहयोग किया था।

डीयूजे का बयान:

डीयूजे ने एक बयान में कहा,“मीडिया और सरकार दोनों से जुड़े सभी मामलों पर अपनी तीखी, आलोचनात्मक निगाह रखने के लिए मशहूर न्यूज़लॉन्ड्री के दिल्ली दफ़्तर पर 10.1.2021 को आयकर विभाग ने छापेमारी की थी। उसी समय न्यूज़क्लिक के दिल्ली कार्यालय पर भी छापेमारी की गयी थी।”

डीयूजे ने कहा कि हालांकि आईटी अधिकारियों ने दावा किया था कि ये छापे नहीं सर्वे थे, फिर भी ये सुबह से आधी रात तक चले और कर्मचारियों को उनके फ़ोन से वंचित कर दिया गया और उन्हें परिसर से बाहर नहीं जाने दिया गया।

इस बयान में कहा गया है कि न्यूज़क्लिक पर पहले फ़रवरी 2021 में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से छापा मारा गया था जबकी इसके प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ के घर पर चौबीसो घंटे पूरे एक सप्ताह तक छापे चलते रहे थे। आईटी अधिकारियों ने जून में पुरकायस्थ और संपादक प्रांजल से भी पूछताछ की थी। न्यूज़क्लिक अपने संस्था पर लगाये गये आरोपों के सिलिसिले में अधिकारियों को अदालत ले गया है।

सरकार की आलोचना करने वाले मीडिया समूहों या पोर्टलों पर इस तरह के और हमलों की सूची गिनाते हुए इस  बयान में याद दिलाया गया कि उत्तर प्रदेश में महामारी से होने वाली मौतों के अहम कवरेज के तुरंत बाद प्रमुख हिंदी दैनिक, दैनिक भास्कर के दफ़्तरों में देशव्यापी आईटी छापे मारे गये थे।

“डीयूजे मीडिया प्रतिष्ठानों और ख़ास-ख़ास पत्रकारों को डराने-धमकाने के ऐसी सभी कोशिशों की निंदा करता है। हम पुरस्कार विजेता पत्रकार राणा अय्यूब के ख़िलाफ़ महामारी के दौरान धन इकट्ठा करने वाले अभियान और राहत कार्यों के लिए उत्तर प्रदेश में प्राथमिकी दर्ज करने पर भी सवाल उठाते हैं।

इस बयान में त्रिपुरा में "मीडिया के दफ़्तरों में तोड़फोड़ और आग लगाने" की भी निंदा की गयी है।

बयान में कहा गया है, "त्रिपुरा में पांच मीडिया घराने–पीबी 24, प्रतिभावादी कलाम, कलमर शक्ति, डेली देशेरकथा और दुरंता टीवी के साथ-साथ दो सीपीएम कार्यालयों पर बीजेपी कार्यकर्ताओं की ओर से किये गये हिंसक हमले लोकतंत्र के लिए खतरनाक हैं।" परिसर में तोड़फोड़ करने वालों, कुछ दफ़्तरों को आग लगाने और कई मीडिया वाहनों को आग के हवाले करने वालों के ख़िलाफ़ तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Attack on Press Freedom’: Editors Guild, DUJ Condemn IT Dept ‘Surveys’ at Media Houses

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest