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बंगाल चुनाव: सिलीगुड़ी में सीपीआई(एम) नेता अशोक भट्टाचार्य के समर्थन में उमड़ा नौजवानों का सैलाब

एक संवावददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिग्गज नेता ने चुनाव आयोग द्वारा सीएम बनर्जी के प्रति भेदभावपूर्ण व्यवहार जबकि भाजपा नेताओं के नफरती भाषणों पर छूट दिए जाने की निंदा की।
बंगाल चुनाव: सिलीगुड़ी में सीपीआई(एम) नेता अशोक भट्टाचार्य के समर्थन में उमड़ा नौजवानों का सैलाब

सिलीगुड़ी: 13 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी की सड़कों पर हजारों की संख्या में युवाओं का हुजूम उमड़ पड़ा था, क्योंकि उस दिन निवर्तमान विधायक अशोक भट्टाचार्य अपने चुनाव प्रचार के लिए जमीन पर उतरे। पिछले पांच बार से विधायक रह चुके भट्टाचार्य, एक बार फिर से विधानसभा चुनावों में इस निर्वाचन क्षेत्र से वाम मोर्चे का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 

इस रोड शो में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की केन्द्रीय कमेटी के सदस्य सुजान चक्रवर्ती, युवा नेता शतरूप घोष और फुटबॉल सितारे ध्यान देने योग्य बात यह है कि फुटबॉल स्टार बाइचुंग भूटिया ने पिछले 2016 के विधानसभा चुनावों में यहाँ से चुनाव लड़ा था, लेकिन वे अशोक भट्टाचार्य से 15,000 से अधिक मतों से चुनाव हार गये थे। इस दफा भूटिया ने निवर्तमान सीपीआई(एम) विधायक को अपना समर्थन दिया है, और कहा कि भट्टाचार्य एक ऐसे राजनीतिज्ञ हैं जिनका सारे राज्य में सबसे स्वच्छ रिकॉर्ड है। भूटिया ने यह भी दावा किया कि भट्टाचार्य की सिलीगुड़ी के पहाड़ी और मैदानी दोनों ही क्षेत्रों में समान रूप से लोकप्रियता है।

भट्टाचार्य का चुनाव अभियान सिलीगुड़ी के विकास के इर्दगिर्द केंद्रित है और उन्होंने इस बात को लेकर विशेष सावधानी बरती है कि इस व्यापारिक केंद्र की शांति भंग न हो। सड़कों और बुनियादी क्षेत्रों के अतिरिक्त - जिसके बारे में सूचना के मुतबिक इस दिग्गज नेता के तहत उल्लेखनीय विकास देखने को मिला है - उन्होंने भाजपा के सांप्रदायिक ध्रुवीकरण अभियान का मुकाबला करने पर भी अपना ध्यान केन्द्रित कर रखा है।

न्यूज़क्लिक के साथ हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि क्षेत्र में वे शहर भर की विभिन्न बस्तियों में घर-घर जाकर प्रचार करने, जहाँ पर उनके अधिकांश मतदाता बसते हैं, के कारण वे अपनी जीत के सिलसिले को बरकरार रखने के प्रति आश्वस्त हैं। सीपीआई(एम) नेता ने आगे कहा कि शहर के समृद्ध इलाके को छोड़कर जहाँ पर मारवाड़ी लोग निवास करते हैं, यहाँ तक कि हिंदी भाषी आबादी भी इस बार वाम मोर्चे को ही वोट करने जा रही है।

इस क्षेत्र के ध्रुवीकरण करने के भाजपा के प्रयासों की आलोचना करते हुए भट्टाचार्य का कहना था कि भले ही सिलीगुड़ी के पास पहचान के मुद्दों को लेकर अपना खुद का ब्रांड रहा है, लेकिन एक-दूसरे को आपस में भिड़ाकर समूहों के बीच में दुश्मनी का भाव पैदा करना भाजपा के ध्रुवीकरण अभियान का हमेशा से मुख्या आधार रहा है। 

उन्होंने दावा किया कि इससे पूर्व 2014 में एक बार जब इस क्षेत्र में नेपालियों और बंगालियों के बीच में लड़ाई छिड गई थी, तो यह वामपंथ ही था जिसने इसकी रोकथाम में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 

सिलीगुड़ी के एक इलेक्ट्रिक रिक्शा संचालक अमीनुद्दीन ने कहा “लोग भाजपा के ध्रुवीकरण अभियान से परिचित हैं, लेकिन हमारा वोट अशोक भट्टाचार्य को ही जायेगा, क्योंकि उन्होंने पिछले कई वर्षों से यहाँ पर शांति को सुनिश्चित करने का काम किया है।” उनका आगे कहना था कि उत्तरी बंगाल में सिलीगुड़ी एक नखलिस्तान के समान है, जहाँ पर विभिन्न समुदायों की उपस्तिथि के चलते लगातार तनाव की स्थिति बनी रहती है।

हाकिम पारा इलाके के एक वरिष्ठ व्यवसायी ने न्यूज़क्लिक को बताया “हम सभी को पता है कि सिलीगुड़ी इस क्षेत्र में रणनीतिक चिकेन नेक वाली जगह पर स्थित है, जो भट्टाचार्य की अनुपस्थिति में आग की लपटों में घिर जाने वाला है। इस क्षेत्र में शांति बहाली एक प्रमुख जरूरत है, और यह सिर्फ भट्टाचार्य की बदौलत है।”

सांख्यिकीय आंकड़ों का हवाला देते हुए उनका कहना था कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के वोटिंग पैटर्न में अंतर होता है, और वाम मोर्चे के पास इस निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतने के असार काफी अच्छे हैं।

बाद में सिलीगुड़ी में एक संवावदाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए इस दिग्गज नेता ने चुनाव आयोग द्वारा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार करने, जबकि भाजपा नेताओं के नफरती भाषणों की अनदेखी करने पर अपनी चिंता जताई। उन्होंने सितालकुची घटना के संबंध में सांप्रदायिक बयान देने पर राहुल सिन्हा और दिलीप घोष की गिरफ्तारी की मांग की। इस बीच चुनाव आयोग ने सीएम बनर्जी के केन्द्रीय बलों का घेराव करने वाले बयान पर उन्हें 24 घंटे के लिए प्रचार करने से प्रतिबंधित कर दिया है।

सीपीआई(एम) के दार्जिलिंग जिला सचिव जिबेश सरकार के साथ-साथ भट्टाचार्य ने भी सिलीगुड़ी पुलिस के सुरक्षा बंदोबस्त की निंदा की। खबरों के मुताबिक गृहमंत्री अमित शाह की चुनावी सभा के लिए सिलीगुड़ी पुलिस ने शहर के व्यस्तम चौराहे, समूचे हाशमी चौक की 3 घंटे के लिए पूर्ण घेराबंदी कर दी थी। भट्टाचार्य का आरोप है कि इसके परिणामस्वरूप, सीपीआई(एम) द्वारा निर्धारित तीन चुनावी सभाओं को निरस्त करना पड़ा।

उन्होंने बंगाल मीडिया के एक हिस्से द्वारा सीपीआई(एम) के ग्राउंड ब्रेकिंग चुनाव अभियान के आंशिक बहिष्कार पर भी सवाल उठाते हुए इस मुद्दे पर प्रकाश डाला कि मीडिया द्वारा विपक्ष के विशाल मार्च तक को नजरअंदाज किया जा रहा है।

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने पूर्व कांग्रेसी नेता ओमप्रकाश मिश्रा को इस सीट से चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा का प्रतिनिधित्व एक अन्य दलबदलू, संकर घोष द्वारा किया जा रहा है। 

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Bengal Elections: Red Deluge in Siliguri as Youth Pour Out in Support of CPI(M)’s Ashok Bhattacharya

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