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कोविड काल में बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने खोजा सांप्रदायिक एंगल, बाद में मुस्लिम कर्मियों से माफी मांगी

तेजस्वी सूर्या 6 मई को बेंगलुरु दक्षिण जोन के कोविड-19 वॉर रूम में गए और वहां काम करने वाले 200 कर्मचारियों से माफी मांगी। तेजस्वी सूर्या विधायक सतीश रेड्डी, रवि सुब्रमण्या और उदय गरुडचर के साथ इससे पहले 4 मई को इसी कोविड-19 वॉर रूम में गए थे और उसमें काम कर रहे 16 मुस्लिम कर्मचारियों के नाम लेते हुए उनपर कोविड बेड ब्लॉकिंग घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था।
तेजस्वी सूर्या

बेंगलुरु दक्षिण से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद और युवा नेता तेजस्वी सूर्या कोविड वार्ड में घोटाले के नाम पर मुस्लिम समुदाय के कर्मियों का नाम लेकर सुर्खियों में हैं। बीजेपी के बेंगलुरु दक्षिण से सांसद तेजस्वी सूर्या पर बेंगलुरु बेड्स घोटाले में सांप्रदायिक ऐंगल देने का आरोप लग रहा है। लेकिन अब बेंगलुरु बेड्स घोटाला मामले में अब एक नया मोड़ देखने को मिला है। 

तेजस्वी सूर्या 6 मई को बेंगलुरु दक्षिण जोन के कोविड-19 वॉर रूम में गए और वहां काम करने वाले 200 कर्मचारियों से माफी मांगी। तेजस्वी सूर्या विधायक सतीश रेड्डी, रवि सुब्रमण्या और उदय गरुडचर के साथ इससे पहले 4 मई को इसी कोविड-19 वॉर रूम में गए थे और उसमें काम कर रहे 16 मुस्लिम कर्मचारियों के नाम लेते हुए उनपर कोविड बेड ब्लॉकिंग घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था।
 
द न्यूज मिनट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या ने गुरुवार (6 मई) को शाम लगभग 7 बजे बेंगलुरु दक्षिण कोविड-19 वॉर रूम की फिर से समीक्षा की और वहां काम कर रहे 200 लोगों से माफी मांगी। तेजस्वी सूर्या ने माफी मांगते हुए कहा, ''मुझे माफ कीजिएगा, यह मेरी ही गलती थी। मुझे एक सूची दी गई और मैंने उसे बस पढ़ दिया था। मुझे पता है कि कोविड वॉर रूम के कर्मचारी इससे बहुत प्रभावित हुए हैं।''

तेजस्वी सूर्या ने सफाई देते हुए कहा, उन्होंने बस सूची में दी गई नामों को पढ़ा था। तेजस्वी ने कहा, ''मेरा सांप्रदायिक होने का कोई इरादा नहीं था और ना ही नामों को पढ़ते वक्त मैंने ये ध्यान दिया कि लिस्ट में दिए गए सारे नाम एक ही समुदाय से थे।'' तेजस्वी सूर्या ने दावा किा कि उन्होंने ये नहीं देखा कि क्या यह हिंदू है या मुस्लिम।

हालांकि, तेजस्वी सूर्या वॉर रूम के सदस्यों को यह नहीं बताया कि उन्हें इस तरह की सूची कहां से मिली थी। ना ही ही तेजस्वी सूर्या ने 4 मई को नाम पढ़कर आरोप लगाने से पहले बताया था कि इसे कहां से और कैसे सत्यापित किया गया है।

अब इस पूरे मामले पर तेजस्वी सूर्या ने माफी मांगी है। बताया जा रहा है कि जिन 16 मुस्लिम कर्मचारियों पर तेजस्वी सूर्या ने कोविड-19 बेड ब्लॉकिंग घोटाले का आरोप लगाया था, उनका सोशल मीडिया पर काफी उत्पीड़न किया गया है। सिर्फ 16 मुस्लिम कर्मचारियों को ही नहीं बल्कि वॉर रूम में काम करने वाले 212 लोगों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भद्दे-भद्दे कमेंट किए गए। उनके नाम और नंबर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लीक भी हो गए हैं।

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