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क्या अडानी ग्रुप के विदेशी खातों तक पहुंचना गलत है ?

डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस अडानी ग्रुप सहित 40 कंपनियों की खातों की छानबीन कर रहा था।

डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस अडानी ग्रुप सहित 40 कंपनियों की खातों की छानबीन कर रहा था। डीआरआई ने अडानी ग्रुप के खातों की छानबीन के दौरान पाया कि इंडोनेशिया से आने वाले कोयले की कीमत को बहुत अधिक करके खातों में दर्ज किया जा रहा है। इस जानकारी को पुख्ता करने के लिए डीआरआई की तरफ से विदेशी मुल्कों को लेटर ऑफ़ रोगेटरी भेजा ताकि अडानी ग्रुप की विदेशों में मौजूद सूचनाओं तक पहुंचा जा सके। इस कदम के खिलाफ अडानी ग्रुप ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। बॉम्बे हाई कोर्ट ने डीआरआई द्वारा जारी लेटर ऑफ रोगेटरी को अधिकार क्षेत्र से बाहर करार देकर ख़ारिज कर दिया। जबकि डीआरआई का कहना था कि वह कस्टम एक्ट के तहत दूसरे मुल्कों को लेटर ऑफ़ रोगेटरी जारी कर सकती है। कोर्ट द्वारा अडानी ग्रुप की छानबीन में पैदा की गयी यह अड़चन कई तरह के सवाल खड़ा करती है। इस पुरे को मुद्दे को विस्तार से समझा रहे हैं वरिष्ठ आर्थिक पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता।

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