हरियाणा में महिला और दलित प्रेमी को जूतों की माला पहनाकर, चेहरों को काला कर घुमाया गया
अब भी हमारे आस-पास लोग यह कहते हुए मिल जायेंगे कि जाति-वाती, कास्ट - वास्ट कुछ नहीं होता है। पिछड़ें लोग यह सारी बातें करते हैं। लेकिन कभी भी ये लोग मुड़कर अपने समाज को खंगालने की कोशिश नहीं करते हैं। यह नहीं देखते कि उनकी लापरवाही समाज में फ़ैल रहे नफरत का सामना नहीं करती है बल्कि उसे बढ़ावा ही देती है। सबकुछ होता रहता है और हम मूकदर्शक बनकर देखते रहते हैं। हरियाणा में करनाल जिले के एक गांव में ‘‘अवैध संबंध’’ को लेकर बुधवार को एक महिला और एक दलित व्यक्ति की कथित तौर पर पिटाई की गई। उन्हें जूतों की माला पहनाई गई और चेहरों को काला कर उन्हें घुमाया गया। यह जानकारी पुलिस ने दी।
पुलिस ने बताया कि दलित व्यक्ति के परिवार ने पुलिस में यह शिकायत दर्ज कराई है।परिवार ने पत्रकारों को बताया कि महिला के कुछ रिश्तेदारों ने कुछ ग्रामीणों की मदद से महिला और इस व्यक्ति को पकड़ कर उनकी पिटाई की। उनके गले में जूतों की माला डाली गई और उनके चेहरों को काला कर गांव में उन्हें घुमाया गया।उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ ग्रामीणों ने इस घटना की वीडियो भी बनाई है।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ''हमने कुछ ग्रामीणों और महिला के परिवार के रिश्तेदारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। इस सिलसिले में विस्तृत जांच की जा रही है।’’
अब यह हाल हरियाणा का है। हरियाणा कोई देश का पिछड़ा राज्य नहीं है। ग्रोथ रेट के मामले में हरियाणा देश के औसत से कहीं आगे है हिंदुस्तान में हर 18 मिनिट में एक दलित के खिलाफ हिंसा होती है और दिन बीतते तक 2 दलितों की जान जा चुकी होती है
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