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जम्मू-कश्मीर : ऐतिहासिक पल या ऐतिहासिक छल!

हमारी सरकारों और पार्टियों ने कभी देश को कश्मीर का सच नहीं बताया। उसे लेकर हमेशा अंधेरे में रखा। और आज भी यही किया जा रहा है। इसलिए हम कश्मीरियों के सुख-दु:ख से खुद को नहीं जोड़ पाते हैं। यह कहना है मानवाधिकार कार्यकर्ता और लेखक गौतम नवलखा का। जम्मू-कश्मीर के मसले पर न्यूज़क्लिक ने उनसे विशेष बातचीत की।

हमारी सरकारों और पार्टियों ने कभी देश को कश्मीर का सच नहीं बताया। उसे लेकर हमेशा अंधेरे में रखा। और आज भी यही किया जा रहा है। इसलिए हम कश्मीरियों के सुख-दु:ख से खुद को नहीं जोड़ पाते हैं। यह कहना है मानवाधिकार कार्यकर्ता और लेखक गौतम नवलखा का। जम्मू-कश्मीर के मसले पर न्यूज़क्लिक ने उनसे विशेष बातचीत की।

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