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जम्मू-कश्मीर पर सरकार का फ़ैसला अलोकतांत्रिक : गांधी पीस फाउंडेशन

गांधी पीस फाउंडेशन ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने पर सरकार की आलोचना की। इस बयान पर फाउंडेशन के अध्यक्ष कुमार प्रशांत,गांधी स्मारक निधि के रामचंद्र राही, द सेंटर फोर स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज के आशीष नंदी और रजा फाउंडेशन के अशोक वाजपेयी आदि ने हस्ताक्षर किये हैं।
प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर। साभार : वेबदुनिया

गांधी पीस फाउंडेशन ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने और उसे केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार की आलोचना की एवं उस पर घाटी के लोगों का ‘मुंह बंद करने’ के लिए बल प्रयोग करने का आरोप लगाया।

फाउंडेशन ने एक बयान में कहा कि इस ‘अलोकतांत्रिक’’ निर्णय के चलते एक राज्य ‘मिट’ गया।

उसने कहा कि जम्मू कश्मीर कुछ शर्तों के साथ भारत से जुड़ा था और अनुच्छेद370 उसी का नतीजा था।

सरकार ने कहा है कि अनुच्छेद के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने से आतंकवाद पर अंकुश लगेगा और विकास की बयार बहेगी। अनुच्छेद370से जम्मू कश्मीर में अलगाववाद,आतंकवाद और भ्रष्टाचार को हवा मिली।

 

भाजपा के इस दावे पर कि तीन परिवारों समेत महज चंद लोगों का ही इस क्षेत्र में भ्रष्टाचार एवं अन्य समस्याओं के पीछे हाथ है,फाउंडेशन ने कहा कि यदि सच में ऐसा था तो सरकार को उनके विरूद्ध कार्रवाई करनी चाहिए थी। लेकिन पूरी घाटी को ‘जेल’ में तब्दील कर दिया गया।

फाउंडेशन ने कहा कि कश्मीर के लोगों के साथ खड़े होने की जरूरत है और सरकार को उन्हें अपना पक्ष अभिव्यक्त करने देना चाहिए।

इस बयान पर फाउंडेशन के अध्यक्ष कुमार प्रशांत, गांधी स्मारक निधि के रामचंद्र राही, द सेंटर फोर स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज के आशीष नंदी और रजा फाउंडेशन के अशोक वाजपेयी आदि ने हस्ताक्षर किये हैं।

आपको बता दें कि इसके अलावा इंडियन राइटर्स फ़ोरम की ओर से 200 से ज़्यादा सामाजिक कार्यकर्ताओं, लेखकों, कवियों ने एक बयान जारी कियागया है, जिसमें कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर को लेकर सरकार का फ़ैसला लोकतंत्र का मज़ाक़ बनाना है!

इसे पढ़ें : 200 से ज़्यादा लेखकोंसामाजिक कार्यकर्ताओं ने 370 हटाने के ख़िलाफ़ जारी किया बयान

इस बयान में देश के सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वो आगे आयें और कश्मीर की अवाम के साथ एकजुट हो कर खड़े हों।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

 

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