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जम्मू-कश्मीरः विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद पत्थरबाजी की घटनाओं में वृद्धि

जनवरी से लेकर 4 अगस्त तक पत्थरबाजी या कानून व्यवस्था से जुड़े औसतन 50 मामले हर महीने दर्ज किए गए हैं। वहीं 5 अगस्त के बाद ये मामले बढ़कर औसतन हर महीने 55 हो गए हैं।
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गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने के बाद पुलिस की गोली से एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई है तथा स्थानीय प्रशासन द्वारा उपयुक्त स्थिति पाए जाने के बाद वहां जल्द ही इंटरनेट सेवा बहाल कर दी जाएगी।

प्रश्नकाल के दौरान गृह मंत्री ने कश्मीर के हालात पर पूछे गए पूरक सवालों के जवाब में कहा कि पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने के बाद पुलिस की गोलीबारी में किसी की जान नहीं गई।

उच्च सदन में गृह मंत्री ने कहा ‘‘वहां स्थिति हमेशा से ही सामान्य है। दुनिया भर में कई तरह की बातें चल रही हैं। वहां स्थिति पूरी तरह सामान्य है। पांच अगस्त के बाद पुलिस की गोलीबारी में एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई। हालांकि कई लोगों को आशंका थी कि वहां खूनखराबा होगा तथा लोगों की जान जा सकती है।’’

शाह ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर में सभी समाचार पत्रों का प्रकाशन हो रहा है और टीवी चैनल काम कर रहे हैं तथा अखबारों के वितरण में कोई कमी नहीं आई है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान के बीजेपी सांसद कनक मल कटारा के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा को बताया कि "5 अगस्त 2019 से 15 नवंबर 2019 तक दर्ज किए गए पत्थरबाज़ी या कानून व्यवस्था से संबंधित 190 मामलों में 765 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं 1 जनवरी 2019 से 4 अगस्त 2019 तक ऐसे 361 मामले दर्ज किए गए।’

अगस्त के बाद सीआरपीसी और पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत रखे गए लोगों को इनमें शामिल नहीं किया गया है।

जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म करने के बाद पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आने के सवाल का जवाब देते हुए रेड्डी ने कहा कि, हां, इसमें कमी आई है। हालांकि आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि जनवरी से लेकर 4 अगस्त तक पत्थरबाजी या कानून व्यवस्था से जुड़े औसतन 50 मामले हर महीने दर्ज किए गए हैं। वहीं 5 अगस्त के बाद ये मामले बढ़कर औसतन हर महीने 55 हो गए हैं।

समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ 

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