न्यायपालिका संविधान और लोकतंत्र के पक्ष में जरूरी हस्तक्षेप करे तो लोकतंत्र पर मंडराते गंभीर खतरों से देश और उसके संविधान को बचाना कठिन नही है. माननीय सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कथित धर्म-संसदो के मामले मे जरूरी हस्तक्षेप किया और Uttarakhand के Roorkee मे आयोजित होने वाली कथित Dharam Sansad रद्द हो गयी. धर्म के नाम पर अधर्म और टकराव के सियासी मंसूबो पर विराम लग गया. लेकिन गुजरात से असम तक सियासी अंधेरा बढता नजर आ रहा है. लोकतांत्रिकता के पक्ष मे यहां भी हस्तक्षेप की दरकार है. #AajKiBaat मे वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का विश्लेषण: