Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

किसानों के खिलाफ़ टीवी चैनलों के बेईमान कवरेज़ का सच!

बीते दो महीने से जारी किसान आंदोलन को कुचलने के लिए अब शासन की विभिन्न एजेंसियों ने काम तेज कर दिया है. 26 जनवरी के ट्रैक्टर-ट्राली किसान परेड को बदनाम करने के लिए लाल किले के उपद्रव को बड़ा कारण बताया जा रहा है. लेकिन शासकीय एजेंसियां और सत्ता-समर्थक टीवी चैनल इस बात पर खामोश हैं कि लाल किले के उपद्रव के लिए किसान आंदोलनकारी नहीं,अपितु दीप सिद्धू का उपद्रवी गुट जिम्मेदार था और शासन ने उसके खिलाफ़ अब तक क़ोई कारवाई नहीं की है. चैनल भी चुप हैं. क्या किसानों के आंदोलन को बदनाम कर उसे कुचलने की यह सुनियोजित साज़िश थी? कौन संस्थाएं और लोग हैं, इसके पीछे? न्यूज़ कहे जाने वाले चैनल इस कदर बेईमान क्यों हो गये हैं? AajKiBaat में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का विश्लेषण:

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest