लॉकडाउन के असल भुक्तभोगी | हर्ष मंदर
अगर लॉकडाउन को हमारी सरकार, समाज और हम सबने जरूरी समझा तो इसमें ग़रीब और अमीर के लिए बराबरी का नियम होना चाहिए था. हमें सोचना होगा कि हमने क्यों इस तरह का देश बनाया है, जहां संकट के वक्त लगता है कि ये एक नहीं बल्कि दो हिन्दुस्तान है।
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