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"पुलिस की लाठियाँ हमें पढ़ने से नहीं रोक सकती"

जेएनयू की छात्र छात्राएँ अपने पढ़ने के अधिकार की लड़ाईं सड़कों पर लड़ रहे हैं। इनमें कोई अपने घर में पहली बार जेएनयू पहुँचा है तो किसी के घर में कमाई का कोई स्थायी ठिकाना नहीं है।

जेएनयू की छात्र छात्राएँ अपने पढ़ने के अधिकार की लड़ाईं सड़कों पर लड़ रहे हैं। इनमें कोई अपने घर में पहली बार जेएनयू पहुँचा है तो किसी के घर में कमाई का कोई स्थायी ठिकाना नहीं है। ऐसे में, इस लड़ाई में इन्हें पुलिस की लाठियों से भी दो चार होना पड़ रहा है। इनकी कहानियाँ बता रही है कि क्यों देश को सस्ती शिक्षा की सख़्त ज़रूरत है.

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