Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सेतलवाड़ गुजरात एटीएस की हिरासत में

गुजरात दंगों में मारे गए एहसान जाफ़री की पत्नी ज़ाकिया जाफ़री के साथ याचिका दायर करने वाली पत्रकार-सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सेतलवाड़ को गुजरात एटीएस ने आज 25 जून को हिरासत में ले लिया है। उनके ख़िलाफ़ अहमदाबाद में एक एफ़आईआर दर्ज हुई है जिसमें पूछताछ के लिए उन्हें अहमदाबाद ले जाया जाएगा।
सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सेतलवाड़ गुजरात एटीएस की हिरासत में

गुजरात के एंटी टेररिस्ट स्क्वाड यानी एटीएस ने पत्रकार-सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सेतलवाड़ को हिरासत में ले लिया है। दोपहर क़रीब तीन बजे एटीएस की टीम उनका जुहू में बने घर पर पहुंची और क़रीब 2 घंटे बाद उन्हें सांताक्रूज़ पुलिस थाने ले जाया गया। इसके बाद उन्हें यहाँ से अहमदाबाद ले जाया जाएगा जहाँ उनसे पूछताछ की जाएगी।

तीस्ता पर 24 जून को एफ़आईआर दर्ज की गई है जिसमें कुल 6 धाराओं को शामिल किया है। इस एफ़आईआर में तीस्ता के अलावा संजीव भट्ट और आरबी श्रीकुमार का भी नाम है।

बता दें कि संजीव भट्ट गुजरात दंगों के वक़्त डीआईजी थे जो अभी जेल में बंद हैं। इसके अलावा आरबी श्रीकुमार गुजरात के पूर्व डीजीपी को भी अहमदाबाद पुलिस ने इसी गिरफ़्तार कर लिया है।

न्यूज़क्लिक को मिली एफ़आईआर के अनुसार क्राइम ब्रांच, अहमदाबाद के अफ़सर दर्शनसिंह बी बराड़ ने यह एफ़आईआर दायर की है, जिसमें धारा 194, 211, 218, 468, 471 और 120बी के तहत तीस्ता पर कार्रवाई की मांग की गई है।

यह धाराएँ मूलतः झूठा साक्ष्य देना, झूठे साक्ष्यों के आधार पर दाण्डिक कार्यवाही संस्थित करना या कराना, दस्तावेज़ों के साथ छेड़छाड़ (फोरजरी करना), किसी के ख़िलाफ़ आपराधिक साज़िश करना जैसे अपराधों की बात करती हैं।

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए तीस्ता के कलीग ने हमें यह जानकारी दी।

वहीं तीस्ता ने शाम 5:20 बजे पुलिस इंस्पेक्टर जे पटेल के ख़िलाफ़ एक शिकायत पत्र सीनियर पीआई बालासाहेब तांबे के नाम लिखा है। जिसमें उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है, "पुलिस ज़बरदस्ती मेरे कमरे में घुस आई, मुझे पीटा मेरे हाथ पर घाव है। मुझे कोई वॉरंट या एफ़आईआर नहीं दिखाई गई।"

तीस्ता ने पत्र में लिखा है कि उन्हें अपनी जान के लिए ख़तरा लग रहा है।

गुजरात में 2002 में हुए सांप्रदायिक दंगों में अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में 60 से ज़्यादा लोगों के साथ क़त्ल किए गए सांसद एहसान जाफ़री की पत्नी ज़ाकिया जाफ़री और तीस्ता सेतलवाड़ की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने 24 जून को रद्द कर दिया था।

एफ़आईआर में गुलबर्ग की घटना के बारे में बताते हुए एसआईटी की जांच रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के 24 जून के फ़ैसले का ज़िक्र किया गया है।

बता दें कि ज़किया ने दंगे की साज़िश के आरोप से तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी को मुक्त करने वाली SIT की क्लोज़र रिपोर्ट को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि इस याचिका में तथ्य नहीं हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने 2008 में दंगों की जांच के लिए पूर्व सीबीआई निदेशक आर के राघवन के नेतृत्व में SIT का गठन किया था।

दंगों में मारे गए पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी ज़किया ने दंगों की साज़िश में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी के भी शामिल होने का आरोप लगाया था। 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने SIT को ज़किया की तरफ से दिए गए सबूतों के आधार पर मामले की जांच का आदेश दिया था।

एसआईटी ने 2012 में अपनी क्लोज़र रिपोर्ट दायर की थी।

तीस्ता के ख़िलाफ़ एफ़आईआर में सुप्रीम कोर्ट के इस बयान का हवाला दिया गया है, 

"कुछ लोगों ने न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग कर प्रयास किया कि मामला चर्चा में बना रहे। हर उस व्यक्ति की ईमानदारी पर सवाल उठाए गए, जो मामले को उलझाए रखने वाले लोगों के आड़े आ रहा था। न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग कर अपने उद्देश्यों की पूर्ति करने वाले लोगों पर उचित कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।"

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि तीस्ता ने ज़ाकिया की भावनाओं का फ़ायदा उठाया था।

बता दें कि तीस्ता के बारे में गृह मंत्री अमित शाह ने भी 25 जून को दिये इंटरव्यू में बयान दिया है। उन्होंने एएनआई से बात करते हुए तीस्ता और उनके एनजीओ, सिटीज़न्स फॉर जस्टिस एंड पीस पर आरोप लगाया था कि उनके निर्देशों पर ज़ाकिया ने पीएम मोदी को टार्गेट किया था।

गुलबर्ग सोसाइटी में 60 से ज़्यादा लोग रहते थे जो अहमदाबाद में दंगों के वक़्त शरण लेने के लिए पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफ़री के घर आए थे। एहसान साहित 60 से ज़्यादा लोगों की हत्या कर दी थी गई थी। गुजरात के दंगों में एक हज़ार से ज़्यादा लोग मारे गए थे और करीब ढाई हज़ार लोग घायल हुए थे।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest