नई पुस्तक में दावाः ट्रम्प ने जानबूझकर COVID-19 के ख़तरों को नज़रअंदाज़ किया
पत्रकार बॉब वुडवर्ड द्वारा लिखी गई एक नई पुस्तक के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा COVID-19 को 11 मार्च को वैश्विक महामारी घोषित करने से काफी पहले इस नोवेल कोरोनावायरस संक्रमण की घातक स्वरूप के बारे में जानकारी थी। वुडवर्ड के साथ ट्रम्प के साक्षात्कार की ऑडियो रिकॉर्डिंग जो बुधवार 9 सितंबर को वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित हुई थी जिससे पता चलता है कि उन्होंने जानबूझकर सार्वजनिक रूप से इस बीमारी की गंभीरता को नज़रअंदाज़ कर दिया था।
15 सितंबर को विमोचन होने वाली रेज (Rage) शीर्षक की पुस्तक के अनुसार, ट्रम्प को 28 जनवरी को अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से इस बीमारी के घातक स्वरूप के बारे में जानकारी मिली। 7 फरवरी को वुडवर्ड के साथ अपनी टेलीफोनिक बातचीत में ट्रम्प ने स्वीकार किया कि COVID -19 "आपके ख़तरनाक फ्लू से अधिक घातक था।"
इस पुस्तक में दावा किया गया है कि फरवरी महीने में अपनी खुफिया एजेंसियों से बार-बार चेतावनी मिलने के बावजूद ट्रंप ने अफरा तफरी से बचने के लिए सार्वजनिक रूप से इस ख़तरे को नज़रअंदाज़ करने की कोशिश की।
27 फरवरी को उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि ये वायरस एक दिन ग़ायब होने वाला है। जब संक्रमण और मौतों की संख्या बढ़ रही थी तब ट्रम्प ने राज्यों को अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने और COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन को हटाने के लिए मजबूर करने की कोशिश की थी।
व्यापक रूप से यह माना जाता है कि स्थिति की गंभीरता को जानबूझकर नज़रअंदाज़ करने से अमेरिका में इसके प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक उपायों के कार्यान्वयन में देरी हुई। समय पर इसके प्रकोप को रोकने में विफलता ने अमेरिका को दुनिया में आज सबसे अधिक प्रभावित देश बना दिया, जहां 190,000 से अधिक मौतें हुईं और 6.3 मिलियन से अधिक लोग संक्रमित हैं। प्रभावी क़दम उठाने में देरी ने भी अमेरिकी अर्थव्यवस्था को उच्च बेरोज़गारी दर और इसके सकल घरेलू उत्पाद में अनुमानित 32% वार्षिक कमी के साथ अभूतपूर्व तरीक़े से प्रभावित किया।
नवंबर महीने में होने वाले चुनावों में राष्ट्रपति पद के लिए ट्रम्प के डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जोए बिडेन ने एक ट्वीट में कहा था कि ट्रम्प ने समय पर काम किया होता तो देश में हज़ारों लोगों की जान बच जाती।
इस बीच, ट्रम्प ने COVID-19 के प्रकोप और इसके चलते स्वास्थ्य और आर्थिक संकट के लिए सारा दोष चीन और डब्ल्यूएचओ पर डालने की कोशिश की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि चीन ने जानबूझकर इस बीमारी की गंभीरता को छिपाया है जिससे दूसरे देशों को निपटने में मुश्किल आई है।
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