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जनता की चीख़-कोर्ट की फटकार, कोरोना पर क्यों बेफ़िक्र मोदी सरकार?

सिर्फ़ जनता नहीं, अब तो कोर्ट भी कहने लगे हैं कि ये ऑक्सीजन की किल्लत से हो रहा जनसंहार है. मतलब साफ है कि कोरोना वायरस से ज्यादा ये शासकीय (कु)व्यवस्था लोगों को मार रही है

सिर्फ़ जनता नहीं, अब तो कोर्ट भी कहने लगे हैं कि ये ऑक्सीजन की किल्लत से हो रहा जनसंहार है. मतलब साफ है कि कोरोना वायरस से ज्यादा ये शासकीय (कु)व्यवस्था लोगों को मार रही है. लेकिन मोदी सरकार ने अपना रवैया अब तक नहीं बदला. कोरोना मौतों और आक्सीजन किल्लत से ध्यान हटाने के लिए बंगाल में चुनाव-बाद हिंसा के विरुद्ध भाजपा अब ममता बनर्जी शासन के खिलाफ़ धरना-प्रदर्शन कर रही है. ममता से चुनाव हारने के फौरन बाद बंगाल में राष्ट्रपति शासन तक लगाने की मांग हो गई .दूसरी तरफ, भाजपा-शासित यूपी, कर्नाटक, बिहार, मध्यप्रदेश और गुजरात के हाल बेहद खराब हैं. बंगलुरू में महामारी के बीच साप्रदायिकता का ज़हर फैलाने की कोशिश हो रही है. क्या भारत के इतने बुरे हालात के लिए वायरस से ज्यादा व्यवस्था जिम्मेदार है?AajKiBaat में वरिष्ठ पत्रकार Urmilesh का विश्लेषण.

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