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सीताराम येचुरी फिर से चुने गए माकपा के महासचिव

23वीं पार्टी कांग्रेस ने केरल से केंद्रीय समिति सदस्य एम सी जोसेफिन की मृत्यु पर भी गहरा शोक व्यक्त किया है, जिनकी कांग्रेस में भाग लेने के दौरान हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई।
yechuri
कन्नूर में माकपा की 23वीं पार्टी कांग्रेस में सीताराम येचुरी।

कन्नूर: कन्नूर में आयोजित की गई सीपीआई (एम) की 23 वीं पार्टी कांग्रेस ने अगले तीन साल तक कम्युनिस्ट पार्टी का नेतृत्व करने के लिए सीताराम येचुरी को फिर से अपना महासचिव चुन लिया है। भारत में मजदूर वर्ग की अगुआ पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी का नेतृत्व करने के लिए 85 सदस्यीय केंद्रीय समिति और 17 सदस्यीय पोलित ब्यूरो का भी चुनाव किया है।

येचुरी, जो माकपा के महासचिव के रूप में अपने तीसरे कार्यकाल में प्रवेश कर रहे हैं, 2015 से पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्हें पहली बार 2015 में विशाखापत्तनम में आयोजित 21वीं पार्टी कांग्रेस में पार्टी के कमांडर इन चीफ के रूप में चुना गया था। जेएनयू के पूर्व छात्र नेता येचूरी ने 2005 से 2017 तक राज्यसभा के सदस्य के रूप में, संसद में पार्टी का नेतृत्व किया है। येचूरी, देश में जनविरोधी, मजदूर विरोधी नीतियों और भाजपा-आरएसएस के हिंदुत्ववादी सांप्रदायिक आक्रमण के खिलाफ संघर्षों में सबसे आगे एक प्रमुख चेहरा रहे हैं, उन्होने राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों को एक साथ लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

येचुरी के अलावा वरिष्ठ नेता प्रकाश करात, माणिक सरकार, पिनाराई विजयन, बीवी राघवुलु, वृंदा करात, कोडियेरी बालकृष्णन, एमए बेबी, सुरजाकांत मिश्रा, मुहम्मद सलीम, सुभाषिनी अली, जी रामकृष्णन, तपन सेन, नीलोत्पल बसु, ए॰ विजयराघवन, रामचंद्र डोम और अशोक धवले पोलित ब्यूरो के सदस्य चुने गए हैं। इनमें ए॰ विजयराघवन, रामचंद्र डोम, और अशोक धवले पोलित ब्यूरो के नए सदस्य हैं; जबकि, वरिष्ठ नेता एस रामचंद्रन पिल्लई, बिमान बोस और हनान मुल्ला को पॉलिट ब्यूरो से मुक्त कर दिया गया है। तीनों दिग्गज नेताओं को केंद्रीय समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है।

पोलित ब्यूरो के लिए नव निर्वाचित सदस्य ए॰ विजयराघवन और अशोक धवले, क्रमशः अखिल  भारतीय खेतिहर मजदूर यूनियन और अखिल भारतीय किसान सभा के अखिल भारतीय अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं। विजयराघवन, माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य और केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चे के संयोजक के रूप में भी कार्यरत हैं। उन्होंने एक संक्षिप्त समय के लिए केरल माकपा के राज्य सचिव प्रभारी के रूप में भी काम किया है, तब, जब सीपीआई (एम) के केरल राज्य सचिव कोडियेरी बालकृष्णन चिकित्सा उपचार के लिए छुट्टी पर गए थे। 1998 और 2004 में राज्य सभा के सदस्य के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, वह संसद में विभिन्न संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे हैं। विजयराघवन, 80 के दशक में एसएफआई के अखिल भारतीय अध्यक्ष भी रहे हैं।   

दिल्ली में ऐतिहासिक किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले किसान संगठनों को एक साथ लाने में अशोक धवले का योगदान महत्वपूर्ण रहा है। महाराष्ट्र के रहने वाले धवले ने महाराष्ट्र में किसान लॉन्ग मार्च के आयोजन में अग्रणी भूमिका निभाई थी, जिसने देश में किसान आंदोलन की मजबूती की नींव रखी थी। एमबीबीएस क्वालिफाइड डॉक्टर धवले, ने राजनीति विज्ञान में एमए करने और पार्टी में पूर्णकालिक कार्यकर्ता बनने से पहले 1976 से 1983 तक मरीजों का इलाज़ भी किया है। उन्होंने स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष, डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया के राज्य अध्यक्ष और महाराष्ट्र में सीपीआई (एम) के राज्य सचिव के रूप में भी काम किया है।

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रहने वाले डॉ. रामचंद्र डोम भी कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस स्नातक हैं। दलित समुदाय के एक प्रगतिशील नेता, डोम अपने प्रारंभिक वर्षों में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, पीपुल्स साइंस फोरम से जुड़े रहे थे। उन्होंने 1989 से 2009 तक लोकसभा के सदस्य के रूप में कार्य किया है। उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर संसदीय समितियों के सदस्य के रूप में भी काम किया है। वह 1989, 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में पश्चिम बंगाल के बीरभूम निर्वाचन क्षेत्र से और 2009 में बोलपुर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए थे। वह लोकसभा में माकपा के मुख्य सचेतक भी रहे थे। वर्तमान में रामचन्द्र डोम, दलित शोषण मुक्ति मंच के राष्ट्रीय महासचिव हैं। 

85 सदस्यीय केंद्रीय समिति में 17 नए चेहरे हैं। पंद्रह महिलाओं को केंद्रीय समिति में चुना गया है। राजेंद्र सिंह नेगी और संजय पराते को समिति के स्थायी आमंत्रित सदस्य के रूप में चुना गया है। 

पार्टी कांग्रेस ने केरल से केंद्रीय समिति सदस्य एम सी जोसेफिन की मृत्यु पर भी शोक व्यक्त किया, जिनकी कांग्रेस में भाग लेने के दौरान हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई थी। जोसफीन को शनिवार को दिल का दौरा पड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रविवार दोपहर उसकी मौत हो गई। उन्होंने 2017 से 2021 तक केरल राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। वे अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की उपाध्यक्ष भी रही हैं। 

विशाल रैली से कुछ घंटे पहले खचाखच भरे जवाहर स्टेडियम का नज़ारा।

कन्नूर में जवाहर स्टेडियम में एक विशाल रैली और सभा के लिए मंच तैयार किया गया है। माकपा के जिला सचिव एम वी जयराजन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि समापन समारोह में करीब दो लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है। पार्टी के महासचिव येचुरी और अन्य पोलित ब्यूरो के सदस्यों को रेड वोलिंटियर परेड में गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा, जहां 2,000 रेड वोलिंटियर परेड लाल वर्दी में मार्च करेंगे। कन्नूर शहर, राज्य भर से आए वामपंथी कार्यकर्ताओं और सहानुभूति रखने वालों लोगों से भरा हुआ है, जो पार्टी की बढ़ती संगठनात्मक ताकत को दिखाता है।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Yechury Re-elected as General Secretary, CPI(M) 23rd Party Congress Concludes

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