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कर्नाटक संकट : सरकार बचाने को कांग्रेस की आख़िरी कोशिश, अपने मंत्रियों से इस्तीफ़ा लिया

लोकसभा में उठा मामला। कांग्रेस का मोदी सरकार पर आरोप। कहा, ‘‘303 सांसद जीतने के बाद भी आपका पेट नहीं भरा है। आपका पेट, कश्मीरी गेट के बराबर हो गया है।’’
कर्नाटक संकट

कर्नाटक में तेज़ी से घटनाक्रम बदल रहा है। 13 विधायकों के इस्तीफे के बाद 13 माह पुरानी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार संकट में है। इस बीच कांग्रेस ने सरकार को बचाने की अंतिम कोशिश की है। जिसके तहत सरकार में शामिल मंत्रियों का इस्तीफा ले लिया गया है। कांग्रेस का कहना है कि मंत्रिमंडल में फेरबदल करने और असंतुष्ट विधायकों को उसमें जगह देने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए उसके मंत्रियों ने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है।

उधर सोमवार को यह मामला लोकसभा में भी उठा और कांग्रेस ने कर्नाटक सरकार अस्थिर करने के लिए मोदी सरकार पर आरोप लगाया।

मंत्रियों के इस्तीफे के संबंध में बेंगलुरु में उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर के निवास पर कांग्रेस मंत्रियों की बैठक हुई। बैठक में कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया और कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने भी हिस्सा लिया।

इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कांग्रेस नेताओं से बातचीत की।

बैठक के बाद वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ पार्टी के व्यापक हित में कल और आज हमने वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों के साथ विस्तृत चर्चा की। आज सुबह हमने मंत्रियों के साथ बैठक की। जहां तक कांग्रेस मंत्रियों की बात है तो वर्तमान स्थिति में उन्होंने स्वेच्छा से मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।’’

वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘ उन्होंने वर्तमान परिदृश्य में इन मुद्दों के समाधान के लिए मंत्रिमंडल में फेरबदल पर जरूरी फैसला करने का जिम्मा कांग्रेस पार्टी पर छोड़ दिया है। मैं मंत्रियों को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं।’’

सिद्धरमैया ने भी कहा कि सभी कांग्रेस मंत्रियों ने स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया है और पार्टी को मंत्रिमंडल में फेरबदल करने पर ‘‘पूरी आजादी’’ दे दी है।

नागेश ने सरकार से समर्थन वापस लिया

इस बीच कर्नाटक के मंत्री एवं निर्दलीय विधायक एच. नागेश ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया और एच डी कुमारस्वामी नीत गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया जिससे राज्य में सत्तारूढ़ जद(एस)-कांग्रेस सरकार को एक और झटका लगा है।

हाल ही में लघु उद्योग मंत्री के तौर पर मंत्रालय में शामिल किए गए नागेश ने यहां राजभवन में राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात की और त्यागपत्र सौंपा। उन्होंने राज्यपाल द्वारा भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने की सूरत में उन्होंने “नि:संदेह” भाजपा को समर्थन देने की बात कही।

सूत्रों के मुताबिक वह मुंबई जाएंगे जहां इस्तीफा दे चुके 10 विधायक ठहरे हुए हैं।

इसके अलावा कर्नाटक के मंत्री एवं बीदर उत्तर के विधायक रहीम महमूद खान ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को अपनी समस्याओं के बारे में सूचित कर दिया है और उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर के निवास पर बैठक के बाद फैसले लेने की बात कही।

यह कदम उन खबरों के बीच उठाया गया जिनके मुताबिक गठबंधन सरकार के मंत्रियों से इस्तीफा देने वाले असंतुष्ट विधायकों की खातिर अपना पद छोड़ने को कहा गया है।

कांग्रेस- जद (एस) सरकार अब तक 13 विधायकों के इस्तीफे के साथ ही संकट में पड़ गई है। इस्तीफे स्वीकार होने की सूरत में सत्तारूढ़ गठबंधन अपना बहुमत खोने की कगार पर पहुंच जाएगा।

नागेश के अपना समर्थन वापस ले लेने के बाद विधानसभा में अध्यक्ष के अलावा जद(एस)-कांग्रेस की गठबंधन सरकार के कुल 117 सदस्य (कांग्रेस-78, जद (एस)-37, बसपा-1 और निर्दलीय- 1) हैं।

कुमारस्वामी ने अपने मंत्रिमंडल में दो निर्दलीय विधायकों नागेश और शंकर को शामिल कर 14 जून को अपने मंत्रिमंडल को विस्तार दिया था।

लोकसभा में उठा मामला, मोदी सरकार पर आरोप

कांग्रेस ने सोमवार को लोकसभा में कर्नाटक की राजनीति में बनी अस्थिरता की स्थिति के मुद्दे को उठाया और भाजपा नीत केंद्र सरकार पर कांग्रेस के सदस्यों को प्रलोभन देकर दल-बदल कराने का आरोप लगाया। सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस में इस्तीफों का सिलसिला तो राहुल गांधी ने ही शुरू किया है।

शून्यकाल में कर्नाटक का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश और कर्नाटक की राज्य सरकारों को तोड़ने के लिए दल बदल कराने का काम किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘इन्हें (भाजपा को) पसंद नहीं कि कहीं विपक्ष की सरकार रहे।’’

चौधरी ने आरोप लगाया कि कर्नाटक के कांग्रेस के विधायकों को प्रलोभन देकर दल बदल कराया जा रहा है और उन्हें चार्टर्ड विमान में ले जाकर मुंबई के पांच सितारा होटल में ठहराया जा रहा है।

उन्होंने इसके पीछे ‘सुनियोजित सोच’ होने का दावा करते हुए कहा कि इस बारे में जब सवाल उठेगा तो भाजपा कह सकती है कि ‘‘आपके विधायक आपके साथ नहीं रहे तो हम क्या करें।’’

सदन में कांग्रेस के नेता चौधरी ने कहा कि हमारी स्थिति ऐसी है कि घर में चांदी और सोने के सिक्के हैं जिन्हें चोर चोरी करके ले जा रहा है क्योंकि हमारे घर में पहरेदार नहीं हैं।

चौधरी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में ‘‘303 सांसद जीतने के बाद भी आपका पेट नहीं भरा है। आपका पेट, कश्मीरी गेट के बराबर हो गया है।’’

रक्षा मंत्री और सदन के उप नेता राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘कर्नाटक में इस समय जो कुछ हो रहा है, उसका हमारी पार्टी से कोई लेनादेना नहीं है। हमारी पार्टी का इतिहास रहा है कि हम दबाव और प्रलोभन से दल बदल कराने की कोशिश नहीं करते।’’

उन्होंने कहा कि हम संसदीय लोकतंत्र की गरिमा बनाये रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

सिंह ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘त्यागपत्र दिलाने का सिलसिला हमने शुरू नहीं किया। यह तो राहुल गांधी ने शुरू किया है और उनके कहने पर कई नेताओं ने त्यागपत्र दिये हैं।’’

कांग्रेस सदस्यों ने राजनाथ सिंह के जवाब पर असंतोष जताते हुए अपने स्थानों पर खड़े होकर विरोध किया।

(भाषा के इनपुट के साथ)

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