कश्मीर की स्थिति पर ट्वीट करने के लिए शेहला राशिद पर राजद्रोह का मामला दर्ज
जेएनयू की पूर्व छात्र नेता और जम्मू कश्मीर पीपल्स मूवमेंट की नेता शेहला राशिद पर उनके कई ट्वीट को लेकर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि इन ट्वीट में उन्होंने आरोप लगाया था कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिए जाने के बाद सशस्त्र बलों ने घाटी में आम नागरिकों को ‘‘प्रताड़ित” किया और घरों में “तोड़फोड़” की।
पुलिस ने बताया कि उन पर “भारतीय सेना की छवि धूमिल” करने की मंशा से “फर्जी खबरें” फैलाने का भी आरोप लगाया गया है।
राशिद ने 17 अगस्त को एक के बाद एक कई ट्वीट कर आरोप लगाया कि कश्मीर में सशस्त्र बल रात में घरों में घुसे और उनमें “तोड़फोड़” की। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया था कि चार लोगों को शोपियां में सैन्य शिविर में बुलाया गया और उनसे “पूछताछ (प्रताड़ना) की गई।”
बाद में, उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक के पास यह कहते हुए शिकायत दर्ज कराई कि जेएनयू की पूर्व छात्र नेता के आरोप “पूरी तरह गलत और मनगढ़ंत” हैं।
पुलिस ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद इसे जांच के लिए दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ को सौंप दिया गया।
राशिद पर भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 124ए (राजद्रोह) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने बताया कि यह मामला तीन सितंबर को दर्ज किया गया।
इस मामले के बाद शेहला ने ट्वीट कर के कहा है कि वो इस मामले में याचिकाकर्ता हैं और जो भी बात उन्होंने कही थी वो बे-बुनियाद नहीं थी बल्कि ये सब उन्होंने कश्मीरी अवाम से बात करने के बाद कही थी।
06 Sep, 2019
Statement on FIR against me filed by the Special Cell of Delhi Police
I have learnt from media reports that the Special Cell of the Delhi Police has filed an FIR against me for speaking out on the clampdown in Kashmir and the denial of basic rights to Kashmiris. pic.twitter.com/8GjJzCYo04
— Shehla Rashid شہلا رشید (@Shehla_Rashid) September 6, 2019
I am a petitioner in the Constitutional challenge to the abrogation of Article 370 of the Constitution of India, and our petition in the Supreme Court makes a very strong case for the restoration of the same. In my tweets, I have clearly mentioned that these are based on
— Shehla Rashid شہلا رشید (@Shehla_Rashid) September 6, 2019
information received from people in the state. In a situation where reporters are not allowed to report, media, social media, telephonic and postal communication is gagged, it is important to put out narratives of the people, so that people in the rest of India know what is
— Shehla Rashid شہلا رشید (@Shehla_Rashid) September 6, 2019
happening there. As a political activist, I was just doing my job. In the Twitter thread for which I'm being targeted, I have highlighted the positive work of the administration in ensuring facilities to the people. That itself is proof enough that I have no motive except to
— Shehla Rashid شہلا رشید (@Shehla_Rashid) September 6, 2019
shine light on the truth, which is corroborated by several media reports published in India and elsewhere. I appeal to everyone to stand in solidarity with the people of Kashmir in the fight for restoration of their rights.
Shehla Rashid
ActivistEnd of statement
— Shehla Rashid شہلا رشید (@Shehla_Rashid) September 6, 2019
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