लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में भाजपा की साख दांव पर?

छह चरण की वोटिंग के बाद अब राजनीतिक दलों ने सातवें और आखिरी चरण में होने वाली सीटों पर प्रचार तेज कर दिया है। सातवें चरण में 8 राज्यों की 59 सीटों पर 19 मई को वोट डाले जाएंगे। इसमें बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की सीटों पर वोटिंग होगी।
बीते चुनाव की बात करें तो राजग ने इस चरण की 59 में 39 सीटें जीतकर चुनावी बाजी अपने नाम की थी। कांग्रेस को महज 4 सीटों पर जीत मिली थी जबकि अन्य क्षेत्रीय दल 16 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रहे थे।
बीते चुनाव में बीजेपी ने यूपी की सभी 13, हिमाचल प्रदेश की सभी 4, चंडीगढ़ की इकलौती, मध्यप्रदेश की सभी 8, झारखंड की 3 में से 1, बिहार की 8 में से 7 (जदयू की 1 सीट छोड़ कर) सीटों पर कब्जा जमाया था। एनडीए को पंजाब की 13 में से 5 (4 सहयोगी अकाली दल) की सीटें हाथ आईं थीं। जबकि पश्चिम बंगाल की सभी 13 सीटों पर टीएमसी ने कब्जा जमाया था।
पूर्वांचल में है मुख्य दंगल
यूपी में सातवें चरण में पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा, अनुप्रिया पटेल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, रमापति राम त्रिपाठी, अभिनेता रवि किशन, आरपीएन सिंह समेत कई नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है। इस चरण में महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर व राबर्ट्सगंज में मतदान होना है।
पूर्वांचल में सातवें चरण की 13 सीटों पर होने वाले चुनाव में सपा 8 और बसपा 5 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा 11 और उसकी सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) मिर्जापुर व राबर्ट्सगंज सीटों पर चुनाव मैदान में है। कांग्रेस 11 और उसकी सहयोगी जन अधिकार पार्टी एक सीट पर लड़ रही है।
बिहार में केंद्रीय मंत्रियों की साख दांव पर
सातवें चरण में बिहार में आठ लोकसभा सीटों पर मतदान होना है। ये सीटें नालंदा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम, काराकट और जहानाबाद हैं। 2014 में इन आठ सीटों में बीजेपी सात और एक सीट आरएलएसपी जीतने में कामयाब रही थी। इनमें पांच सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। इन पांचों सीटों में चार पर केंद्र सरकार के मंत्री हैं। पटना साहिब से रविशंकर प्रसाद, पाटिलपुत्र से रामकृपाल यादव, आरा से आरके सिंह और बक्सर से अश्विनी चौबे चुनाव मैदान में हैं।
पश्चिम बंगाल में कड़ी लड़ाई
प. बंगाल की 9 सीटों पर सत्तारूढ़ टीएमसी के लिए करो या मरो की स्थिति है। चुनाव दमदम, बारासात, बशीरहाट, जयनगर, मथुरापुर, डायमंड हार्बर, जाधवपुर, कोलकाता दक्षिण और कोलकाता उत्तर सीट पर है। 2014 में इन सभी 9 सीटें टीएमसी को मिली थी। इस बार भाजपा और वाम मोर्चा कड़ी टक्कर दे रहे हैं। पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी पुराना प्रदर्शन दोहराती हैं तो केंद्र की राजनीति में उनका रुतबा बढ़ेगा। औसत या बुरे प्रदर्शन की कीमत विधानसभा चुनाव में चुकानी होगी।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की परीक्षा
मध्य प्रदेश में देवास, उज्जैन, मंदसौर, खरगौन, खंडवा, रतलाम और धार सीट पर चुनाव है। 2014 में इन सभी आठों सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी। हालांकि बाद में रतलाम सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। इस तरह से मौजूदा समय में 7 सीटें बीजेपी के पास है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सामने भाजपा का विजय रथ रोकने के लिए बेहतर प्रदर्शन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। पार्टी को स्वशासित राज्य में बेहतर प्रदर्शन कर यह सिद्ध करना है कि विधानसभा में उसे मिली जीत महज संयोग नहीं था।
पंजाब तय करेगा आप का भविष्य
आखिरी चरण में पंजाब की सभी 13 यानी गुरदासपुर, अमृतसर, जालंधर, होशियारपुर, आनंदपुर साहिब, लुधियाना, फतेगढ़ साहिब, फरीदकोट, फिरोजपुर, बठिंडा, संगरुर, पटियाला और खडूर साहिब सीट पर चुनाव है। 2014 के चुनाव में इन 14 सीटों में आम आदमी पार्टी 4, अकाली दल 4, कांग्रेस 3 और बीजेपी ने 2 सीटें जीती थी। इस बार के चुनाव में सबसे बड़ी प्रतिष्ठा आम आदमी पार्टी की लगी है। 2014 से लेकर 2019 आते-आते पार्टी के लिए स्थिति इतनी विपरीत हो चुकी है कि पिछले नतीजे को दोहराना आसान नहीं है।
हिमाचल में मुकाबला दिलचस्प
हिमाचल की सभी चार सीटों हमीरपुर, मंडी, कांगड़ा और शिमला पर आखिरी चरण में मतदान होना है। 2014 में सूबे में क्लीन स्वीप करने वाली भाजपा के सामने चारों सीटें बरकरार रखना चुनौती है। हालांकि लोकसभा चुनाव में हार के बाद हिमाचल में भी सत्ता गंवा चुकी कांग्रेस ने वापसी के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस की तरफ से चुनाव प्रचार की कमान वीरभद्र ने संभाल रखी है। इसके चलते यहां मुकाबला दिलचस्प हो गया है। इन सबके अलावा झारखंड की राजमहल, दुमका, गोड्डा और चंडीगढ़ सीट पर भी आखिरी चरण में मतदान होना है।
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