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मोदी की विश्वयात्राओं के 'लाभार्थी': अडानी और अंबानी

गौतम अडानी और अनिल अंबानी की अगुवाई वाली कंपनियों ने 18 सौदों पर हस्ताक्षर किए, जब ये दोनों प्रमुख व्यवसायी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विदेश यात्राओं पर गए थे। यहाँ हम मीडिया रिपोर्टों सहित सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के आधार पर इन समझौतों का संकलन पेश कर रहे हैं।
मोदी की विश्वयात्राओं के 'लाभार्थी': अडानी और अंबानी
केवल प्रतिनिधित्वात्मक उपयोग के लिए छवि। सौजन्य: ट्रुथ ऑफ़ गुजरात

भारत के प्रधानमंत्री के रूप में अपने पहले चार वर्षों के कार्यकाल में, नरेंद्र मोदी ने 41 मौक़ों पर 52 अलग-अलग देशों की यात्रा की जिसमें कुल 165 दिन ख़र्च हुए। इस प्रक्रिया में, उनकी सारी यात्राओं पर व्यय 355 करोड़ रहा जिसका भुगतान राष्ट्रीय ख़ज़ाने से किया गया। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय से उठाए गए सवालों के जवाब में इन तथ्यों का खुलासा हुआ है। इन कई विदेश यात्राओं में उनके साथ जाने वाले व्यवसायियों में गौतम अडानी और अनिल अंबानी भी शामिल थे। इन दो व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित कंपनियों ने 16 देशों में 18 समझौतों पर हस्ताक्षर किए- इनमें से तेरह सौदों में अडानी समूह की कॉर्पोरेट इकाइयाँ शामिल थीं, जबकि इनमें से पांच सौदों पर अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (ADAG) की कंपनियों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।

यहाँ विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के आधार पर इन समझौतों का संकलन पेश है। इन्हें तीन प्रमुख श्रेणी के तहत वर्गीकृत किया गया है: रक्षा, रसद और बिजली।

रक्षा 

भारत की नई रक्षा साझेदारी नीति के तहत, एक विदेशी विमान निर्माता एक भारतीय फ़र्म के साथ मिलकर एक विश्व स्तरीय स्वदेशी वैमानिकी निर्माण के आधार को विकसित कर सकता है जिसे भारत ने बनाने के लिए दशकों तक संघर्ष किया है। जिन प्रमुख कंपनियों को विमान बनाने या सेवा देने के लिए मुक़र्रर किया गया है, उनमें अडानी और अनिल अंबानी के स्वामित्व या नियंत्रण वाली कंपनियां शामिल हैं। ये लोग 2008 में केन्या और युगांडा के दौरे पर भी उनके साथ थे जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। अंबानी ने उनकी "राजाओं के राजा" के रूप में प्रशंसा की और 2013 में जीवंत गुजरात शिखर सम्मेलन के दौरान उनकी तुलना महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल और हिंदू पौराणिक चरित्र अर्जुन से की गई थी।

फ़्रांस 
मोदी के दौरे: 9-12 अप्रैल, 2015, 2-3 जून, 2017 (यात्रा में अनिल अंबानी का साथ)
सौदे की तारीख़: मार्च 28, 2015
 

इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि अनिल अंबानी की रिलायंस डिफ़ेंस को 28 मार्च, 2015 को मोदी ने शामिल कर लिया था और मोदी ने फ़्रांस में 12 दिन पहले सौदे की घोषणा करते हुए कहा कि भारत 36 रफ़ाल लड़ाकू विमान ख़रीदेगा। रिपोर्ट के अनुसार, भारत 36 रफ़ाल लड़ाकू जेट के लिए 58,000 करोड़ का भुगतान करेगा – और यह प्रति विमान केवल 1,600 करोड़ की क़ीमत पर तय किया गया। यह दावा किया गया था कि भारतीय वायु सेना को तत्काल विमानों की आवश्यकता है और ये 36 विमान दो साल के भीतर भारत पहुँच जाएंगे। चार साल गुज़र जाने के बाद भी, विमानों का कहीं अता-पता नहीं है। वास्तव में, संसद में कहा गया था कि पहला रफ़ाल लड़ाकू विमान सितंबर 2019 तक यानी प्रधान मंत्री की घोषणा के चार-साढ़े चार साल बाद आएगा।
स्वीडन 
सौदे की तारीख: 22 मार्च, 2015 (अंबानी का साथ)
स्वीडिश प्रधान मंत्री की यात्रा: 13 फ़रवरी, 2016

सौदे की तारीख: 1 सितंबर, 2017 (गौतम अडानी का साथ)
मोदी का दौरा: 16-18 अप्रैल, 2018

2015 में, अनिल अंबानी की रिलायंस डिफ़ेंस और एयरोस्पेस ने स्वीडन की रक्षा क्षेत्र की दिग्गज साब एबी के साथ मिलकर भारतीय नौसेना के जहाज़-जनित मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) कार्यक्रम की बोली लगाई थी, जिसका मूल्य 1,000 करोड़ रुपये था। स्वीडिश प्रधान मंत्री स्टीफ़न लोफ़वेन 13 फ़रवरी को भारत में अपनी पहली यात्रा के लिए, एक स्वीडिश प्रतिनिधिमंडल के साथ सरकार के प्रमुख के रूप में 2016 में मुंबई में "मेक इन इंडिया" समारोह में भाग लेने के लिए भारत पहुँचे थे और अगले वर्ष साब ने घोषणा की कि वह भारत में सिंगल इंजन फ़ाइटर एयरक्राफ़्ट के निर्माण के लिए बोली लगाने के लिए अडानी समूह के साथ समझौता कर रहा है। 100 से अधिक लड़ाकू विमानों के इस सौदे का अनुमान 60,000 करोड़ रुपये से अधिक का था।

इज़राइल 
सौदे की तारीख: मार्च 30, 2016 (अडानी का साथ)
सौदे की तारीख: मार्च 29, 2016 (अंबानी का साथ)
मोदी की यात्रा: जुलाई 4-6, 2017

मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के नाते रक्षा और हीरे के दायरे से परे दवाइयों, जल प्रबंधन और पुनर्चक्रण संयंत्रों, कृषि अनुसंधान और प्रौद्योगिकियों और सौर ऊर्जा को शामिल कर इज़रायल के साथ व्यापार संबंधों का विस्तार किया था। मोदी ने 2014 के गुजरात एग्रो टेक ग्लोबल फ़ेयर में इज़राइल को भागीदार बनाने के लिए आमंत्रित किया था और औद्योगिक विकास के लिए एक कोष बनाने का प्रस्ताव किया था। इज़राइल के भारत के साथ मज़बूत व्यापारिक संबंध हैं, विशेष रूप से गुजरात की कॉर्पोरेट संस्थाओं के साथ। मार्च 2016 में, अडानी समूह के एयरो डिफ़ेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज़ लिमिटेड ने मानव रहित विमान प्रणाली (यूएएस) के निर्माण और विकास में एक साथ काम करने के लिए इज़राइल की एल्बिट-आईएसएटीआर और भारतीय कंपनी अल्फ़ा डिज़ाइन टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड के साथ तय इरादे (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किए थे। उसी महीने, अनिल अंबानी की रिलायंस डिफ़ेंस ने IAF के लिए लगभग 65,000 करोड़ के मूल्य के एयर-टू-एयर मिसाइल विकसित करने के लिए इज़राइल के रफ़ाल एडवांस्ड डिफ़ेंस सिस्टम्स (इससे फ़्रेंच रफ़ाल विमान के साथ भ्रमित न हों) के साथ एक समझौते की घोषणा की। इस संयुक्त उद्यम में रफ़ाल एडवांस्ड डिफ़ेंस सिस्टम का 49 प्रतिशत और रिलायंस डिफ़ेंस का 51 प्रतिशत शेयर है।

रूस 
मोदी की यात्रा: जुलाई 8-10, 2015, दिसंबर 22-23, 2015 (अंबानी का साथ)
सौदे की घोषणा: दिसम्बर 24, 2015
मोदी की यात्रा: मई 31-जून 2, 2017

व्लादिमीर पुतिन की यात्रा: अक्टूबर 6, 2018
सौदे की तारीख़: अक्टूबर 6, 2018

2015 में, रिलायंस डिफ़ेंस ने एयर डिफ़ेंस सिस्टम के निर्माता, रूस के अल्माज़-एंतेई के साथ लगभग 6 अरब डॉलर के विनिर्माण और रख-रखाव के सौदे पर हस्ताक्षर किए। साझेदारी की घोषणा तब की गई जब मोदी ने भारत और रूस के बीच रक्षा संबंधों को मज़बूत करने के उद्देश्य से मॉस्को की यात्रा शुरू की थी। हालांकि, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत आने पर, उसी सौदे को 5.4 अरब डॉलर (39,000 करोड़ रुपये) की तुलनात्मक क़ीमत पर किया गया था।

अमरीका 
मोदी की यात्रा: जून 6-8, 2016 (अंबानी का साथ)
सौदे की तारीख़: फ़रवरी 13, 2017

2017 में, रिलायंस डिफ़ेंस एंड इंजीनियरिंग ने गुजरात के पिपावाव में रिलायंस समूह के शिपयार्ड में अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े की सेवा, रख-रखाव और मरम्मत के लिए अमेरिकी नौसेना के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस सौदे से अगले तीन से पांच वर्षों में रिलायंस डिफ़ेंस को 15,000 करोड़ की आय होने की उम्मीद है।

रसद 

जापान 
मोदी की यात्रा: अगस्त 30- सितम्बर 3, 2014, नवंबर 11-12, 2016 (अडानी का साथ)
सौदे की तारीख़: जुलाई 16, 2018

अडानी, सुनील मित्तल और अन्य उद्योगपति 2014 में जापान की उनकी पहली प्रमुख द्विपक्षीय यात्रा पर मोदी के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। द हिंदू बिज़नेस लाइन ने बताया कि बाद में अडानी लॉजिस्टिक्स लिमिटेड ने एक संयुक्त उद्यम बनाने के लिए जापानी फ़र्म एनवाईके ऑटो लॉजिस्टिक्स के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जो ऑटोमोबाइल माल गाड़ियों का उपयोग करने के लिए तैयार वाहनों के परिवहन के विशेषज्ञ हैं।

आस्ट्रेलिया 
मोदी की यात्रा: नवम्बर 14-18, 2014 (अडानी का साथ)
सौदे की तारीख़: नवंबर 16, 2014

अडानी 2014 में ब्रिस्बेन में जी 20 शिखर सम्मेलन में मोदी के साथ जाने वाले व्यवसायियों में से एक थे जो प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। अडानी समूह ने क्वींसलैंड सरकार से कम अवधि के लिए एक सौदे को हासिल किया था, जिसके तहत रेलवे छोटे पार्टनर के तहत और बड़े पैमाने पर कोयला भंडार को अनलॉक करने के लिए गलील बेसिन में बंदरगाह की ज़रूरत थी । अडानी और भारतीय स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने दुनिया की "सबसे बड़ी ग्रीनफ़ील्ड कोयला खनन परियोजना" पर दावा करने के लिए 6,200 करोड़ के ऋण के लिए समझौते के ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे, जो वर्तमान में कई विवादों में उलझा हुआ है।

मलेशिया 
मोदी की यात्रा: नवंबर 21-22, 2015 (अडानी का साथ)
सौदे की तारीख़: अप्रैल 3, 2017

2017 में, भारत और मलेशिया की सरकारों ने 31 समझौता ज्ञापनों के आदान-प्रदान के तहत व्यापारिक सौदों पर हस्ताक्षर किए, दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों के इतिहास में समझौतों की यह सबसे बड़ी संख्या है। उसी वर्ष, अडानी समूह ने कैरी आइलैंड पोर्ट प्रोजेक्ट की व्यवहार्यता अध्ययन करने के लिए मलेशिया के एमएमसी पोर्ट्स के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसमें क्लैंग बंदरगाह का विस्तार करना भी शामिल था, जो वर्तमान में दुनिया का 11वां सबसे व्यस्त कंटेनर बन्दरगाह है। अगले वर्ष, मलेशियाई मीडिया ने बताया कि भारत और मलेशिया के बीच आर्थिक संबंध एम.एम.सी. पोर्ट्स होल्डिंग्स, सीम डार्बी प्रॉपर्टी और अडानी के सहयोग से केरी द्वीप पर एक एकीकृत समुद्री शहर के विकास के समझौते के साथ एक नए, रणनीतिक स्तर तक पहुँच गया था, जिसमें 32 अरब अमेरिकी डॉलर का व्यय शामिल है।

ईरान 
मोदी की यात्रा: मई 22-23, 2016 (अडानी का साथ)
टेंडर के सूचीबद्ध: दिसंबर 7, 2017

साल 2016 में मोदी की ईरान यात्रा के दौरान, चाबहार बंदरगाह से संबंधित एक वाणिज्यिक अनुबंध भारत पोर्ट्स ग्लोबल और ईरान के आरिया बान्डर के बीच दो टर्मिनलों के विकास और संचालन की परिकल्पना और बहुउद्देश्यीय कार्गो-हैंडलिंग क्षमताओं के साथ पांच बर्थ के लिए हस्ताक्षर किए गए थे। भारत सरकार ने कहा कि वह परियोजना के पहले चरण में 50 करोड़ डॉलर निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध है जिसमें निर्यात-आयात के लिए बैंक ऑफ़ इंडिया के माध्यम से ईरान को 15 करोड़ डॉलर क्रेडिट सुविधा देना शामिल होगा। इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल, अदानी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड द्वारा निविदा जारी किए जाने के बाद, जे. एम. बक्सी समूह और जे.एस.डब्लू इंफ़्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (जिंदल स्टील वर्क्स समूह का हिस्सा) को सूचीबद्ध किया गया। चाबहार बंदरगाह को 2017 के अंत में आंशिक रूप से खोला गया था।

मोज़ांबिक 
मोदी की यात्रा: जुलाई 7, 2016 (अडानी का साथ)
भारत के लिए दालों की आयात का समझौता: अक्टूबर 19, 2015

मोदी की मोज़ांबिक यात्रा के दौरान, एक दीर्घकालिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे जिसके तहत भारत दालों की कमी को दूर् करने के लिए और क़ीमतों को नीचे लाने के लिए इस देश से दाल ख़रीदेगा। मोदी ने कहा कि यह समझौता मोज़ांबिक में किसानों की आय बढ़ाएगा और भारत की आवश्यकताओं को भी पूरा करेगा। दिलचस्प बात यह है कि अडानी पोर्ट्स ने भारतीय दलहन और अनाज संघ (IPGA) के साथ भारतीय बंदरगाहों में दालों के आयात और भंडारण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

ओमान 
मोदी की यात्रा: फ़रवरी 11-12, 2018 (अडानी का साथ)
सौदे की तारीख़: सितंबर 30, 2016

फ़रवरी 2018 में मोदी की ओमान यात्रा के बाद, अल-डुक्म (टाटवीर) में विशेष आर्थिक क्षेत्र के विकास के लिए ओमान कंपनी ने सितंबर 2017 में अडानी पोर्ट्स और विशेष आर्थिक क्षेत्र के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। फ़रवरी में मोदी ने ऊर्जा, रक्षा और खाद्य सुरक्षा में व्यापार और निवेश को मज़बूत बनाने के उपायों पर चर्चा की थी।

बिजली 

बांग्लादेश 
मोदी की यात्रा: जून 6-7, 2015 (अंबानी और अडानी का साथ)
सौदे की तारीख़: जून 6, 2015

रिलायंस पावर और अडानी पावर ने बांग्लादेश में कई बिजली संयंत्रों की स्थापना के लिए सरकार द्वारा संचालित बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (BPDB) के साथ अलग-अलग समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए, ये समझौते 2015 में पड़ोसी देश में मोदी की दो दिवसीय यात्रा के दौरान हुए और जिसके तहत 4,600 मेगावाट बिजली का उत्पादन करना शामिल था। रिलायंस पावर ने 3 अरब डॉलर की लागत से 3,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन करने के लिए चार पावर प्लांट विकसित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे, और साथ ही अडानी पावर ने 1,600 मेगावाट की कुल क्षमता वाले 1.5 अरब डॉलर के ख़र्च से तैयार होने वाले दो कोयला-आधारित संयंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया था।

पाकिस्तान 
मोदी की यात्रा: दिसंबर 25, 2015 (अडानी का साथ)
सौदे की तारीख़ का पता नहीं 

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के क़रीबी सहयोगी पाकिस्तान के पूर्व ऊर्जा मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने 13 अक्टूबर, 2015 को देश की संसद के ऊपरी सदन को बताया, "अडानी एंटरप्राइज़ेज़ लिमिटेड के प्रतिनिधियों ने अप्रैल 2014 में देश का दौरा किया था जिसमें 4,000 मेगावाट तक बिजली का निर्यात करने की बात हुई थी।" हालांकि, दोनों देशों के बीच तनाव के कारण प्रस्ताव ठप हो गया।

म्यांमार 
मोदी की यात्रा: सितंबर 6-7, 2017
बिजली सप्लाई करने का प्रस्ताव: सितंबर 3, 2017

2017 में मोदी की पहली द्विपक्षीय यात्रा के दौरान, भारत ने दूरसंचार, रेलवे, सड़क और कृषि में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए म्यांमार को 50 करोड़ डॉलर की क्रेडिट (उधार) लाइन की पेशकश की थी। वह इससे पहले 2014 में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस देश में गए थे। यह बताया गया है कि म्यांमार की लगभग 70 प्रतिशत आबादी के पास बिजली की नियमित पहुँच नहीं है। अडानी समूह ने प्रस्ताव दिया था कि वह म्यांमार को बिजली की आपूर्ति करेगा। 2015 में, रिलायंस इंडस्ट्रीज़ (अनिल अंबानी के बड़े भाई मुकेश अंबानी की अध्यक्षता में) ने म्यांमार के सरकारी स्वामित्व वाले म्यांमार ऑयल एंड गैस एंटरप्राइज़ के साथ दो अपतटीय तेल और गैस ब्लॉकों के लिए उत्पादन-साझाकरण करने के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे।

चीन 
मोदी की यात्रा: मई 14-16, 2015 (अडानी का साथ)
सौदे की तारीख़: मई 16, 2015

2015 में मोदी की शंघाई यात्रा के दौरान 22 अरब डॉलर के छब्बीस व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिनमें प्रमुख रूप से अडानी समूह शामिल था। समूह ने चीन के गोल्डन कॉनकॉर्ड होल्डिंग्स के साथ मुंद्रा में विशेष आर्थिक क्षेत्र में फ़ोटोवोल्टिक उपकरणों के निर्माण के लिए एक एकीकृत औद्योगिक पार्क स्थापित करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। अडानी पावर ने मुंद्रा में अडानी पावर के प्लांट के वित्तपोषण पर चाइना डेवलपमेंट बैंक के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए और गुआंगज़ौ पोर्ट अथॉरिटी ने "सिस्टर पोर्ट" संबंध स्थापित करने के लिए एक अन्य समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
कुछ दशक पहले गौतम अडानी के बारे में कुछ लोगों ने सुना था। आज, वह भारत में एक घरेलू नाम बन गया है। अडानी ने एक साल में अपनी कुल सम्पत्ति/परिसंपत्ति के शुद्ध मुल्य में लाभ के प्रतिशत के मामले में अरबपतियों की सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया है - जनवरी 2017 में यह 4.63 अरब डॉलर से दिसंबर में यह 10.4 अरब डॉलर तक पहुँच गयी, जो कुल 124.6 प्रतिशत की वृद्धि है। हालांकि पहले भी कांग्रेस के शासन को उनके प्रति कोई गुरेज़ नहीं था, लेकिन एक व्यवसायी के रूप में अडानी का शानदार उदय मोदी के सत्ता में आने के साथ हुआ, पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में 2001 से 12 साल और फिर मई 2014 से भारत के प्रधानमंत्री बनने के बाद तो पुरी काया ही पलट गयी।

नोट: इस लेख का एक छोटा और अलग संस्करण अक्टूबर 2018 में एक वेबसाइट द्वारा प्रकाशित किया गया था, लेकिन अनिल अंबानी के समूह द्वारा मानहानि के मुक़दमे की धमकी देने के कारण चार घंटे के भीतर ही उसे हटा लिया गया था।
(लेखक एक स्वतंत्र शोधकर्ता और पत्रकार हैं।)

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