नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) [सीपीआई (एम)] के आह्वान पर , प्रस्तावित नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 (CAB) के खिलाफ देश भर में सोमवार, 4 फरवरी को विरोध प्रदर्शन किया गया। दिल्ली में जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए राज्यसभा सांसद तपन सेन ने कहा, “भाजपा देश का विभाजन करने के लिए उन सभी उपकरणों का प्रयोग कर रही है जिसका वो कर सकती है। नागरिकता (संशोधन) विधेयक भी उन्ही प्रयासों में से एक है। इसके अलावा वो गौ रक्षा आदि के नाम पर भी देश को बांटने की कोशिश कर रही है ।
उन्होंने कहा कि यह नफरत की राजनीति है जिसे बार-बार खारिज करने की जरूरत है, और इसलिए देश भर में भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे को खारिज करने के लिए विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। उन्होंने कहा भाजपा देश विरोधी और मजदूर विरोधी हैं इसको हटाना आवश्यक है।
इसी तरह का प्रदर्शन शिमला में भी हुआ। सीपीआई (एम) ने पूर्वोत्तर राज्यों में बढ़ती नाराजगी और असंतोष के मद्देनजर जिला आयुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। सीपीआई (एम) ने सरकार से आग्रह किया है कि वह बिल को पारित न करे जो कि पहले लोकसभा में पारित हो गया और अभी राज्यसभा में लंबित है।
हिमाचल प्रदेश में सीपीआई (एम) के राज्य सचिव डॉ० ओंकार शाद ने कहा, “यह बिल जाति, पंथ, लिंग, जातीयता, संस्कृति के नाम पर भेदभाव के बिना नागरिकता देने के सामान्य अधिकार का उल्लंघन करता है। विधेयक के अनुसार धर्म आधारित पहचान के कारण विविधता में एकता को भी खतरा है।” उन्होंने सभी समान विचारधारा वाले लोगों से CAB के खिलाफ पार्टी के इस जनआंदोलन में शामिल होने का आग्रह किया है।
मणिपुरी यूथ फ्रंट एसोसिएशन (MYFA), सिलचर, असम द्वारा आज नागरिकता (संशोधन) विधेयक के विरोध में एक बाइक रैली का आयोजन किया गया। रैली बोल्जूर एनएच से शुरू हुई और चिरूकंडी, बेरखल, तुको, कॉलोनी इंडिया क्लब, कछार कॉलेज प्वाइंट और सिद्धार्थ रॉंगपुर सहित सिलचर के विभिन्न क्षेत्रों से गुजरने के बाद मोदकपुराफुल में संपन्न हुई।
रैली में कुल 100 से अधिक बाइक सवारों ने हिस्सा लिया, जिसमें ऑल असम कोच राजबोंगशी स्टूडेंट्स यूनियन (AAKRASU) और निखिल बिष्णुप्रिया मणिपुरी स्टूडेंट्स यूनियन (NBMSU) के प्रतिनिधियों और सदस्यों ने भी भाग लिया। बाइक रैली में शामिल युवाओ ने "बीजेपी गो बैक (बीजेपी वापस जाओ) " के नारे लगाते हुए, CAB की निंदा करते हुए हाथ में तख्तियों को पकड़े हुए पुरे शहर में रैली निकाली।
इस रैली के बारे में बात करते हुए MYFA के अध्यक्ष, सेराम हेमाजीत ने कहा कि असम में बराक घाटी के स्थनीय लोग कछारी मुस्लिम, मणिपुर, बिष्णुप्रिया और दिमास हैं। यह जोड़ते हुए कि घाटी बांग्लादेशी शरणार्थियों के लिए कोई डंपिंग ग्राउंड नहीं है। उन्होंने कहा, "अगर वर्तमान भाजपा सरकार CAB को संसद में पारित कर देती है, तो जनता बिल के कार्यान्वयन के खिलाफ अपनी जान को हाथ में ले के लड़ेगी।"
एनबीएमएसयू के अध्यक्ष राजीब सिन्हा ने कहा, “ऐसे समय में जब बराक घाटी के स्वदेशी लोगों की रक्षा करने के प्रयास कठिन हो रहे हैं, CAB के आने से उनमे भय है कि स्वदेशी लोगों का पूरी तरह से उन्मूलन निश्चित रूप से सुनिश्चित करेगा। इसलिए, यदि विधेयक पारित हो जाता है तो हम मृत्यु तक लड़ेंगे।”
मणिपुर में इम्फाल सहित कई इलाकों में बिल के विरोध में प्रदर्शन हुए। आज थंगीबाईंड में सभा को संबोधित करते हुए, डिंडियाजैंग के लुजाई ने कहा कि CAB के खिलाफ राज्य की रक्षा में भी आदिवासी समुदायों की बड़ी भूमिका है। उन्होंने इस मुद्दे पर प्रत्येक परिवार को जागरूक करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मणिपुर के जाने-माने फिल्मकार अरिबम स्याम शर्मा ने अपना पद्मश्री पुरस्कार CAB के विरोध लौटा दिया है जो 2006 में भारत सरकार द्वारा दिया गया था।
इंफाल के थांगमीबंद में अपने निवास पर मीडिया से बात करते हुए, 83 साल के प्रख्यात फिल्म निर्माता ने कहा, “मणिपुर जैसे छोटे राज्य में जहां आबादी उत्तर प्रदेश के एक जिले की आबादी से कम है, यह बिल राज्य के स्वदेशी लोग को खत्म करने का एक बहाना मात्र है। ”
उन्होंने कहा, "इस तरह के बिल को लोकसभा में पारित करना पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों पर सबसे बड़ा हमला है "
यह कहते हुए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राज्यसभा में उक्त विधेयक को पारित करने के बारे में बयान दिया है, उन्होंने कहा, “राज्य सरकार से राज्य के स्वदेशी लोगों की रक्षा के लिए विधेयक में एक खंड सम्मिलित करने की अपील की जाएगी। जो बहुत मुश्किल है।”
प्रसिद्ध फिल्म निर्माता ने कहा की "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मणिपुर की सरकार उक्त बिल का विरोध नहीं कर रही है, जब नागालैंड, मेघालय और मिजोरम जैसे अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में अप्रवासियों की आमद को रोकने के लिए एक विशिष्ट विधेयक है, जो नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध कर रहे हैं।"
न्यूज़क्लिक के साथ बात करते हुए , असम में सीपीआई (एम) की राज्य समिति के सदस्य सुप्रकाश तालुकदार ने कहा, "देश भर में रैलियां की जा रही हैं, गुवाहाटी में भी रैली हुई है। इस रैली का संदेश स्पष्ट है कि पूरी तरह से इस बिल को अस्वीकार करते हैं। भाजपा नफरत की राजनीति करती है। हमारा मानना है कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक पूर्वोत्तर में स्थिरता को लक्षित करने के नाम पर अनावश्यक अशांति पैदा करने का प्रयास है, ताकि लोगों में जो केंद्र सरकार के खिलाफ असंतोष है और इसके साथ लोगोका ध्यान वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाया जा सके । "
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