'बोल के लब आज़ाद हैं तेरे' के इस एपिसोड में, अभिसार शर्मा दक्षिण कोरियाई सरकार द्वारा पीएम मोदी को दिए गए शांति पुरस्कार के बारे में बताते हैं। वे कोबरापोस्ट स्टिंग ऑपरेशन पर भी चर्चा करते हैं।
सबसे चिन्ताजनक बात ये की बीजेपी का प्रचार तंत्र उन पत्रकारों और फौजियों को निशाना बना रहा है जो सुरक्षा मे हुई चूक का मुद्दा उठा रहे हैं या फिर जिहोने समाज मे भाईचारे की वकालत की है। खुद अभिसार शर्मा को ज़बरदस्त गाली गलौज का सामना करना पड़ा ।पेश है झकझोरन
'बोल के लब आज़ाद हैं तेरे' के इस एपिसोड में, अभिसार शर्मा दक्षिण कोरियाई सरकार द्वारा पीएम मोदी को दिए गए शांति पुरस्कार के बारे में बताते हैं। वे कोबरापोस्ट स्टिंग ऑपरेशन पर भी चर्चा करते हैं।
शांति और सैन्य कार्रवाई एक साथ नहीं हो सकता है। ठोस बातचीत के जरिए ही इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है जो कश्मीरी सहित सभी लोगों के हित में है। यही लोकतांत्रिक तरीक़ा भी है।
जब किसानो ने यह मार्च करने का ठाना तो सरकार ने सभी हथकंडे अपनाकर इस मार्च को रोकने का प्रयास किया लेकिन किसनों ने भी जिद्द ठानी थी कि वो सरकार की वादाखिलाफी को उजागर करने और सरकार के धोखे के खिलाफ…
महाराष्ट्र में हुए ऐतिहासिक किसान लॉन्ग मार्च के लगभग एक साल बाद अखिल भारतीय किसान सभा ने एक बार फिर बुधवार 20 फरवरी से किसानों का सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में नासिक से मुंबई तक लॉन्ग मार्च'…