Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

फेसबुक पर फर्जी खबरें देने वालों को फॉलो करते हैं प्रधानमंत्री मोदी!

कई वेबसाइट और फेसबुक पेज नरेंद्र मोदी और भाजपा के समर्थन में फर्जी सूचनाओं का प्रसार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये कर रहे हैं।
सांकेतिक तस्वीर

ऑल्ट न्यूज़ और बूमलाइव जैसे वेबसाइटों ने यह स्थापित किया है कि नरेंद्र मोदी और भाजपा के समर्थक अक्सर फर्जी सूचनाओं का प्रसार करते हैं। फर्जी सूचनाएं फैलाने वाली एक वेबसाइट है पोस्टकार्ड न्यूज़। इसे शुरू करने वालों में महेश हेगड़े भी शामिल हैं। उन्हें 30 मार्च को बेंगलुरु पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन्होंने यह खबर चलाई थी कि एक जैन संत पर एक मुस्लिम व्यक्ति ने हमला किया। जबकि ये संत एक दुर्घटना में मामूली तौर पर चोटिल हुए थे। 

केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने महेश हेगड़े की गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताते हुए उनकी रिहाई की मांग की। पोस्टकार्ड न्यूज़ पर पहले भी पत्रकार बरखा दत्त और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बारे में फर्जी खबरें प्रकाशित करने के आरोप लगे हैं। इस वेबसाइट पर भाजपा के प्रोपगैंडा खबरों की भरमार रहती है।

हैरानी की बात तो यह भी है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई केंद्रीय मंत्री फेसबुक और ट्विटर पर कई ऐसे लोगों को फॉलो करते हैं जिन पर फर्जी सूचनाओं के प्रसार का आरोप है। 11 अक्टूबर  को जयपुर में एक कार्यक्रम में तेलंगाना भाजपा के सूचना प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ के सलाहकार सुरेश कोचात्तिल से यह पूछा गया कि प्रधानमंत्री ऐसे लोगों को ‘अनफॉलो’ या ‘अनफ्रेंड’ क्यों नहीं करते तो उनका जवाब था कि प्रधानमंत्री से यह अपेक्षा करना व्यावहारिक नहीं होगा कि वे यह देख पाएं कि कौन फर्जी खबरें फैला रहा है और किसे फॉलो नहीं किया जाना चाहिए। 

इसी कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति को खत्म करते वक्त उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर जिस तरह की राजनीतिक जंग जारी है उसमें अगले लोकसभा चुनावों तक स्थिति बहुत बुरी होने वाली है और इसके बाद कहीं जाकर इसमें कुछ सुधार होगा। 

जय मोदीराज’ के नाम से एक फेसबुक पेज चल रहा है। 14 लाख लोग इसे फॉलो करते हैं। यह अधिक लाइक जुटाने के लिए एक विज्ञापन अभियान चला रहा था। इस पर संपादित करके प्रधानमंत्री की ऐसी फोटो पोस्ट की जाती हैं जिसमें वे अपने विरोधियों को पीटते हुए दिखाए जाते हैं। साथ ही इस्लाम से डर पैदा करने का काम भी इस पेज के जरिये किया जा रहा है। इस पेज पर एक बार दो फोटो एक साथ डाले गए। मोदी के माथे पर पीला और लाल निशान दिखाया गया और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को मुस्लिम टोपी पहने हुए दिखाया गया। इसका कैप्शन था, ‘एक सच्चाई के लिए लड़ता है, एक आतंकवाद की वकालत करता है।’

इसी वेबसाइट पर एक और फर्जी खबर दूसरी फर्जी वेबसाइट बीबीसी न्यूज हब के हवाले से चलाई गई। इसमें कांग्रेस को विश्व की चौथी सबसे भ्रष्ट पार्टी और सोनिया गांधी को चौथी सबसे अमीर महिला बताया गया। इस फेसबुक पेज पर दुनिया के नेताओं के साथ मोदी की फर्जी तस्वीरें हैं, सेनाध्यक्ष बिपिन रावत के फर्जी बयान हैं और कांग्रेस सांसद शशि थरूर का एक फर्जी बयान प्रकाशित किया गया है जिसमें दावा किया गया है कि थरूर मोदी को बिच्छू कहते हैं। इसके अलावा विश्व बैंक से भारत को मिले कर्ज के बारे में गलत जानकारियां भी इस पेज के जरिए फैलाई जा रही हैं।

फेसबुक पेज जय मोदीराज पर थाईलैंड की एक तस्वीर पोस्ट की गई है। इसमें सेना का अभ्यास दिखाया गया है। इसमें यह दावा किया गया है कि यह अभ्यास भारत में हो रहा है। इसमें एक फर्जी तस्वीर में मोदी को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शव के पास खड़ा दिखाया गया है।

ऑल्ट न्यूज़ ने जांच-पड़ताल करके यह जानकारी दी कि सचिन पटेल, राजेश सोनी, भविन पटेल, मनोज गिलानी और नेहा पटेल जय मोदी राज फेसबुक पेज चलाते हैं। इनमें से सभी की प्रोफाइल फोटो प्रधानमंत्री मोदी के साथ है। साथ ही इनमें से कुछ लोगों ने पार्टी के सोशल मीडिया वॉलिंटियर की उस बैठक में हिस्सा लिया था जिसे प्रधानमंत्री ने संबोधित किया था। भविन पटेल ने तो फेसबुक पर अपने परिचय में लिखा है कि वे भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आईटी प्रकोष्ठ के सदस्य हैं।

हमारे सोशल मीडिया सीरीज़ के अन्य आलेख पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें :-

फर्जी सूचनाओं को रोकने के लिए फेसबुक कुछ नहीं करना चाहता!

#सोशल_मीडिया : क्या सुरक्षा उपायों को लेकर व्हाट्सऐप ने अपना पल्ला झाड़ लिया है?

#सोशल_मीडिया : क्या व्हाट्सऐप राजनीतिक लाभ के लिए अफवाह फैलाने का माध्यम बन रहा है?

#सोशल_मीडिया : क्या फेसबुक सत्ताधारियों के साथ है?

#सोशल_मीडिया : क्या नरेंद्र मोदी की आलोचना से फेसबुक को डर लगता है?

#सोशल_मीडिया : कई देशों की सरकारें फेसबुक से क्यों खफा हैं?

सोशल मीडिया की अफवाह से बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest