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राजस्थान : किसान कांग्रेस और भाजपा दोनों से ख़फ़ा, सीकर में महापड़ाव जारी

राजस्थान में प्याज़ की सरकारी खरीद शुरू न होने के कारण किसानों का गुस्सा और नाराज़गी लगातर बढ़ रही है। किसानों ने 13 मार्च को सीकर में एक बड़ी जनसभा करने के फैसला किया है।
SIKAR

 राजस्थान सीकर में किसानों का महापड़ाव 13वें दिन भी जारी है। प्याज़ की सरकारी खरीद शुरू न होने के कारण किसानों का गुस्सा और नाराज़गी लगातर बढ़ रही है। किसानों ने अब आर-पार की लड़ाई लड़ने की ठानी है और बड़े आंदोलन की राह पर निकल पड़े हैं।

किसानों में राज्य सरकार के खिलाफ भारी गुस्सा है कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान क्यों नहीं दे रही है। किसानों ने 13 मार्च को सीकर में एक बड़ी जनसभा करने के फैसला किया है। जिसमें हज़ारों की संख्या में किसानों के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है।लोकसभा चुनाव से पहले किसानों का ये प्रदर्शन कांग्रेस और भाजपा दोनों राष्ट्रीय पार्टी के लिए एक चेतावनी है। किसान अपनी स्थिति को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों से नाराज़ हैं। राजस्थान में कांग्रेस इस समय सत्ता में है तो इससे पहले भाजपा सत्ता में थी। केंद्र में भी भाजपा सत्ता में है और किसान अपनी दुर्दशा के लिए दोनों का बराबर को ज़िम्मेदार मान रहा है।

अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष पेमाराम ने कहा की वो सरकार से सड़कों पर लड़कर अपना हक लेंगे,इसके अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा है। हम सड़कों पर बाहर अपना खाना पका रहे हैंऔर खुले में सो रहे हैं। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतींकोई भी पीछे नहीं हटेगा।

किसान सभा का कहना है कि सहकारी समितियां बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का केंद्र बन रही हैं। सरकार ने हमें कर्जमाफी के नाम पर धोखा दिया है। लेकिन सरकार और मुख्यमंत्री ने इन सभी की लेकर एक आपराधिक चुप्पी साध रखी है सरकार की इस चुप्पी तोड़ने के लिए हज़ारों किसान कलेक्ट्रट पर हैं।

सीकर क्षेत्र के प्याज़ किसानों की समस्या लगातार गहराती जा रही है, इन किसानों के सामने रोज़ी रोटी का गंभीर संकट खड़ा हो गया है।किसानों का कहना है कि कृषि मंडी में उन्हें अपनी फसल की लागत का आधा दाम भी नहीं मिल रहा हैयहाँ तक कि उतने दाम भी नहीं मिल रहा है जितना कि उनका अपनी फसल को मंडी तक ले जाने के लिए आ रहा है। इससे परेशान किसान अपनी फसल को सड़क किनारे रखकर बेच रहे हैं। ऐसा नज़ारा सीकर के सरासर रोड सहित कई अन्य मार्गो पर देखा जा रहा है। जहां किसान प्याज़ को डेढ़ से दो रुपये किलो के हिसाब से बेच रहा है। उनका कहना है की इतना ही पैसा उन्हें मंडी में भी मिल रहा है इसलिए वो इसे यहीं बेच रहे हैं कि जो कुछ मिल जाए। अगर वो नहीं बेचेंगे तो प्याज़ ख़राब हो जाएगी क्योंकि इसे रखने के लिए उनके पास भंडारन की कोई व्यस्था नहीं है।

पेमा राम ने कहा, “उत्पादन की लागत अधिक है, जबकि मंडियों में कोई खरीदार नहीं हैं और किसानों को या तो अपनी उपज को कम कीमतों पर बेचने के लिए मजबूर किया जाता है या इसे फेंकने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमराराम ने कहा कि किसानों का सब्र अब जवाद दे रहा है क्योंकि सरकार की नीयत ठीक नहीं है। उन्होंने कहा गहलोत सरकार कर्ज माफी की तरह एक बार फिर सरकार को झांसा दे रही है। किसान सड़क पर लड़ने से पीछे नहीं हटेगा। क्योंकि किसान लड़ लेगा तो कुछ तो बचा लेगानहीं लड़े तो किसान की बर्बादी तय है। अशोक गहलोत सरकार किसानों को तबाह करने पर तुली है। जिले के विधायक और मंत्री का सीएम के सामने मुंह नहीं खुल रहा है।

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किसान एआईकेएस नेतृत्व में 27 फरवरी से सीकर कलेक्ट्रेट और मंडी परिसर में महापड़ाव डाले हुए है। मार्च कोनाराज और असंतुष्ट प्रदर्शनकारियों ने राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के घर पर प्याज फेंक दिया। इसके बाद किसानों ने 5 मार्च को एक विशाल रैली निकालीजब हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों के दौरान किए गए वादों को लागू करने के लिए राज्य में कांग्रेस सरकार की विफलता को उजागर करने के लिए प्रदर्शनकारियों ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पुतला जलाया था।

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