सुप्रीम कोर्ट में लखीमपुर हत्याकांड की सुनवाई, कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की सरकार को फटकार भी लगाई। नाराजगी जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यूपी सरकार स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने में देर की। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा कि हम कल रात एक बजे तक स्टेटस रिपोर्ट का इंतजार करते रहे लेकिन हमें रिपोर्ट अभी मिली है।
उन्होंने अपने पुराने आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि हमने पिछली सुनवाई के दौरान साफ कहा था कि कम से कम एक दिन पहले हमें स्टेटस रिपोर्ट मिल जाए।
सुनवाई के दौरान सीजेआई ने यूपी सरकार की ओर से पेश वकील से कई सवाल भी पूछे. राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वकील हरीश साल्वे ने बंद लिफाफे में रिपोर्ट दाखिल की.
सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने कोर्ट से सुनवाई शुक्रवार तक टालने को कहा मगर कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा कि सुनवाई आज ही की जाएगी।
कोर्ट ने हिंसा में हुई गिरफ्तारियों पर सवाल करते हुए यह भी पूछा कि जो लोग न्यायिक हिरासत में हैं, कहीं ऐसा तो नहीं है कि पुलिस ने उनकी कस्टडी पर ज़ोर ही नहीं दिया।
कोर्ट ने कहा है कि पुलिस गवाहों को सुरक्षा दे। इस मामले की अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को होगी।
आपको बता दें कि लखीमपुर खीरी में किसान प्रदर्शन के दौरान उन पर कथित तौर पर गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें 4 किसानों की मौत हो गई। इस हिंसा में कुल 8 लोग मारे गए। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया है और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को आरोपी बनाया है। बाद में आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया था।चीफ जस्टिस एनवी रमना की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि क्यों अभी तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद यूपी पुलिस ने आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस की एसआईटी पर भी सवाल उठाया था और कहा कि तमाम लोकल पुलिस अधिकारी उसमें रखे गए हैं।
समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ
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