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नेपाल विमान हादसे में कोई व्यक्ति जीवित नहीं मिला, मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों का प्रदर्शन और अन्य खबरें

‘तारा एअर’ के ‘ट्विन ओट्टर 9एन-एईटी’ विमान ने पोखरा से रविवार की सुबह करीब 10 बजे उड़ान भरी थी, लेकिन 15 मिनट बाद ही उसका नियंत्रण टॉवर से संपर्क टूट गया। विमान में चार भारतीय, दो जर्मन और 13 नेपाली नागरिकों सहित कुल 22 लोग सवार थे।

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नेपाल विमान हादसे में कोई व्यक्ति जीवित नहीं मिला

काठमांडू: नेपाल के पर्वतीय मुस्तांग जिले में विमानन कंपनी ‘तारा एअर’ के दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान में सवार कोई भी व्यक्ति अभी तक जीवित नहीं मिला है। नेपाली मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई है।

नेपाल की सेना ने सोमवार को बताया कि रविवार की सुबह दुर्घटनाग्रस्त हुए यात्री विमान का मलबा नेपाल के मुस्तांग जिले में मिला है। यह विमान करीब 20 घंटे से लापता था।

नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने बताया कि 14 शव बरामद किए गए हैं।

‘तारा एअर’ के ‘ट्विन ओट्टर 9एन-एईटी’ विमान ने पोखरा से रविवार की सुबह करीब 10 बजे उड़ान भरी थी, लेकिन 15 मिनट बाद ही उसका नियंत्रण टॉवर से संपर्क टूट गया। विमान में चार भारतीय, दो जर्मन और 13 नेपाली नागरिकों सहित कुल 22 लोग सवार थे।

विमानन कंपनी की ओर से जारी यात्रियों की सूची के अनुसार, विमान में मौजूद भारतीयों की पहचान अशोक कुमार त्रिपाठी, उनकी पत्नी वैभवी बांडेकर त्रिपाठी और बच्चों-धनुष त्रिपाठी व ऋतिका त्रिपाठी के तौर पर हुई है। यह परिवार महाराष्ट्र के ठाणे जिले का रहने वाला है।

‘माय रिपब्लिक’ समाचार पत्र की खबर के अनुसार, घटनास्थल पर पहुंचे इंदा सिंह ने बताया कि विमान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया।

सिंह ने बताया कि विमान में आग नहीं लगी थी। विमान संभवत: एक चट्टान से टकराने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हुआ।

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों का किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

चंडीगढ़/भाषा: पंजाब के मशहूर गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सोमवार को मानसा सिविल अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया गया। इसी अस्पताल में सिद्धू मूसेवाला के शव को पोस्टमार्टम के लिए रखा गया है।

प्रदर्शनकारियों में अधिकतर इलाके के ग्रामीण थे। उन्होंने मूसेवाला की सुरक्षा वापस लिए जाने के फैसले को लेकर राज्य की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विरोध के मद्देनजर मानसा जिले के कई बाजार सोमवार को बंद रहे।

पुलिस महानिरीक्षक प्रदीप यादव और अन्य अधिकारी पोस्टमार्टम को लेकर मूसेवाला के परिजनों से बात करने के लिए उनके आवास पर गए। जानकारी के मुताबिक, मूसेवाला का परिवार फिलहाल उनका पोस्टमार्टम कराने के लिए राजी नहीं है।

पंजाब के मानसा जिले में रविवार को अज्ञात हमलावरों ने सिद्धू मूसेवाला (28) की गोली मारकर हत्या कर दी थी। राज्य सरकार द्वारा मूसेवाला की सुरक्षा वापस लिए जाने के एक दिन बाद यह घटना हुई थी। मूसेवाला के साथ महिंद्रा थार जीप में यात्रा कर रहे उनके चचेरे भाई और एक दोस्त भी हमले में घायल हो गए थे। हालांकि, उनकी हालत फिलहाल स्थिर है।

मूसेवाला ने हालिया विधानसभा चुनाव में मानसा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और वह ‘आप’ प्रत्याशी विजय सिंगला से हार गए थे।

पुलिस द्वारा सिविल अस्पताल के अंदर-बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम सिद्धू मूसेवाला की हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।”

पंजाब कांग्रेस के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और कुछ अन्य कांग्रेस नेताओं ने मानसा में मूसेवाला के आवास पर पहुंचकर उनके निधन पर शोक जताया। मूसेवाला के आवास पर बड़ी संख्या में समर्थक और ग्रामीण भी जमा हो गए।

इस बीच, मूसेवाला की हत्या के मामले में उनके पिता बलकौर सिंह की शिकायत पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।

पंजाब पुलिस ने मूसेवाला की हत्या को आपसी रंजिश का नतीजा करार दिया है। पुलिस ने इसके लिए लॉरेंस बिश्नोई गैंग को जिम्मेदार ठहराया है।

कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने हत्या पर रोष व्यक्त किया है। विपक्ष ने घटना के लिए ‘आप’ सरकार को कसूरवार ठहराया है।

हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया जा चुका है।

सिद्धू मूसेवाला​​​​​​​ : विपक्ष ने आप सरकार की निंदा की, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

चंडीगढ़/भाषा: सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद उनकी सुरक्षा कम किए जाने को लेकर राज्य में विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर निशाना साधा और कांग्रेस ने इस घटना को ‘‘राजनीतिक हत्या’’ करार दिया।

कांग्रेस की पंजाब ईकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने पंजाबी गायक की ‘‘बर्बर हत्या’’ की निंदा करते हुए कहा कि यह एक राजनीतिक हत्या है जिसे एक सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया।

उन्होंने इस हत्या के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, ‘‘मैं अपने सहकर्मी और पार्टी के उभरते सितारे को खोने से बहुत दुखी और स्तब्ध हूं, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।’’

वडिंग ने ट्वीट किया, ''भगवंत मान सरकार द्वारा सुरक्षा वापस लेने के दो दिन बाद ही उन्हें (मूसेवाला को) मानसा में गोलियों से भून दिया गया। पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने (सत्ता में बने रहने का) नैतिक अधिकार खो दिया है। इसे बर्खास्त किया जाना चाहिये।''

वडिंग ने कहा कि मूसेवाला के पिता ने रविवार सुबह उनसे बात की थी और कहा था कि उनके बेटे के पास सिर्फ दो सुरक्षाकर्मी रह गए हैं।

उन्होंने दावा किया कि मूसेवाला अपने दो सुरक्षाकर्मियों को अपने साथ नहीं ले जा पाए क्योंकि वे थके हुए थे और आराम करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान गायक को आठ सुरक्षाकर्मी दिए गए थे।

भारतीय जनता पार्टी के महासचिव तरुण चुग ने कहा कि आप सरकार के सुरक्षा वापस लेने के कुछ घंटों के भीतर मूसेवाला की हत्या ने एक बार फिर दिखा दिया कि पंजाब में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति ‘‘पूरी तरह ढह’’ गयी है।

चुग ने कहा कि भगवंत मान सरकार को ‘‘पंजाब पुलिस का राजनीतक इस्तेमाल के लिए अपने मार्गदर्शक अरविंद केजरवील की मदद करना’’ तुरंत बंद कर देना चाहिए।

घटना पर हैरानी जताते हुए शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि यह घटना दिखाती है कि ‘‘पंजाब में कानून एवं व्यवस्था पूरी तरह ढह गयी है।’’

कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने सत्तारूढ़ आप से ‘‘सोशल मीडिया पर सस्ता प्रचार पाने के लिए लोगों की सुरक्षा से छेड़छाड़ करना बंद करने के लिए कहा।’’

राज्यसभा चुनाव: भाजपा ने पीयूष गोयल को महाराष्ट्र, निर्मला सीतारमण को कर्नाटक से उम्मीदवार बनाया

नयी दिल्ली/भाषा: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए रविवार को अपने 18 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की, जिनमें केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल और निर्मला सीतारमण को क्रमश: महाराष्ट्र और कर्नाटक से उम्मीदवार बनाया गया है।

वहीं, भाजपा की सहयोगी जदयू ने केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को झटका देते हुए बिहार से खीरू महतो को अपना राज्य सभा प्रत्याशी बनाया है।

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का नाम भी पार्टी उम्मीदवारों की सूची से गायब है। हालांकि भाजपा को कम से कम दो उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करनी है और ये दोनों सीट उत्तर प्रदेश की हैं।

भाजपा ने दुष्यंत गौतम, विनय सहस्त्रबुद्धे और ओपी माथुर को भी प्रत्याशी नहीं बनाया है।

भाजपा ने जिन 18 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा राज्यसभा के लिए की, उनमें से छह प्रत्याशी उत्तर प्रदेश से हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए राज्य में गोरखपुर शहरी सीट छोड़ने वाले भाजपा के पूर्व विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल राज्यसभा के लिए पार्टी के उम्मीदवारों में शामिल हैं।

भाजपा ने राज्य से पार्टी की प्रदेश इकाई के पूर्व प्रमुख लक्ष्मीकांत वाजपेयी, राज्यसभा के मौजूदा सदस्य सुरेंद्र सिंह नागर और उप्र पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष बाबूराम निषाद को भी उम्मीदवार बनाया है।  

पार्टी ने राज्य से दो महिलाओं दर्शना सिंह और संगीता यादव को भी चुनाव मैदान में उतारा है। दर्शना पार्टी की महिला शाखा की पूर्व प्रमुख हैं जबकि संगीता गोरखपुर के चौरी चौरा से पार्टी की पूर्व विधायक हैं।

पार्टी ने कर्नाटक, महाराष्ट्र और बिहार से दो-दो और मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, झारखंड व हरियाणा से एक-एक उम्मीदवार के नाम की घोषणा की।

पार्टी ने हरियाणा से पूर्व विधायक कृष्ण लाल पंवार को उम्मीदवार बनाया है।

मध्य प्रदेश से कविता पाटीदार, राजस्थान से घनश्याम तिवारी और उत्तराखंड से कल्पना सैनी के नामों की घोषणा की गई है।

बिहार से पार्टी ने सतीश चंद्र दुबे और शंभू शरण पटेल को उम्मीदवार बनाया है।

भाजपा की विज्ञप्ति के अनुसार केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री गोयल, अनिल सुखदेवराव बोंडे और धनंजय महादिक को महाराष्ट्र से उम्मीदवार बनाया गया है।

संख्याबल के अनुसार भाजपा दो सीटों पर आसानी से जीत दर्ज कर लेगी जबकि तीसरी सीट के लिए मुकाबला होने के आसार है।

भाजपा ने आदित्य साहू को राज्यसभा के लिए झारखंड से प्रत्याशी बनाया है जहां से नकवी पूर्व में सदस्य हैं।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अभिनेता से नेता बने जग्गेश को कर्नाटक से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है।

देश के 15 राज्यों से राज्यसभा की 57 सीटों के लिए चुनाव 10 जून को होंगे। नामांकन भरने की अंतिम तिथि 31 मई है।

सुरक्षाकर्मियों के साथ अपने बेटे के पीछे गया था, गोलीबारी होते देखी : मूसेवाला के पिता

चंडीगढ़: भाषा: ​​​पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के पिता अपने बेटे की जान को खतरा होने की आशंका के चलते सुरक्षाकर्मियों के साथ उनके पीछे गये थे और उन्होंने (मूसेवाला के पिता ने) अंधाधुंध गोलीबारी होते देखी।

एक प्राथमिकी में यह कहा गया है। पंजाब के मानसा जिले में हुए हमले के बाद रविवार को मूसेवाला और दो अन्य को सिविल अस्पताल पहुंचाने वाले बलकौर सिंह ने पुलिस में दर्ज कराई गई अपनी शिकायत में कहा कि उनके बेटे को जबरन वसूली के लिए गैंगस्टर द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई थी। इसमें कहा गया है कि रविवार को जब उन्हें पता चला कि मूसेवाला बिना सुरक्षाकर्मी या बुलेट प्रूफ वाहन के घर से निकल गये हैं, तो वह उनके पीछे गये।

गायक एवं कांग्रेस नेता मूसेवाला की रविवार को अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। राज्य सरकार द्वारा मूसेवाला की सुरक्षा वापस लिए जाने के एक दिन बाद यह घटना हुई। सरकार ने उनकी सुरक्षा के लिए मुहैया किये गये चार कमांडो की संख्या घटाकर दो कर दी थी।

सिंह के मुताबिक, जब वह जवाहर के गांव पहुंचे तो उन्होंने एक कोरोला कार देखी, जिसमें चार लोग सवार थे और वह मूसेवाला की जीप का पीछे कर रहे थे। प्राथमिकी में कहा गया है, "जब उनका बेटा गांव बरनाला की ओर मुड़ा, तो एक बोलेरो (वाहन) उनके बेटे की जीप के सामने रुक गया।"

सिंह ने कहा कि कोरोला और बोलेरो में सवार लोगों ने उनके बेटे पर अंधाधुंध गोलीबारी की और इसके बाद हमलावर वहां से फरार हो गए। उन्होंने प्राथमिकी में कहा कि उनके बेटे को कई गोलियां लगीं।

उन्होंने बताया कि वह कुछ स्थानीय लोगों की मदद से मूसेवाला और दो अन्य (घायल) लोगों को सिविल अस्पताल ले गए, लेकिन उनके बेटे की मौत हो गई।

पुलिस ने बलकौर सिंह की शिकायत के बाद मानसा थाना (सिटी-एक) में हत्या का मामला दर्ज किया है। सिंह ने पुलिस में दर्ज कराई गई अपनी शिकायत में कहा कि लॉरेंस बिश्नोई गिरोह और अन्य बदमाशों से जान से मारने की धमकी मिलने के बाद उनके बेटे ने बुलेटप्रूफ वाहन रखा था।

भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास) और शस्त्र अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।

गायक मूसेवाला हत्याकांड : मुख्यमंत्री भगवंत मान ने न्यायिक आयोग बनाने की घोषणा की

चंडीगढ़/भाषा: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जांच के लिए उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग गठित करने की घोषणा की।

मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने मान से अपने बेटे की हत्या की जांच उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश से कराने का आदेश देने का आग्रह किया था।

उन्होंने पंजाब सरकार से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को जांच में शामिल करने की भी मांग की।

हत्या पर दुख व्यक्त करते हुए मान ने कहा ‘‘राज्य सरकार पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध करेगी कि इस मामले की जांच उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से कराई जाए।’’

मान ने कहा कि राज्य सरकार इस आयोग की पूरी मदद करने के साथ ही एनआईए जैसी केंद्रीय एजेंसी का पूरा सहयोग भी सुनिश्चित करेगी।

मुख्यमंत्री मान ने लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार इस जघन्य अपराध के दोषियों को न्याय के दायरे तक लाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

गायक के सुरक्षा घेरे में कटौती को लेकर विपक्षी दलों की कड़ी आलोचना का सामना कर रहे मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा में कोताही और जवाहदेही तय करने के पहलुओं पर पहले ही उच्चतम स्तर पर जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

शुभदीप सिंह सिद्धू, जिन्हें सिद्धू मूसेवाला के नाम से जाना जाता था, उन 424 लोगों में शामिल थे, जिनकी सुरक्षा पंजाब पुलिस ने शनिवार को अस्थायी रूप से वापस ले ली या कम कर दी थी।

दिवंगत गायक के पिता द्वारा अपने बेटे की हत्या को गैंगवार से जोड़ने के लिए पंजाब के पुलिस प्रमुख वी के भावरा से सार्वजनिक माफी की मांग के बाद, मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पुलिस महानिदेशक को स्पष्टीकरण जारी करने का निर्देश दिया है।

मान ने कहा कि मूसेवाला एक प्रसिद्ध कलाकार और पंजाब के सांस्कृतिक प्रतीक थे और उनके लिए उनके मन में बेहद सम्मान है।

उन्होंने कहा, “दुख की इस घड़ी में मेरी प्रार्थना उनके परिवार के साथ है और मैं वाहेगुरु से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।”

मूसेवाला के पिता ने इससे पहले मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर अपने बेटे की हत्या की उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की थी। समझा जाता है कि मूसेवाला का परिवार पोस्टमार्टम कराने के लिए तैयार नहीं था।

मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखे पत्र में बलकौर सिंह ने घटना के लिए आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की कथित अक्षमता को जिम्मेदार ठहराया।

सिंह ने पत्र में लिखा, “शुभदीप की मां मुझसे पूछ रही हैं कि उनका बेटा कहां है और वह कब लौटेगा। मैं क्या जवाब दूं?” उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि मुझे न्याय मिलेगा।” उन्होंने कहा, “इस मामले की जांच उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से कराई जानी चाहिए। पंजाब सरकार को जांच में सीबीआई और एनआईए की मदद भी सुनिश्चित करनी चाहिए।” मू

सेवाला के पिता ने मांग की कि उनके बेटे की सुरक्षा की समीक्षा करने वाले और सुरक्षा वापस लिए जाने संबंधी आदेश को सार्वजनिक करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए। मूसेवाला (28) की रविवार को पंजाब के मानसा जिले में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

मूसेवाला के चचेरे भाई और एक दोस्त उनके साथ महिंद्रा थार जीप में यात्रा कर रहे थे ,वह दोनों हमले में घायल हो गए। पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वी के भावरा ने रविवार को कहा था कि मशहूर गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या गिरोहों के बीच आपसी दुश्मनी का परिणाम लग रही है और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह इसमें शामिल है।

भावरा ने कहा कि घटनास्थल से गोलियों के 30 खोखे बरामद किए गए हैं। उन्होंने अनुमान जताया कि वारदात में कम से कम तीन हथियारों का इस्तेमाल किया गया होगा।

पुलिस महानिदेशक के मुताबिक मानसा जिले में वारदात के समय मूसेवाला अपने साथ तैनात दो कमांडो को साथ नहीं ले गए थे। उन्होंने बताया कि मूसेवाला अपना निजी बुलेट प्रूफ वाहन भी नहीं ले गए थे। 

ज्ञानवापी मामला : अधूरी रही मुस्लिम पक्ष की जिरह, अगली सुनवाई 4 जुलाई को

वाराणसी/भाषा: उत्तर प्रदेश के वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले की सुनवाई करने के औचित्य के मुद्दे पर सोमवार को भी मुस्लिम पक्ष की जिरह पूरी नहीं हो पाई। अदालत ने मामले की सुनवाई की अगली तिथि चार जुलाई नियत की है।
   
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने संवाददाताओं को बताया कि जिला न्यायाधीश एके विश्वेश की अदालत में मामले की सुनवाई करने के औचित्य संबंधी याचिका पर मुस्लिम पक्ष की जिरह आज भी जारी रही और उसके मुकम्मल होने से पहले ही अदालत का समय समाप्त हो गया, जिसके बाद अदालत ने कहा कि वह अब इस मामले को एक जून से शुरू होने वाली गर्मियों की छुट्टी के बाद चार जुलाई को सुनेगी। 

इससे पहले शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलें अदालत में रखनी शुरू की थीं, जो आज भी जारी रहीं। 
जैन ने बताया कि अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे की रिपोर्ट मामले के सभी पक्षों को उपलब्ध कराई जाएगी। मगर इसके लिए क्या शर्ते होंगी वह अदालत ही बताएगी। 

गौरतलब है कि दिल्ली निवासी राखी सिंह तथा पांच अन्य महिलाओं ने ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर में शृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना करने और विभिन्न विग्रहों की सुरक्षा से संबंधित एक याचिका दायर की थी। 
इस मामले में सिविल जज (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने पिछले 26 अप्रैल को परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे कराने के आदेश दिए थे। इस सर्वे की रिपोर्ट पिछली 19 मई को अदालत में पेश की गई थी। सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया था जिसे मुस्लिम पक्ष ने खारिज करते हुए कहा था कि वह शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा है। 

इसी बीच उच्चतम न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष की एक याचिका पर मामले को जिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत में अर्जी देकर कहा था कि यह मामला उपासना स्थल कानून के प्रावधानों के खिलाफ है लिहाजा यह सुनवाई किए जाने योग्य ही नहीं है। अदालत ने सोमवार को इसी मामले पर सुनवाई की। 

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