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हिन्दुत्व और हिन्दू राष्ट्र की धारणा को डाॅ अम्बेडकर ने देश और लोकतंत्र के खिलाफ क्यों माना!

पिछली शताब्दी के सन् चालीस के दशक में भी हिन्दुत्व और हिन्दू राष्ट्र की आवाजें उठाई जा रही थीं..तब डाॅक्टर बी आर अम्बेडकर ने हिन्दुत्व और हिन्दू राष्ट्र की धारणा का जमकर विरोध किया था और उसे देश और लोकतंत्र के लिए खतरा बताया था.

पिछली शताब्दी के सन् चालीस के दशक में भी हिन्दुत्व और हिन्दू राष्ट्र की आवाजें उठाई जा रही थीं..तब डाॅक्टर बी आर अम्बेडकर ने हिन्दुत्व और हिन्दू राष्ट्र की धारणा का जमकर विरोध किया था और उसे देश और लोकतंत्र के लिए खतरा बताया था. आज देश के सत्ताधारियों के संगठन और उनके समर्थकों की तरफ से हिन्दुत्व और हिन्दू राष्ट्र की बेसुरी आवाजें फिर से उठाई जा रही हैं. ऐसे में सरकार में बैठे लोगों के 'अम्बेडकर-प्रेम' की असलियत उजागर हो जाती है. वे अम्बेडकर को श्रद्धा के कारण याद करते हैं या सिर्फ गरीबों, दलितों और उत्पीड़ितों के वोट पाने के लिए? सत्ताधारी नेताओं की उनके प्रति कथित श्रद्धा पर सवाल उठा रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश:

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