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अमेरिकी चश्मे से रूस में असफल तख़्तापलट को देखना कितना उचित है !

यूक्रेन युद्ध ने सीआईए की रूस के प्रति खोखली समझ को बुरी तरह उजागर कर दिया है।
US

येवगेनी प्रिगोझिन द्वारा रूस में किए गए असफल तख्तापलट के बारे में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणियां एक नए पश्चिमी नैरेटिव के तहत बड़ी जटिलता के साथ तब सामने आईं, जिसमें कहा गया कि 23-24 जून की नाटकीय घटनाओं ने रूसी व्यवस्था के भीतर व्याप्त "दरारों" को उजागर किया है।

किसी को भी इस बात को समझाने की परवाह नहीं है कि ये "दरारें" क्या हैं, लेकिन उनकी टिप्पणी से पता चलता है कि रूस विस्फोट की तरफ बढ़ रहा है। ट्रंप के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शायद "कुछ हद तक कमजोर" हो गए हैं, जिससे अमेरिका के लिए यूक्रेन में शांति समझौता करने का अवसर पैदा हो गया है।

ट्रंप ने यूक्रेन में संघर्ष को ख़त्म करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए तथा ज़मीनी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए कहा कि समझौते के तहत रूस को क्षेत्रीय रियायतें दी जा सकती हैं। हालांकि, बाइडेन प्रशासन इन दलीलों पर ध्यान देगा इसकी संभावना नहीं है।

इस संदर्भ में, 1 जुलाई को दक्षिण पूर्व इंग्लैंड के एक औपचारिक काउंटी ऑक्सफ़ोर्डशायर में डिचले फाउंडेशन के एक कार्यक्रम में दिए गए एक व्याख्यान में सीआईए निदेशक विलियम बर्न्स की टिप्पणियां बहुत दिलचस्प हैं। दिलचस्प इसलिए हैं, क्योंकि इसकी पृष्ठभूमि यूक्रेन का युद्धक्षेत्र है। कीव का "जवाबी हमला", उसकी इच्छाओं के विरुद्ध और लगभग पूरी तरह से वाशिंगटन के दबाव के कारण है जो अब लड़खड़ा रहा है और नाटो के सामने आने वाली विनाशकारी राजनीतिक-सैन्य हार को रेखांकित करता है।

फिर भी, बर्न्स ने स्पष्ट दावा किया, “पुतिन का युद्ध पहले से ही रूस के लिए एक रणनीतिक विफलता रही है- इसकी सैन्य कमजोरियां उजागर हुईं हैं; आने वाले वर्षों में इसकी अर्थव्यवस्था बुरी तरह क्षतिग्रस्त होगी; पुतिन की गलतियों के कारण यह भविष्य में चीन का जूनियर पार्टनर और आर्थिक उपनिवेश बनने जा रहा है; नाटो ने इसकी विद्रोहवादी महत्वाकांक्षाओं को कुंद कर दिया है और नाटो अब और बड़ा और मजबूत हो गया है।”

बर्न्स के प्रत्येक तर्क पर बहस हो सकती है। फिर, वे प्रिगोज़िन के तख्तापलट के प्रयास को "यूक्रेन पर आक्रमण करने के लिए क्रेमलिन के झूठे तर्क और रूसी सैन्य नेतृत्व के युद्ध के आचरण को एक तीखे अभियोग" या आरोप के रूप में देखता है... युद्ध के प्रति असंतोष रूसी नेतृत्व को परेशान करता रहेगा... रूस में असंतोष सीआईए, जो हमारी मुख्य मानव खुफिया सेवा है, हमारे लिए पीढ़ी में मिलने वाला एक अवसर पैदा करता है। हम इसे बर्बाद नहीं होने देंगे (इंटरनेट के माध्यम से रूसी एजेंटों की भर्ती के लिए एक नए सीआईए अभियान के बारे में दावा करते हुए ऐसा कहा गया)।”

बर्न्स ने मॉस्को दूतावास में परामर्शदाता के रूप में काम करते हुए चेचन्या में खूनी विद्रोह (सीआईए द्वारा संचालित) को संभाला था। इसलिए, उन्हें उस ऐतिहासिक सच्चाई से कोई तकलीफ़ नहीं होनी चाहिए जिसे विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पिछले दिन याद किया था, "रूस कठिनाइयों का सामना करने के बाद अधिक लचीला और मजबूत होकर उभरता है - और इसे (प्राइगोझिन के विद्रोह) को कठिनाइयों से अधिक कुछ भी कहना गलत होगा। इसके अलावा, हमें पहले से ही लगता है कि प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।”

जो लोग झूठी और मनगढ़ंत कहानियां गढ़ते हैं वे अक्सर उनके उपभोक्ता बनने का जोखिम उठाते हैं। सोवियत संघ के विघटन के अधूरे कार्य ने 1990 के दशक की शुरुआत में अमेरिकी कूटनीति को रूसी संघ को घेरने और बाधित करने की परियोजना में बदल दिया है। इसका दूसरा पक्ष यूक्रेन को रूस विरोधी राज्य के रूप में बदलने का प्रयास और वारसा संधि गठबंधन के क्षेत्रों में नाटो के विस्तार पर क्लिंटन प्रशासन का गलत निर्णय था।

इन रणनीतिक भूलों का प्रत्यक्ष गवाह होने के नाते, बर्न्स राष्ट्रपति बाइडेन को याद दिलाते हुए कहते हैं कि सीआईए उत्तरी काकेशस में अलगाववाद को बढ़ावा देने और नवोदित रूसी संघ की एकता और अखंडता को कमजोर करने के लिए, यूक्रेन और जॉर्जिया में अमेरिकी हस्तक्षेप की साजिश रच रहा था। पूर्व यूगोस्लाविया का विघटन, नाटो का विस्तार - इन सभी ने रूस के वैध सुरक्षा हितों को रौंद दिया है, जिसने अंततः 1990 के दशक के अंत तक रूस के बाहर एक प्रतिद्वंद्वी पैदा कर दिया था। लेकिन बर्न्स इसके बजाय सारा दोष पुतिन पर मढ़ते हैं, जो सन 2000 में सत्ता में आए थे।

जब तक ऐसी पेटेंट बौद्धिक और नैतिक बेईमानी अमेरिकी सोच में व्याप्त है, तब तक पारस्परिक सम्मान के साथ वास्तविक यूएस-रूस संवाद कैसे हो सकता है?

ट्रंप ने वैगनर प्रकरण को बेहतरीन परिप्रेक्ष्य में रखा। वास्तव में, पुतिन "कुछ हद तक कमजोर" हुए हैं, लेकिन इसका मुख्य कारण प्रिगोझिन है, जो असाधारण रूप से प्रतिभाशाली और कम समय में उभर गया था, ने पुतिन के साथ निकटता का फायदा उठाते हुए एक खास दृष्टिकोण विकसित किया और इसका इस्तेमाल बड़ी संपत्ति अर्जित करने और सभी प्रकार की नापाक गतिविधियों को करने के लिए किया था। पुतिन की गलती यह थी कि वे उसके अनुचित व्यवहार को स्पष्ट रूप से समझ नहीं कर पाए और इसने उन्हें "कुछ हद तक कमजोर" कर दिया है।

दूसरी ओर, यह घटना अमेरिका सहित सभी राजनीतिक प्रणालियों के लिए ऊपर से नीचे तक स्थानिक है, जहां कोई भी इसकी सत्यता की जांच करने की स्थिति में नहीं है कि वह निर्णय लेने वालों में शामिल है।

अंतिम विश्लेषण तो यही कहता है कि पुतिन लोगों के प्रति जवाबदेह हैं। याद रखें कि पुतिन 2018 में पेंशन सुधारों पर कैसे "पीछे हटे" थे? कथित तौर पर, क्रेमलिन ने 2024 के राष्ट्रपति अभियान की तैयारी शुरू कर दी है, इसलिए, आने वाले महीनों में देखा जाएगा कि पुतिन प्रिगोझिन के राजद्रोह से कैसे निपटते हैं, उस पर बारीकी से नजर रखी जाएगी।

लब्बोलुआब यह है कि पुतिन बड़े पैमाने पर रक्तपात को रोकने में सफल रहे, जिसे सीआईए ने कथित तौर पर प्रिगोझिन के तख्तापलट के प्रयास की प्रत्याशा में अमेरिकी सांसदों को अपनी शीर्ष गुप्त ब्रीफिंग में बताया था।

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने सोमवार को एक रपट में बताया कि वैगनर पर पुतिन का कॉर्पोरेट अधिग्रहण शुरू हो गया है, जो दर्शाता है कि रूसी राज्य पहले से ही प्रिगोझिन द्वारा बनाए गए विशाल व्यापारिक साम्राज्य और उसकी भूलभुलैया वाली गतिविधियों पर नजर रख रहा है।

जर्नल का अनुमान है कि प्रिगोझिन ने "दुनिया की सबसे जटिल और गैर-जिम्मेदार कॉर्पोरेट संरचनाओं में से एक का निर्माण किया है, रूस और अन्य जगहों में सैकड़ों कंपनियों का एक भारी-स्वीकृत स्पाइडरग्राम जो अक्सर अपने हजारों श्रमिकों, भाड़े के सैनिकों, लाइन रसोइयों, खनन भूवैज्ञानिकों और सामाजिक संगठनों, सोशल मीडिया ट्रोल को कैश में भुगतान करता था। अफ्रीकी सरकारों के साथ, वैगनर से जुड़ी कंपनियों के कई सौदे अनौपचारिक थे, जो तस्करी और अवैध हस्तांतरण पर निर्भर थे और व्यक्तिगत रूप से प्रिगोझिन खुद इन पर बातचीत करते थे... प्रिगोझिन ने विद्रोह से पहले के हफ्तों में अपनी कुछ हिस्सेदारी कर्मचारियों को हस्तांतरित कर दी थी, जिससे संभावित रूप से वे सरकार के नियंत्रण से बाहर हो गए और हालात अधिक जटिल हो गए थे।"

इन सबके लिए पुतिन कैसे जिम्मेदार हैं? जबकि राष्ट्रपति बाइडेन अपने बेटे के संदिग्ध व्यापारिक सौदों के मामले में जवाबदेह होने से इनकार करते हैं! बर्न्स इस बात को नज़रअंदाज कर देते हैं कि जब राजनीतिक विद्वता की बात आती है तो रूसी लोग अमेरिकी जनता से ऊपर हैं - सोवियत काल में उनके पास सामाजिक गठन की असाधारण ऊंचाइयों की विरासत है। यही कारण है कि ऑरवेलियन मीडिया सेंसरशिप जो आज अमेरिका में हो रही है वह रूसी समाज में काम नहीं कर सकती है जहां लोग तथ्यों को इकट्ठा करने के लिए पर्याप्त साक्षर हैं – जो भोले-भाले औसत अमेरिकी से अलग हैं।

रूसी लोगों के मन में कुलीन वर्गों के प्रति कोई प्रेम नहीं है और वे प्रिगोझिन को न्याय के कटघरे में जकड़ने के लिए क्रेमलिन के कदमों का भारी समर्थन करेंगे। समान रूप से, इसमें कोई संदेह नहीं है कि रूसी समाज के सभी वर्ग पुतिन के पीछे एकजुट हो गए हैं जिन्होंने बिना रक्तपात के तख्तापलट की साजिश रचने वालों को तितर-बितर कर दिया है। प्रिगोझिन को जनाधार वाले किसी करिश्माई व्यक्ति के रूप में चित्रित करने का पश्चिमी प्रयास बिल्कुल बकवास भरा क़दम है।

इस तरह दूसरे के बुरे वक़्त से खुश होना केवल तर्कसंगत सोच को धूमिल कर सकता है। ट्रंप रूस पर विशेषज्ञता रखने वाले कैरियर राजनयिक नहीं हैं, लेकिन उनकी सहज अनुभूति ने महसूस किया कि यूक्रेन संकट को बातचीत की मेज पर ले जाने के लिए बाइडेन प्रशासन के सामने अवसर की एक खिड़की खुल गई है - जिसका अर्थ है, रूस और पुतिन यहां टीके रहेंगे और वे ही किसी भी वार्ता के प्रामाणिक वार्ताकार होंगे।  

बर्न्स के भाषण की एकमात्र अच्छी बात यह है कि उन्होंने रूस को हराने के बारे में डींगें हांकने से परहेज किया है। छद्म युद्ध फ्लॉप साबित हुआ और अब सीआईए रूस के आंतरिक विध्वंस के हरे-भरे चरागाहों में लौट आई है। अंत में, रूस की सैन्य हार की बदनाम कहानी की जगह एक नई कहानी ले ली गई है। यूक्रेन युद्ध ने सीआईए की रूस के प्रति उथली या खोखली समझ को बुरी तरह उजागर कर दिया है।

बर्न्स ने रूस को "शिकायत, महत्वाकांक्षा और असुरक्षा का ज्वलनशील संयोजन कहा और कहा कि पुतिन इसका प्रतीक है।" उनका कहना है कि रूस "हमें लगातार इस बात की याद दिलाता है कि घटती शक्तियां कम से कम बढ़ती शक्तियों जितनी ही विघटनकारी हो सकती हैं।" हेलो, यह अमेरिका को किस स्थिति में रखता है? क्या "उभरती शक्तियों के रुप में"?  

(एम.के. भद्रकुमार पूर्व राजनयिक हैं। वे उज्बेकिस्तान और तुर्की में भारत के राजदूत रह चुके हैं। विचार निजी हैं)

अंग्रेज़ी में मूल रुप से प्रकाशित लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें :

Failed Coup in Russia Through American Looking Glass

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